उद्यमियों की समस्याओं को शीर्ष प्राथमिकता पर करें निस्तारित
बैंकर्स बैंको में लम्बित आवेदन पत्रों को बिना किसी देरी के करें निस्तारित
शासन द्वारा संचालित रोजगार परक योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराकर अधिक से अधिक लोगो को करायें लाभान्वित-मण्डलायुक्त
प्रयागराज। मण्डलायुक्त संजय गोयल की अध्यक्षता में गांधी सभागार में मण्डलीय उद्योग बन्धु की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में मण्डलायुक्त ने सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को उद्यमियों की समस्याओं को शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारित करने के निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि उद्योग धंधों को बढ़ावा देना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले बिंदुओं में से एक है। उद्यमियों की समस्याओं के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि उद्योग धंधों के बढ़ने से लोगो को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
SSP अलीगढ़ की शराब माफियाओं पर बड़ी कार्यवाही
77 अभियुक्तो को भेजा गया जेल, 42 बैंक खाते फ्रीज
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी अलीगढ़ के एसएसपी कलानिधि नैथानी के द्वारा जिले में शराब माफियाओं के विरुद्ध एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है जिसमें अब तक शराब माफियाओं के विरुद्ध 25 मुकदमे दर्ज करके 77 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
जेल भेजे गए अपराधियो में एक लाख का इनामी ऋषि शर्मा 50 हजार का इनामी विपिन यादव 25 हजार का इनामी नीरज चौधरी, मुनीश शर्मा, मदन गोपाल उर्फ कालिया, रामनिवास, अनिल कुमार इसके अलावा 15 हजार का इनामी रविंद्र यादव को अलीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
भारत में वयस्क मताधिकार की कहानी
यह बहुत से लोगों को ज्ञात नहीं है कि प्राचीन भारत के कई हिस्सों में सरकार के गणराज्य के स्वरूप मौजूद थे और बौद्ध साहित्य में कई उदाहरण हैं। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में, क्षुद्रक-मल्ला संघ के रूप में जाना जाने वाला एक गणतंत्र संघ था, जिसने सिकंदर महान को मजबूत प्रतिरोध की पेशकश की थी। यूनानियों ने भारत में कई अन्य गणतांत्रिक राज्यों का विवरण छोड़ा है, जिनमें से कुछ को उनके द्वारा शुद्ध लोकतंत्र के रूप में वर्णित किया गया था जबकि अन्य को “कुलीन गणराज्य” कहा गया था।
Read More »एनटीपीसी के वैक्सीनेशन सेंटर पर गाइडलाइन दरकिनार
व्यवस्था में क्षेत्रीय ग्रामीणों की सुविधा में नजर आईं खामियां, कर्मचारियों के लिए पहले आप की व्यवस्था
ऊंचाहार/रायबरेली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच देश भर में 18 से 44 साल के लोगों के भी वैक्सीनेशन का दौर शुरू हो चुका है।इस बीच जनपद के ऊंचाहार क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर वैक्सीनेशन का कार्य ठीक तरीके से चल रहा है। बताते चलें कि क्षेत्र की ही विद्युत उत्पादन कंपनी एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा अपने कर्मचारियों को (45 से 60 वर्ष) वैक्सीन लगवाने के लिए पहले तो आवासीय परिसर में बने जीवन ज्योत चिकित्सालय में वैक्सीनेशन सेंटर को बनाया गया था तत्पश्चात जब सरकार द्वारा 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए भी वैक्सीनेशन का कार्य प्रारंभ किया गया तब एनटीपीसी प्रबंधन ने वैक्सीनेशन सेंटर को अपने जीवन ज्योति चिकित्सालय के परिसर से हटाकर चिकित्सालय के ही बगल में बने प्रियदर्शनी क्लब/बाल भवन में वैक्सीनेशन का कार्य शुरू करवाया।
जिंदगी के नियम भी कबड्डी के खेल जैसे हैं – सफलता की लाइन टच करते ही लोग आपके पैर खींचने लग जाते हैं
श्रेष्ठतम सफलता, कांटो का ताज – हिम्मत, हौसला और जज़्बा रूपी मंत्रों का प्रयोग जरूरी – एड किशन भावनानी
किसी ने ठीक ही कहा है कि “तू अपनी खूबियां ढूंढ,कमियां निकालने के लिए लोग हैं”। “अगर रखना ही है कदम तो आगे रख, पीछे खींचने के लिए लोग हैं”, वाह क्या बात है!!!…साथियों हमारे बड़े बुजुर्गों की जो कहावतें हैं, वह आदिलोक आदिकाल की हैं, परंतु हम आज के युग में भी और अपनी अगली पीढ़ियों में भीदेखेंगे तो यह बिल्कुल फिट बैठती है। बड़े बुजुर्गों के एक-एक शब्द हीरे मोती के तुल्य हैं, बस पहचानने वाले जौहरी वाली नजर की जरूरत है।
आज की पीढ़ी और माँ बाप
कुछ घरों में माँ बाप के हालात देखकर आँखें भर आती है। नये ज़माने के बच्चों की दुनिया में क्यूँ समा नहीं सकते माँ-बाप जब ये बच्चें बड़े हो जाते है। क्यूँ वो बच्चें इतने ज़्यादा समझदार हो जाते है जब माँ-बाप बूढ़े हो जाते है। माँ-बाप दो मिलकर दो तीन बच्चों को लाड़ से पालते है पर दो तीन बच्चें मिलकर माँ बाप को ढंग से रख नहीं सकते।
माना की एक पीढ़ी का अंतर हो जाता है माँ बाप और बच्चों की सोच के बीच। पर जिनको अपने पैरों पर चलना सिखाया वही बच्चें बोलते है की आपको कुछ पता नहीं, आप नहीं समझेंगे या आपको कुछ आता नहीं ये कहाँ के संस्कार है।
वह कोठे वाली जो ठहरी
“फूलों को कहाँ शौक़ बर्बादी का, भंवरों की फ़ितरत है चूसने वाली”
रुह उसकी छटपटाती पड़ी है खुद के वजूद को समेटे खामोशी ओढ़े एक गंदी नाली के कीड़े सी, आस-पास भूखे भेड़िए रेंगते है तन पिपासा की लालसा लिये। कहाँ शौक़ उसे कोठे वाली कहलाने का, पेट की आग के आगे परवश हो कर बिछ जाता है तन वहसिओं का बिछौना बनकर, उसके मन की पाक भूमि को कचोटती है ये क्रिया। किसको परवाह की दो बोल से नवाज़े शब्दों में पिरोकर हमदर्दी।
भाता है उसे खुद को पहने रहना क्यूँ कोई उसके अहसास को ओढ़े। दिन में नफ़रत भरी नज़रों के नज़रिये से तौलने वाले रात की रंगीनीयों में पैसों का ढ़ेर लगाते है। पी कर उसके हाथों से जाम ज़हर आँखों से घोलते है। कोई तो देह से परे उसकी पाक रुह को छूता जो पड़ी है अनछूई नीर सी निर्मल।
जो जीना चाहती है एक उजली ज़िस्त
तीसरी लहर के भयावह रूप को न्योता देती लापरवाही चिंता बढ़ाते कोरोना के टूटते नियम
दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले चुकी कोरोना महामारी से जंग जीतने में इजरायल स्वयं को कोविड मुक्त घोषित करने वाला दुनिया का पहला ऐसा देश बन चुका है, जहां 70 फीसदी से ज्यादा आबादी का वैक्सीनेशन किए जाने के बाद सरकार द्वारा फेस मास्क लगाने के अनिवार्य नियम को हटा दिया गया है। इसके अलावा केवल दो सप्ताह में ही 90 फीसदी से भी ज्यादा व्यस्क आबादी का वैक्सीनेशन करने वाला भूटान, कड़े निर्णयों की बदौलत न्यूजीलैंड, ज्यादातर आबादी का वैक्सीनेशन होने के कारण चीन तथा पूर्ण रूप से वैक्सीनेशन होने के पश्चात् अमेरिका में भी कई जगह मास्क फ्री हो गई हैं। अमेरिका में तो सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा घोषणा भी की जा चुकी है कि जो लोग पूरी तरह से कोविड वैक्सीन लगवा चुके हैं, उन्हें अब अकेले चलते समय, दौड़ते, लंबी पैदल यात्रा या बाइक चलाते समय बाहर मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है।
Read More »मुंशीगंज नगर पालिका कर रही ग्रामीणों की धार्मिक आस्था से खिलवाड़
क्षतिग्रस्त मुंशीगंज चौराहा, गंदगी एवं मुंशीगंज के एक तालाब को कूड़े के ढेर से ढांकने की कोशिश
मुंशीगंज/रायबरेली। जनपद के मुंशीगंज क्षेत्र में नगर पालिका द्वारा किए गए विकास के दावों की पोल खुल रही नगर पालिका ही जिला प्रशासन और सरकार के स्वच्छता अभियान के आदेशों की धज्जियां उड़ा रही है। मुंशीगंज से जनपद की दूरी मात्र 2 या 3 किलोमीटर की होगी चौराहे से जिले का सबसे बड़ा हॉस्पिटल एम्स को जाने का रास्ता चौराहे से महेश चंद किलोमीटर की दूरी पर जिले का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है लेकिन क्षेत्र के मुख्य चौराहे और एम्स हॉस्पिटल को जाने वाला रास्ता बेहद ही क्षतिग्रस्त है जिस पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती चौराहे पर पुलिस चौकी बने होने के बावजूद चौकी और चौराहे पर बने प्रसिद्ध हनुमान मंदिर की दूरी महज 50 मीटर की होगी फिर भी स्थानीय प्रशासन नगर पालिका के द्वारा ग्रामीणों की धार्मिक आस्था से खिलवाड़ किए जाने पर चुप्पी साधे हुए है।
हमारा गुस्सा और क्रोध हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह में से एक है
हर बात और स्थिति को अत्यंत सहजता में लेना ही गुस्से और क्रोध पर नियंत्रण का मूल मंत्र हैं – एड किशन भावनानी
आज के युग में हर व्यक्ति को जीवन के किसी न किसी पड़ाव में विपरीत परिस्थितियों का निर्माण होने के कारणों में कहीं ना कहीं एक कारण उसका गुस्सा या क्रोध भी होगा। अगर हम अत्यंत संवेदनशीलता और गहनता से उत्पन्न हुई उन परिस्थितियों की गहनता से जांच करेंगे तो हमें जरूर यह कारण महसूस होगा। गुस्से और क्रोध का वह छोटा सा पल ऐसी अनेकों विकराल स्थितियों और परिस्थितियों को पैदा कर देता है, जिसकी हमें उम्मीद भी नहीं रहती और फिर बड़े बुजुर्ग लोग कहते हैं ना कि, जब चिड़िया चुग गई खेत अब पछतावे का होए। बस हमें उस गुस्से क्रोध के उस पल को काबू में रखने के मंत्र सीखने होंगे जो कि आसान है।