कानपुर नगर, जन सामना संवाददाता। राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा का है जुनून, दामोदर नगर निवासी जे.एन. कटियार प्रदेश महासचिव, अपना दल (एस) केमिकल का अपना व्यवसाय है। इसी के चलते इन्होंने सोचा और निर्णय लिया कि इस वैश्विक महामारी कोविड-19 जो पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है, जो वायरस कहीं भी छिपा रह सकता है। तो क्यों न हम अपने व्यवसाय से जुड़ी चीजों का इस्तेमाल करके एक छोटा सा प्रयास करें और अपने आस-पास में रहने वाले क्षेत्रीय लोगों की सेवा करें जिससे लोगों को अपने अन्दर बैठे डर को निकलने में मदद भी मिलेगी। जे.एन. कटियार बताते है कि जब से लॉक डाउन हुआ है तब से प्रतिदिन हमारे यहाँ से बना हुआ सेनेटाइजर लोग ले जाते हैं जो बिल्कुल निःशुल्क है। अब तक दो सौ पचास लीटर सेनेटाइजर बाँट चुके है, इसके साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में केमिकल डाल कर मशीन द्वारा छिड़काव भी कराया जा रहा है। स्वयं भी सुबह हाथ वाली बोतल स्प्रे लेकर आस-पास मकानों के मेन गेटों पर स्प्रे करते है इससे आनंद की प्राप्ति होती है।
शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले के बाद ही शुरू होंगे जिले के अंदर के तबादले
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। परिषदीय शिक्षकों के बहुप्रतीक्षित अंतर्जनपदीय तबादले पर संकट के बादल मडराने लगे हैं। अंतर्जनपदीय तबादले में शिक्षकों के आवेदन से लेकर सत्यापन तक की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है लेकिन तबादले की अंतिम सूची प्रकाशन होने में अभी कितने दिन और लगेंगे इस पर स्थिति साफ नहीं है। बेसिक शिक्षकों के अंतर्जनपदीय व पारस्परिक स्थानान्तरण पूरे होने के बाद ही जिले के भीतर तबादलों का दौर शुरू होगा, लेकिन जब तक अंतर्जनपदीय और पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया लटकी रहेगी तब तक जिलों के भीतर भी तबादले लटके रहेंगे। जिले के अंदर तबादले अंतर्जनपदीय तबादले के बाद ही होते हैं क्योंकि रिक्त पदों की जानकारी तभी ही स्पष्ट हो पाती है। देशव्यापी लॉकडाउन के चलते 14 मार्च से सभी बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल बंद हैं।
Read More »प्रस्तावित नई शिक्षा नीति में ऑनलाइन शिक्षा को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोरोना संकट ने देश की पूरी शिक्षा व्यवस्था को जहां क्लास रूम से निकालकर ऑनलाइन शिक्षा की ओर ले जाने पर मजबूर कर दिया है वहीं प्रस्तावित नई शिक्षा नीति में भी अब इसको लेकर बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। फिलहाल इसे लेकर नीति का ड्राफ्ट तैयार करने वाली कमेटी भी सामने आयी है। कमेटी के दो वरिष्ठ सदस्यों ने कोरोना संकट के बाद प्रस्तावित नीति की नये सिरे से समीक्षा की जरूरत बताई है।
नई शिक्षा नीति की समीक्षा की तेज हुई मांग-
कमेटी के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर राम शंकर कुरील के मुताबिक कोरोना जैसी महामारी ने शिक्षा के सामने जो चुनौती खड़ी की है निश्चित ही भविष्य में हमें ऐसी चुनौतियों से निपटने की पूरी तैयारी रखनी होगी।
डिप्रेशन से निजात दिलाता है नियमित व्यायाम, मूड भी रखता है दुरुस्त

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15 नये केस कोविड-19 के कानपुर में संख्या पहुंची 284
कानपुर, अर्पण कश्यप। कानपुर के लिए आज का दिन राहत और आफत दोनों लेकर आया आज नए 15 पॉजिटिव केस आये सामने। सभी केस 5 पुराने हॉट स्पॉट क्षेत्र के है। कानपुर में संक्रमित 15 मरीज सही होकर आज डिस्चार्ज हुए। कानपुर में कुल केस की संख्या पहुँची 284, ठीक होकर कुल डिस्चार्ज हुए मरीज 49, कुल एक्टिव केस 229, अब तक 6 लोगों की हो चुकी है मौत।
कानपुर सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) अशोक शुक्ला द्वारा मिली जानकारी के अनुसार आज 15 नये केस मिलने के साथ ही 15 पुराने मरीजों का सफल इलाज कर उन्हे डिस्चार्ज करने से प्रशासन को बड़ी राहत मिली। इस तरह से कानपुर में ठीक हुये मरीजों की संख्या भी 49 पहुंची वही मरने वालो की कुल संख्या 6 हैं। एवं कुल एक्टिव 229 हैं।
लॉकडाउन के दौरान दवा खरीद को सुगम बनाने के लिए व्हाट्सएप और ई-मेल पर ऑर्डर स्वीकार
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। लॉकडाउन के बीच केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत कई प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (पीएमबीजेके) व्हाट्सएप और ई-मेल पर दवा के लिए ऑर्डर स्वीकार कर रहे हैं जहां अपलोडेड प्रस्क्रिप्शनों के आधार पर रोगियों के दरवाजों तक दवाओं को पहुंचाया जा रहा है। यह अभिनव पहल यूजरों द्वारा दवाओं की आसान खरीद को सुगम बनाने में प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित कर रही है। पीएमबीजेके को इस पहल के लिए बधाई देते हुए केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री डीवी सदानंद देवगौड़ा ने कहा, ‘ यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि कई पीएमबीजेके व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित आधुनिक संचार माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं जिससे कि जरूरतमंदों को अनिवार्य दवाओं की त्वरित प्रदायगी के द्वारा बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके।
ईपीएफओ ने अपने पेंशनधारकों को 764 करोड़ रुपये जारी किए
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। ईपीएफओ के पास अपनी पेंशन योजना के तहत 65 लाख पेंशनधारक हैं। ईपीएफओं के सभी 135 प्रक्षेत्र अधिकारियों ने राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन के कारण पेंशनधारकों को असुविधा से बचाने के लिए अग्रिम रूप से अप्रैल, 2020 के पेंशन भुगतान को प्रोसेस किया।
ईपीएफओं के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पूरे भारत में पेंशन संवितरण बैंकों की सभी नोडल शाखाओं को 764 करोड़ रुपये भेजने के लिए सभी प्रकार की कठिनाइयों का सामना किया। सभी बैंक शाखाओं को समय पर पेंशनधारकों के खातों में पेंशन के क्रेडिट को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं।
कोविड-19 संकट के दौरान पेंशनधारकों को राहत प्रदान करने के लिए ईपीएफओ द्वारा आवश्यकता की इस घड़ी में पेंशन के सही समय पर क्रेडिट किए जाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी ने राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी ने अपने नए कार्यालय में पद भार ग्रहण करने के बाद केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इससे पूर्व, श्री कोठारी राष्ट्रपति के सचिव थे।
उन्होंने डॉ. जितेंद्र सिंह को अवगत कराया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग के अधिकार क्षेत्र को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जम्मू एवं कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश तक विस्तारित कर दिया गया है।
मनरेगा कार्य का विरोध करने पर पहुंचे अफसर
पोखर में गंदा पानी जाने के लिए बनाया रास्ता
सासनी/हाथरस, जन सामना संवाददाता। गांव दरकौला में सड़क पर घूम रहे गंदे पानी की निकासी को लेकर मनरेगा मजदूरों द्वारा बनाई जा रही नाली का कुछ ग्रामीणों के विरोध करने पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने समाधान कर मामले को शांत कर दिया।
बता दें कि काफी लंबे समय से गांव के गंदे पानी को पोखर में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था। जिसे लेकर ग्रामीणों ने अफसरों से शिकायत की तो अफसरों ने समाधान के लिए लेखपाल एवं अन्य संबधित अधिकारियों को भेजकर समाधान का रास्ता निकाला। मगर समय रहते मामला अधर में ही लटका रहा। अब मनरेगा का काम शुरू हो गया। जिसमें मजदूरों द्वारा गंदे पानी की निकासी के लिए नाली का बनाया जाना शुरू कर दिया। इसका कुछ ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया। जिसे लेकर मामला बिगडता देख प्रधान एवं ग्राम रोजगार सेवक ने पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों को फोन कर दिया। फोन पर सूचना पाकर पुलिस एवं तहसीलदार निधि भारद्वजा मौके पर पहुंचे और मामले को शांत किया। इस दौरान पुलिस कुछ लोगों को कोतवाली ले आई मगर मामला सुलझने के बाद उन्हें छोड दिया गया।
वहीं तसहसीलदार ने बताया कि गांव का गंदा पानी पोखर में जाने के लिए कार्र होने तक रोक दिया गया है। मनरेगा निर्माण के बाद गांव का गंदा पानी पोखर में ही जाएगा। इसके लिए मनरेगा कार्र के अंतर्गत नाली निर्माण कराया जाएगा।
गांव का पानी खेतों में फसल हो रही बर्वाद, ग्रामीण ने एसडीएम से की शिकायत
सासनी/हाथरस, जन सामना संवाददाता। गांव बत्तीसा के माजरा कौमरी में एक किसान के खेत में गांव का गंदा पानी जा रहा है, जिससे उसकी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। और आगे भी होगा। इसकी शिकायत पीडि ने एसडीएम हरीशंकर यादव से की है।
मंगलवार को पीडित सुनील कुमार ने कहा है कि गांव की नालियों का पानी उसके खेतों में जा रहा है। जिससे उसकी फसलों में बहुत नुकसान हुआ है। यदि इस पानी को नहीं रोका गया तो और भी नुकसान हो सकता है। पीडित ने कहा है कि गांव में लोगों के यहां लगी समसिवल का पानी बे हिसाब नालियों में चलता है और यह पानी उसके खेतों की ओर मुड जाता है, गांव में पानी पोखर में जाना चाहिए। यह पोखर नामजद ने दबंगई के बल पर खेतों में मिला रखी है। पीडित ने एसडीएम से खेतों में जाने वाले पानी को पोखर में भिजवाने की गुहार लगाई है। वहीं एसडीएम ने राजस्व निरीक्षक को जांच के आदेशकर कार्रवाई के निर्देश दिए है।