12 दिसम्बर तक आवेदन जमा करे।
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु छात्रवृत्ति के पोर्टल http:scholarship.up.nic.in पर छात्र के लाॅगिन से आवेदन की स्थिति को जानने के लिये यहां क्लिक करें आप्शन पर जाना है। उक्त लाॅगिन पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र, राज्य इकाई, लखनऊ से डाटा स्क्रूटनी के उपरान्त संदेहास्पद डाटा को 03 दिसंबर 2016 से 09 दिसंबर तक छात्रों को आवेदन में त्रुटि सुधार करने हेतु पुनः एक अवसर देते हुए खोला गया है। उक्त संदेहास्पद डाटा से संबंधित बिन्दु ही छात्र को एडिट करने के लिए उपलब्ध है।
छात्र के लागिन पर आनलाइन आवेदन पत्र की स्थिति में छात्र के आवेदन पत्र के बारे में पूर्ण विवरण अंकित होगा, जिसमें पीएफएमएस के द्वारा बैंक खाते के सत्यापन की स्थिति भी प्रदर्शित हो रही है। यदि बैंक खाता गलत होता है तो उसे सही करने का आप्सन भी संदेहास्पद डाटा में छात्र के लागिन पर उपलब्ध है। प्रारंम्भिक आवेदन के बाद आवेदन पत्र संसोधित करें एवं संस्था हेतु आवेदन प्रिन्ट करें के आप्सन उपलब्ध है। इसी प्रयोग करके छात्र को अपना सही आवेदन पत्र यथाशीघ्र अंतिम रूप से 12 दिसंबर तक संस्था में जमा करना होगा। संदेहास्पद आवेदन पत्रों को सही करके छात्र द्वारा जमा करने के उपरांत संस्था द्वारा प्रत्येक स्थिति में 15 दिसंबर तक अग्रसारित करना होगा।
Jan Saamna Office
देशी शराब व तमंचा सहित गिरफ्तार
सासनी जन सामना संवाददाता। कोतवाली पुलिस ने अलग-अलग जगहों से एक युवक को तमंचा और दूसरे को अवैध रुप से बेचने को ले जा रहे देशी शराब के पौवा सहित गिरफ्तार कर जेल भेजा है। शनिवार की सुबह एसआई लौहर सिंह शांति व्यवस्था हेतु अपने हमराह रामप्रकाश और दुष्यंत के साथ गांव कौमरी की ओर गश्त पर थे। तभी उन्हें गांव के बम्बा के निकट एक संदिग्ध युवक दिखाई दिया। जो एसआई को देखकर भागने लगा। एसआई ने दौड़ लगाकर भाग रहे युवक को दबोच लिया और कोतवाली ले आए। जहां उसकी जामा तलाशी के दौरान एक तमंचा 315 बोर व एक जिंदा कारतूस बरामद किया। पुलिस ने युवक के खिलाफ आम्र्स एक्ट अभियोग पंजीकृत कर जेल भेजा है। पकड़े गये युवक ने पूछताछ में पुलिस को अपना नाक पुष्पेन्द्र उर्फ बाबू पुत्र ओमप्रकाश निवासी ततारपुर बताया है। वहीं दूसरी ओर एसआई रामबाबू शर्मा ने गश्त के दौरान गांव बसगाई चैराहे से राजकुमार उर्फ पंकज पुत्र शंकरलाल को अठारह पौवा देशी शराब सहित गिरफ्तार कर आबकारी अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कर जेल भेजा है।
Read More »लीडरशिप के लिए कवियों, शायर, पत्रकार, लेखको के वातावरण को भी जाने
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। लीडरशिप के गुण परस्पर सम्पर्क लोगों, समुदाय के बीच से निकल कर आते है। अच्छे विचार, जानकारी में गुणवत्ता व मानक का होना जरूरी है। जिस प्रकार गुलामी, अशिक्षा, असमानता, पूॅजीवाद और सम्प्रदाय के विरूद्व कवियो, शायरो आदि ने एक वातावरण तैयार कर प्रमुख भूमिका अदा की है। उसी प्रकार परिस्थितियो के अनुसार परिवर्तन से सम्बन्ध, कार्यो, विचारधारा लाकर, अच्छा लीडर बना जा सकता है। लीडरशिप के लिए पारदर्शिता निष्ठा व ईमानदारी से टीम भावना के साथ समय प्रबन्धन जरूरी है। यह जानकारी विकास भवन में विगत चार दिन से चल रहे टीटीएफ ट्रेनिंग कार्यक्रम के दौरान मास्टर ट्रेनर अबरार अब्बासी तथा अब्दुल रहमान चिश्ती ने प्रशिक्षण में दी। उन्होने कहा कि लीडर को नकारात्मक सोच को अपने करीब नही आने देना है उसे मन मस्तिक में हमेशा सकारात्मक सोच व ऊर्जा से भरपूर रहना है। प्रशिक्षण को एडीएम प्रशासन शिव शंकर गुप्ता, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज सोनकर, डीडीओ आर आर मिश्र सहित अनेक अधिकारियो ने लिया। इस मौके पर डिप्टी डीएफओ मुकेश शर्मा, उपकृषि निदेशक, सेवायोजन अधिकारी, डीएसओ, एएमए, अधिषाशी अभियंता सिचाई, डीसी मनरेगा, डीआईओएस आदि ने अपने विचार शेयर कर बेहतर लीडरशिप को कैसे तैयार किये जाये बताया। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अमर पाल सिंह, एडीसूचना प्रमोद कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
Read More »विश्व विकलांग दिवस पर दिव्यांगो को मिली बैशाखी व छड़ी
दिव्यांगों ने शेयर किये अपने अनुभव
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर जिला विकलांग जन विकास अधिकारी कार्यालय द्वारा विकास भवन के सभाकक्ष में विश्व विकलांग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विकलांग जनों को बैशाखी, छड़ी आदि मुहैया कराई गई। कई दिव्यांगों ने अपनी समस्याओं के साथ ही अपने अनुभवों को भी साझेदारी किया। सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि प्रत्येक दिव्यांग में भी अन्य की की भाॅति कोई न कोई प्रतिभा होती है। जरूरत है इसे समझने जानने की आलस्य त्यागकर इच्छाशक्ति को जागृत कर आत्मविश्वास के साथ रचनात्मक कार्यकर सर्वागीण विकास कर समाज व देश की सेवा में लगाया जाये। प्रतिभा की पहचान जानकर उसका पूरा उपयोग किया जाये। प्रदेश सरकार ने विकलांगजनो के लिए अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों को चला रखा है हम सबको चाहिये कि सरकारी योजनाओं, लाभपरक कार्यक्रमों का लाभ उन तक पहुॅचाया जाये।
एक माह में पुल निर्माण पूरा हो जाना चाहिए- मण्डलायुक्त
कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। सी० ओ० डी० पुल निर्माण कार्य में ठेकेदार पूरी तरह से असफल हो चुका हैं अतः अब विभाग को ही कार्य कराना होगा और पुल निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा प्रतिदिन समन्वयक उच्च विकास समिति नीरज श्रीवास्तव द्वारा की जायेगी। पुल निर्माण का कार्य एक माह में पूरा करना हैं ताकि जनता को जाम से राहत मिल सकें। जिलाधिकारी यह सुनिश्च्चित करें यदि कार्य में किसी प्रकार की ढिलायी मिले तो ठेकेदार के विरुद्ध एफ० आई० आर० करा दी जाये।
उक्त निर्देश मण्डलायुक्त मो० इफ्तेखारुद्दीन ने अपने शिविर कार्यालय में आयोजित सी० ओ० डी० पुल निर्माण कार्य की समीक्षा करते हुए दिये। उन्होंने समीक्षा में पाया कि जुलाई 2015 में निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन अभी तक पूरा नही हों पाया इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि पुल फोर लेन का तैयार होना हैं लेकिन जनता के हितो को देखते हुए दोनों तरफ से दो – दो लेन का पुल चालू करा दिया जाये, इसके लिये उन्होंने अधीक्षण अभियन्ता पीडब्ल्यू डी० नेशनल हाईवे ए० के० गुप्ता को निर्देशित किया कि वह पुल पर एवं लिंक रोड पर मिट्टी डालने का कार्य स्वयं कराये और जो भी खर्चा आये उसे ठेकेदार को दी जाने वाली रकम से काट लें ।
मण्डलायुक्त ने समीक्षा में पाया कि कानपुर की तरफ पुल पर एक स्पेन पड़ना है इसी प्रकार इलाहाबाद वाली साइड पर दो स्पेन पड़ना हैं इनमे डाले जाने वाले गर्डर तैयार हैं। पुल का ठेका 38.66 करोड़ रूपये का हुआ है और यह ठेका मेसर्स एस० एच० इन्फ्राटेक प्रा० लि० जगदीशपुर (अमेठी) द्वारा लिया गया है, और इसके एम० डी० शकील हैं। मण्डलायुक्त ने अधीक्षण अभियन्ता को यह भी निर्देशित किया कि मिट्टी डालने के कार्य में यदि डम्परो की कमी पड़ती है तो उनको बताये कही न कही से डम्परों की व्यवस्था करा दी जायेगी।
राष्ट्र गान देशभक्ती की चेतना अवश्य जगाएगा
हम सभी अपने माता पिता से प्रेम करते हैं उनका सम्मान करते हैं। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि अपने दिन की शुरुआत हम अपने से बड़ों का आशीर्वाद लेकर करें और उनका स्मरण उनका आशीर्वाद लेने का कोई दिन अथवा समय निश्चित नहीं है हम जब भी चाहें ले सकते हैं किसी विशेष दिन का इंतजार नहीं करते कि अपने जन्मदिन पर ही लेंगे या फिर नए साल पर ही लेंगे तो फिर यह देश जो हम सबकी शान है हमारा पालनहार है उसके आदर उसके सम्मान के दिन सीमित क्यों हों उसके लिए केवल कुछ विशेष दिन ही निश्चित क्यों हों ?
” एक बालक को देशभक्त नागरिक बनाना आसान है बनिस्बत एक वयस्क के क्योंकि हमारे बचपन के संस्कार ही भविष्य में हमारा व्यक्तित्व बनते हैं।“
सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सिनेमा हॉल में हर शो से पहले राष्ट्र गान बजाना अनिवार्य होगा।हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है और चूँकि हम लोग अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति बेहद जागरूक हैं और हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हासिल है तो हम हर मुद्दे पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया देते हैं और किसी भी फैसले अथवा वक्तव्य को विवाद बना देते हैं, यही हमारे समाज की विशेषता बन गई है। किसी सभ्य समाज को अगर यह महसूस होने लगे कि उसके देश का राष्ट्र गान उस पर थोपा जा रहा है और इसके विरोध में स्वर उठने लगें तो यह उस देश के भविष्य के लिए वाकई चिंताजनक विषय है।
“राष्ट्र गान” देश प्रेम से परिपूर्ण एक ऐसी संगीत रचना जो उस देश के इतिहास सभ्यता संस्कृति एवं उसके पूर्वजों के संघर्ष की कहानी अपने नागरिकों को याद दिलाती है । “राष्ट्र गान ” जिसे हम सभी ने बचपन से एक साथ मिलकर गाया है , स्कूल में हर रोज़ और 26 जनवरी 15 अगस्त को हर साल।
छप्पन इन्ची वक्ष
छप्पन इन्ची वक्ष
मोदी मोदी रट रहा, मिलकर सकल विपक्ष।
लेकिन जिद छोड़े नहीं, छप्पन इन्ची वक्ष।।
छप्पन इन्ची वक्ष, नहीं वह झुके झुकाये।
कैसे बचे बजूद, विपक्षी सब पगलाये।।
बची-खुची थी साख, विपक्षी-दल सब खो दी।
राम राम ज्यों जपें, ‘‘राजगुरु’’ मोदी मोदी।।
राजनीति का निम्न स्तर
सकल विपक्षी दल हुए, अब इतने लहलीट। (बे-शरम)
सेना को मुद्दा बना, लगे बचाने सीट।।
लगे बचाने सीट, सु-श्री ममता बौराई।
कहती पूछे बिना कुमुक तैनात कराइ्र्र।।
समझे दूजा देष, ‘‘राजगुरु’’ गायब अकल।
निम्न स्तर पर उतरे, विपक्ष के नेता सकल।ं
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विधानसभा निर्वाचन 2017 को शांतिपूर्ण कराने में सहयोग दें राजनैतिक दल: एडीएम
राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को निर्वाचन हेतु संसोधित नामांकन फार्म की दी गयी प्रति व जानकारियां
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की कलेक्टेªट कक्ष में आयोजित बैठक को उपजिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी प्रशासन शिवशंकर गुप्ता ने कहा कि विधान समान्य निर्वाचन 2017 निकट है अतः राजनैतिक दल के प्रतिनिधी निर्वाचन को निष्पक्ष निर्भीक व शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने में पूरा सहयोग देने में आगे रहे। निर्वाचन कार्य निर्भीक निष्पक्ष एवं स्वतंत्र पूर्ण शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न होना चाहिए इसके लिए स्वयं को जागरूक होने के साथ ही जनता को जागरूक करना है। निर्वाचन संबंधी शिकायतों का निस्तारण ई-समाधान पोर्टल से भी किया जा रहा है कोई भी समस्या उसको समय रहते जनप्रतिनिधि बता दे ताकि उसका समय से निस्तारण हो सके।
टीटीएफ ट्रेनिंग कार्यक्रम का अंतिम दिन
लीडर शिप के लिए दूरदर्शिता पारदर्शिता, ईमानदारी तथा लगन के साथ ही टीम भावना का होना जरूरी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। विकास भवन के सभाकक्ष में निर्वाचन आयोग तथा जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार रविकांत सिंह के दिशा निर्देश में टीटीएफ ट्रेनिंग कार्यक्रम के तीसरे दिन अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यविकास अधिकारी केके गुप्ता, एडीएम वित्त एवं राजस्व अमर पाल सिंह तथा उपजिला निर्वाचन अधिकारी तथा अपर जिलाधिकारी शिवशंकर गुप्ता में किस प्रकार शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा निर्वाचन 2017 को सम्पन्न कराया जाये के प्रशिक्षण देते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश है उपजिला निर्चाचन अधिकारी तथा अपर जिलाधिकारी प्रशासन शिवशंकर गुप्ता ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2017 को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए नामांकन फार्म में संसोधन कर दिया गया है। जिसे अधिकारी भली भांति जान ले साथ राजनैतिक दलों को इस बारे में बता दे।
Read More »बदलते ‘मौसम’ को साधने की चुनौती
पड़ोसी देश श्रीलंका भारत के लिए एक महत्वपूर्ण राष्ट्र रहा है। श्रीलंका के साथ भारत के रिश्तों में पिछले कुछ दशकों में उतार-चढ़ाव आता रहा है। भारत ने अब नए ढंग से श्रीलंका के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को गति देने की कोशिश की है। हाल ही में असैन्य परमाणु समझौते के द्वारा दोनों देशों ने पुनः परस्पर विश्वास के भाव को स्पष्ट रूप से दर्शाया है। श्रीलंका ने पहली बार किसी देश के साथ इस प्रकार का असैन्य परमाणु समझौता किया है। इस समझौते के बाद भारत और श्रीलंका के मध्य कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं सहित कतिपय अन्य क्षेत्रों में भी द्विपक्षीय सहयोग के नए मार्ग प्रशस्त होंगे। इस परमाणु समझौते से भारत और श्रीलंका के मध्य सूचना, जानकारी और विशेषज्ञता वाले अनेक क्षेत्रों में द्विपक्षीय आदान-प्रदान को नई गति मिलेगी। इसके अतिरिक्त परमाणु ऊर्जा की शांतिपूर्ण प्रयोग के क्षेत्र में संसाधनों को साझा करने, परमाणु क्षमताओं को विकास करने, परमाणु सुरक्षा तथा प्रशिक्षण के क्षेत्रों में भी इस समझौते से व्यापक लाभ होने की संभावना है। श्रीलंका एक जीवंत और मजबूत लोकतंत्र है। इससे भी अधिक अहम यह है कि इस देश में आजादी यानी 1948 के बाद से लोकतंत्र निर्बाध रूप से चल रहा है। भारत के अलावा श्रीलंका दक्षिण एशिया का दूसरा ऐसा देश है जहां कभी सेना की ओर से तख्तापलट नहीं किया गया। ऐसा नहीं है कि श्रीलंका में लोकतंत्र पूरी शांति से चल रहा है। यहां तीस साल तक भयानक गृहयुद्ध भी चला। इस युद्ध ने ऐसी विकृतियां उत्पन्न की हैं जिन्हें दूर किया जाना जरूरी हो गया है। अलग तमिल राष्ट्र की मांग को लेकर आतंक मचाने वाले संगठन लिट्टे का प्रभाव अब तमिल समुदाय में भी सीमित रह गया है। कोलंबो से शिकायतें और अनेक मतभेद रखने वाले अल्पसंख्यक तमिल समुदाय ने चुनाव में बड़ी तादाद में वोट डाले। ऐसा ही मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय ने भी किया। यह समुदाय भी सिंहली वर्चस्व की आशंका से भयभीत है। इन दोनों अल्पसंख्यक समुदायों ने मिलकर राजपक्षे को सत्ता से बाहर कर दिया। राजपक्षे के प्रति उनके साझा विरोध ने सिरीसेना का पलड़ा भारी कर दिया। जो भी हो, नतीजों की यह व्याख्या करना सही नहीं होगा कि तमिल और मुस्लिम समुदाय की एकजुटता ने गृहयुद्ध के विजेता राजपक्षे की हार सुनिश्चित कर दी। सिरीसेना इसलिए जीते, क्योंकि अल्पसंख्यक मतों को अपने पक्ष में करने के साथ वह सिंहली बौद्ध वोटों में विभाजन करने में सफल रहे। श्रीलंका में चीन की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए भारत को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। फिलहाल श्रीलंका में सर्वाधिक निवेश करने वाला राष्ट्र चीन ही है। भारत ने भी यद्यपि उत्तरी और पूर्वी श्रीलंका में आधारभूत संरचना के विकास में व्यापक निवेश किया है। यह वह क्षेत्र है, जहां तमिलों की आबादी बहुत अधिक है। उत्तरी और पूर्वी श्रीलंका में भारत ने श्रीलंका को व्यापक सहयोग प्रदान किया है। इस क्षेत्र में भारत ने न केवल रेलवे लाइन बिछाई हैं, वरना सड़क मार्गों का निर्माण करने में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है। भारत ने इस क्षेत्र में नागरिकों के रहने योग्य आवासों के निर्माण के लिए भी बहुत अधिक निवेश किया है। यद्यपि महिंद्रा राजपक्षे के नेतृत्व में पिछली श्रीलंका सरकार ने भारत के साथ वैसी गर्मजोशी भरा व्यवहार नहीं दिखाया, जैसा अपेक्षित था।
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