Monday, November 25, 2024
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अब पैसों की कमी से नहीं रूकेगा कैंसर पीड़ित बच्चों का उपचार !

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब कैंसर से जूझ रहे बच्चों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। बच्चों में कैंसर की पहचान के लिए डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने से लेकर अस्पतालों में जांच, दवाओं और इलाज के लिए कैनकिड्स संस्था मदद करेगी।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की उपस्थिति में मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती अपर्णा उपाध्याय एवं कैनकिड्स संस्था की चेयरमेन डॉ. पूनम बगाई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये। कैनकिड्स संस्था के सहयोग से बच्चों में कैंसर की पहचान, टेस्ट और ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाएगी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रति वर्ष 19 वर्ष से कम उम्र के लगभग 14,800 बच्चे कैंसर से पीड़ित होते हैं, यह पूरे देश के कैंसर पीडित बच्चों का 20 प्रतिशत एवं पूरे विश्व के कैंसर ग्रसित बच्चों का लगभग 4 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों में होने वाले कैंसर जैसे असाध्य रोग का प्रारम्भिक अवस्था में ही निदान हो जाये और पीड़ित बच्चों और उन बच्चों के परिवारों को देखभाल की सर्वाेत्तम सुविधा प्राप्त हो सके। उचित ज्ञान और सही मार्गदर्शन से लाभार्थियों को यह जानकारी हो कि बच्चों के कैंसर के उपचार हेतु कहां जाना है, इससे समय पर निदान, उपचार एवं निरंतर देखभाल से बच्चों की जीवितता और विकास में मदद मिलेगी।उन्होंने आशा व्यक्त की कि कैनकिड्स सभी संबंधित हितधारकों, जिसमें सरकारी विभाग, अस्पताल प्रबंधन, स्वास्थ्य पेशेवर, अन्य गैर-लाभकारी संस्थाओं तथा माता-पिता के साथ समन्वय स्थापित कर प्रदेश में कैंसर पीड़ित बच्चों के उपचार में उपयोगी कार्य करेगी और देश के अमृत काल में मा0 प्रधानमंत्री जी के स्वस्थ भारत के स्वप्न को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगी।
मुख्य सचिव ने संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में कैंसर सर्वाइवर बच्चों को कैंसर विनर के रूप में संबोधित कर उनका हौसला बढ़ाया जाए, ताकि समृद्ध उर्जा के साथ कैंसर जैसे असाध्य रोग पर विजय प्राप्त कर सके और अन्य पीड़ितों को कैंसर को हराने की प्रेरणा दे सकें।
प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि कैनकिड्स संस्था प्रदेश में कैंसर की जांच व उपचार की सुविधा वाले सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की जिला अस्पतालों से मैपिंग करेगी, ताकि जिला अस्पताल से कैंसर के लक्षणों वाले बच्चे को सही सेंटर पर रेफर किया जा सके। एम0 ओ० यू० के अंतर्गत कैनकिड्स राज्य सरकार और सभी संबंधित हितधारकों के साथ काम करेगी। यह एम0 ओ० यू० पूर्णतः केनकिड्स सस्था द्वारा वित्तपोषित है एवं इससे एन० एच० एम० अथवा राज्य सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अपर्णा उपाध्याय ने बताया कि बच्चों में होने वाले कैंसर की पहचान के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत मोबाईल हेल्थ टीम एवं अन्य फील्ड स्टाफ से लेकर हर लेवल पर डॉक्टरों की कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु ट्रेनिंग दी जाएगी। पीएचसी, सीएचसी, जिला चिकित्सालय आदि में बच्चों की स्क्रीनिंग कर मेडिकल कॉलेज और टर्सरी केयर सेंटर पर डायग्नोसिस एवं ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाएगी। इससे कैंसर से पीडित बच्चे के परिवार पर आर्थिक और मानसिक बोझ कम होगा।
कैनकिड्स की संस्थापक पूनम बगाई ने बताया कि हमारा उद्देश्य बच्चों में कैंसर (पीडियाट्रिक कैंसर) की जल्दी पहचान और उपचार की सुविधाएं आसानी से मुहैया कराना है। इसके लिए कैंसर पीडित बच्चे के लिए हर स्तर पर इलाज में संस्था मदद करेगी। आयुष्मान योजना, आर.बी.एस.के. प्रोग्राम जैसी सरकारी योजनाओं से इलाज की व्यवस्था की जाएगी। यदि किसी बच्चे की जांच, दवाओं और इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में और योजनाओं में व्यवस्था नहीं है, तो संस्था अपने संसाधनों से व्यवस्था कराएगी। अस्पतालों में पीडियाट्रिक कैंसर को लेकर सुविधाएं नहीं हैं, उनका गैप एनालिसिस कर एन.एच.एम. को रिपोर्ट भेजी जाएगी, ताकि उस कमी को दूर किया जा सके।
कैनकिड्स की सह-संस्थापक सोनल शर्मा ने कहा कि कैनकिड्स ‘यू आर नॉट अलोन’ कार्यक्रम के तहत लखनऊ में किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर काम कर रहा है, साथ ही प्रमुख कैंसर संस्थान जैसे- वाराणसी में बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय और होमी बाबा, नोएडा में पी.जी.आई.सी.एच. सुपर स्पेशियलिटी, इलाहाबाद में के.एन.एम.एच., गोरखपुर में एम्स और बी.आर.डी. मेडिकल कॉलेज, आई.ए.पी. यूपी और आई.ए.पी. पी.एच.ओ और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों का मार्गदर्शन करते हुए सर्वाेत्तम उपचार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
महाप्रबंधक राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ० मनोज कुमार शुक्ल द्वारा आशा व्यक्त की गई कि कैनकिड्स संस्था से हुए एम०ओ०यू० के काफी सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे और कैंसर पीड़ित बच्चों एवं उनके परिवारों पर वित्तीय एवं मानसिक मार कम हो सकेगा।
इस मौके पर महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाए डॉ० रेनू वर्मा, निदेशक एस० जी० पी० जी० आई० डॉ० आर० के० धीमान, निदेशक आर० एम० एल० आई० एम० एस० डॉ0 सोनिया नित्यानंद एवं कैनकिड्स की टीम के सदस्य तथा कुछ कैंसर को जीतने वाले बच्चे एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।