भोगनीपुर, कानपुर देहात। अमरौधा ब्लाक के कस्बा स्थित अस्थाई गौ आश्रय स्थल में संरक्षित मवेशियों को सूखा भूसा दिया जा रहा है। हरा चारा नहीं मिलने से यह जानवर कमजोर हो रहे हैं, गौशाला में बंद दो मवेशियों की बुधवार और गुरुवार शाम को मौत भी हो गई थी। मूसानगर नगर पंचायत में चल रहे अस्थाई गौ आश्रय स्थल में महेज 11 मवेशी संरक्षित है। केयरटेकर सूरज ने बताया की हरे चारे की व्यवस्था नहीं हो पाने से गौ आश्रय स्थल में संरक्षित मवेशियों को सूखा चारा ही दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार गौ आश्रय स्थल में बंद मवेशी सूखा भूसा खाने को मजबूर है। जिससे मवेशी कमजोर हो रहें हैं। बुधवार व गुरुवार शाम को यहां बंद दो मनवेशियों ने दम तोड़ दिया। पशु चिकित्सा डॉक्टर अमिताभ ने बताया कि दोनों मनवेशियों के शवो का पोस्टमार्टम किया गया है। इसमें एक गाय घायल अवस्था में गौआश्रय स्थल में लाई गई थी। उसका इलाज किया जा रहा था जिसकी बुधवार को मौत हो गई थी। वहीं एक गाय बुजुर्ग होने के साथ बीमार थी इसकी इलाज के दौरान गुरुवार को मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र में अभी भी काफी संख्या में छुट्टा मवेशी घूम रहे हैं इन्हें संरक्षित करने के लिए बड़ी गौशालाएं बनाने की जरूरत है। अधिशासी अधिकारी प्रदीप कुमार पांडे ने बताया कि दो मवेशियों की मौत होने की जानकारी मिली है। केयरटेकर को हरे चारे की व्यवस्था करने के लिए निर्देशित दिए हैं। चेयरमैन प्रतिनिधि विनोद निषाद ने बताया कि अतिरिक्त केयरटेकर लगाकर व्यवस्था को दुरुस्त कराया जाएगा। स्थाई गौशाला का निर्माण करने का प्रयास किया जाएगा। वहीं मलासा ब्लॉक के रुुरगांव ग्राम पंचायत में स्थाई गौशाला का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें गौशाला के अंदर तालाब के तरीके से पानी भरा है। मवेशी पानी में खड़े हैं। गुरुवार को गौशाला का निरीक्षण करने पहुंचे विश्व हिंदू परिषद जिला गौ रक्षा प्रमुख मां बजरंगी, गौ रक्षक प्रमुख ध्रुव सिंह गौशाला में मवेशियों की स्थिति देखकर दंग रह गये। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लाखों रुपए गौशाला के नाम पर खर्च कर रहे हैं। लेकिन तहसील से लेकर ब्लॉक के अधिकारी मनमानी करके मावेशियो की दुर्दशा करने में उतारू है। जबकि एक सप्ताह पहले जिला अधिकारी नेहा जैन ने जिले में मीटिंग की थी। जिसमें तहसील ब्लाक के अधिकारियों को अवगत कराया था। अगर कहीं गौशाला में मवेशियों की मौत खाने-पीने की व्यवस्था गड़बड़ मिलती है। इसकी जिम्मेदारी वीडीओ, ग्राम प्रधान सचिव की होगी। इन्हीं पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन जिला अधिकारी का फरमान अधूरा साबित हो रहा है। जबकि इस संबंध में बीडीओे मलसा शिव गोविंद पटेल ने बताया कि सचिव को भेज कर गौशाला के अंदर पानी भर होने की जानकारी मिली है। जल्द से जल्द पानी निकाल कर मवेशियों की खाने की व्यवस्था कराई जाएगी।