Monday, November 25, 2024
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माता गायत्री जयन्ती एवं श्रावणी पर्व एक साथ मनाया

मथुरा। सर्वाेदयी ब्राह्मण विकास संस्थान द्वारा अपने प्रधान कार्यालय वाटी वाली कुंज में संस्कृत दिवस, माता गायत्री जयंती एवं श्रावणी पर्व एक साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम महंत हरकिशन दास विद्या निकेतन में संस्कृत विद्यालय के भूतपूर्व प्रधानाचार्य ज्योतिष आचार्य पंडित कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी की अध्यक्षता में बनाया गया। इस अवसर पर 25 छात्राओं ने इसमें भाग लिया जिसमें एक से लेकर पांच तक के 12 बच्चे जिन्होंने गायत्री माता के मंत्र स्वस्तिवाचन आदि सुनाएं एवं 6 से लेकर 8 तक के 12 बच्चों ने संस्कृत भाषा में संस्कृत का श्लोक और एवं उच्चारण हिंदी अनुवाद में किया जिनमें से निर्णायक मंडल स्कूल की प्रधानाचार्य दिवाकर आचार्य एवं मुख्य अतिथियों द्वारा कुमारी साजिया प्रथम कुमारी काजल द्वितीय एवं मास्टर नासिर को तृतीय पुरस्कार के रूप में प्रमाण पत्र स्कूल बैग पेन पेंसिल ज्योमेट्री बॉक्स सहित मुख्य अतिथियों द्वारा सम्मानित कर प्रदान किए गए। इस अवसर पर महेश त्यागी डालचंद, दिवाकर आचार्य द्वारा संस्कृत भाषा पर बच्चों को उनके द्वारा सुनाए गए स्वस्तिवाचन आदि पर बहुत-बहुत बधाई दी और कहा कि संस्कृत भाषा ही सबसे सरल भाषा है। इसका उपयोग बच्चों को ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। इस अवसर पर संस्थान सचिव नारायण प्रसाद शर्मा द्वारा संस्कृत भाषा देव भाषा है। इसके उच्चारण से देवता प्रसन्न होते हैं बच्चों को गायत्री मंत्र का उच्चारण रोज सुबह उठते ही अवश्य करना चाहिए। ब्राह्मणों का प्रमुख त्योहार श्रावणी पर्व के विषय में बच्चों को अवगत कराया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी द्वारा बच्चों को अवगत कराया गया। बच्चे राष्ट्र की धरोहर हैं इनको भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत भाषा से अवश्य जोड़ें संस्कृत भाषा कंप्यूटर के लिए प्रयुक्त भाषा है। प्राचीन भारत में सभी भारतीय संस्कृत भाषा ही बोलते थे केवल मनुष्य ही नहीं पशु पक्षी भी संस्कृत बोलते थे। हमारे सभी धर्म ग्रंथ वेद शास्त्र पुराण संस्कृत भाषा में ही लेकर जाते हैं। संस्थान अध्यक्ष पंडित सोहनलाल शर्मा द्वारा कार्यक्रम का समापन करते हुए कहा कि हम सभी को मिलकर संस्कृत भाषा में वार्तालाप करनी चाहिए भारतीय संस्कृति और संस्कार को संस्कृत भाषा से ही पहचान मिली है मिठाई एवं समस्त बच्चों को सांत्वना पुरस्कार देकर कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर प्रमुख रूप से आचार्य आशीष शर्मा, गुंजन शर्मा, सुरेंद्र मुकुट वाला, मिंटू शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आशीष शर्मा द्वारा किया गया।