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3100 ग्राम खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित

2017.08.18. 01 ssp news 1लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष में अब तक लगभग 7.50 लाख शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है जो विगत वर्ष में उक्त अवधि में निर्मित शौचालय की तुलना में दो गुना से अधिक है। इसी प्रकार चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 3100 ग्रामों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है जो विगत वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना है।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव पंचायती राज चंचल तिवारी ने सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार को दी। सचिव, भारत सरकार परमेश्वरन अय्यर आज उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार के साथ बैठक कर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के क्रियान्वयन तथा ग्रामीण पेयजल आपूर्ति सम्बंधित परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा कर रहे थे। बैठक में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के संयुक्त सचिव, श्री अरूण बरोका एवं श्री सत्यब्रत साहू सहित प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास, अनुराग श्रीवास्तव एवं यूपी जल निगम एवं ग्राम्य विकास के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता, मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदेश में योजना के क्रियान्वयन एवं शौचालय निर्माण की गति एवं ओ.डी.एफ. हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। भारत सरकार से योजना के क्रियान्वयन हेतु धनराशि की मांग के संबंध में सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यथाशीघ्र राज्य को केन्द्रांश की द्वितीय किश्त की धनराशि उपलब्ध कराने हेतु आश्वासन दिया गया। साथ ही यह भी अवगत कराया कि राज्य द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 का उपयोगिता प्रमाण-पत्र तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 का प्रोविजनल उपयोगिता प्रमाण-पत्र मंत्रालय को प्राप्त हो चुका है, जिसके आधार पर धनराशि अवमुक्त करने की कार्यवाही की जा रही है।
प्रदेश में 02 अक्टूबर, 2014 से अबतक कुल निर्मित 32,71,831 व्यक्तिगत शौचालयों के सापेक्ष कुल 23,15,599 शौचालयों के फोटोग्राफ ळमव.जंहहपदह एवं यूनिकोडिंग सहित भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किये गये हैं, जो 71.00 प्रतिशत है। उक्त प्रगति को बढ़ाकर 80 प्रतिशत तक किये जाने की अपेक्षा सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता, मंत्रालय भारत सरकार द्वारा की गयी साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय ताकि लोंगों को ं स्वच्छता के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके एवं व्यय की गयी धनराशि को भारत सरकार की वेबसाइट पर निरन्तर अपलोड किया जाये।
पेयजल योजनाओं के लिए धनराशि बढ़ाये जाने के संबंध में भारत सरकार की टीम द्वारा अपेक्षा किया गया कि यथाशीघ्र व्यय की गयी धनराशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध करा दिया जाय, ताकि धनराशि अवमुक्त किये जाने हेतु कार्यवाही की जा सके। इसके अतिरिक्त सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यह भी अपेक्षा किया गया कि राज्य सरकार द्वारा योजना के गहन अनुश्रवण की व्यवस्था की जाय तथा योजनान्तर्गत निर्मित शौचालयों की गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाय तथा पी.एफ.एम.एस. एवं डी.बी.टी. प्रणाली को यथाशीघ्र लागू किये जाने हेतु प्रयास किये जाय।
उक्त पर मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) विजय किरन आनंद द्वारा अवगत कराया कि प्रथम चरण में प्रदेश में 5 जनपदों-लखनऊ, आगरा, प्रतापगढ़, मुजफ्फरनगर एवं देवरिया को पी.एफ.एम.एस. इम्प्लीमेन्टेशन हेतु चयनित किया गया है, जिसमें से जनपद-लखनऊ एवं आगरा में पी.एफ.एम.एस. पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से जूड़े विभागीय कर्मियों हेतु प्रशिक्षण आयोजित कर पी.एफ.एम.एस. का क्रियान्वयन प्रारम्भ करा दिया गया है।