Monday, November 25, 2024
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अब स्कूलों में इंडिया की जगह भारत का इतिहास पढ़ाया जायेगा

नयी दिल्लीः कविता पंत। अब नई पीढ़ी को स्कूलों में इंडिया की जगह भारत का इतिहास पढ़ाया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने अपने पैनल के प्रस्ताव को स्वीकृति देकर इस नये बदलाव को अपना लिया है। अब पुस्तककों में इंडिया की जगह भारत पढ़ाया जाएगा।
एनसीआरटीके डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सोलंकी ने कक्षा 12वीं की पुस्तकों में इंडिया की जगह भारत करने का फैसला लिया है। इसका प्रस्ताव कुछ महीने पहले एनसीआरटी एक पैनल द्वारा किया गया था और अब इसे स्वीकार कर लिया गया है।
देश का नाम इंडिया की जगह सिर्फ भारत करने की चर्चा काफी समय से चल रही है। एनसीआरटी पैनल के सदस्य सीआई आइजैक ने कहा है कि एनसीईआरटी किताबों के अगले सेट में इंडिया का नाम बदलकर भारत कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि असल में इंडिया शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद होना शुरू हुआ था। वहीं भारत शब्द का जिक्र विष्णु पुराण जैसे प्राचीन लेखों में मिलता है जो सात हजार साल पुराने हैं। ऐसे में समिति ने आम सहमति से सिफारिश की है कि सभी कक्षाओं की किताबों में भारत के नाम का इस्तेमाल होना चाहिये।उल्लेतखनीय है कि सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) यानी इंडियन नॉलेज सिस्टम की शुरूआत भी की जा रही है। यह समिति उन 25 समितियों में से एक है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पाठ्यक्रम को बदलने के लिए केंद्रीय स्तर पर एनसीईआरटी के साथ काम कर रही है।
दरअसल प्राचीन काल से ही हमारे देश के अलग-अलग नाम रहे हैं। प्राचीन ग्रंथों में देश के अलग-अलग नाम लिखे गए, जैसे – जम्बूद्वीप, भारतखंड, हिमवर्ष, अजनाभ वर्ष, आर्यावर्त तो वहीं अपने-अपने जमाने के इतिहासकारों ने हिंद, हिंदुस्तान, भारतवर्ष, इंडिया जैसे नाम दिए लेकिन इनमें भारत सबसे ज्यादा लोकप्रिय रहा।
गत अप्रैल महीने में एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए थे। किताबों में कई विषय हटा दिए गए थे जिनका विरोध किया गया। विज्ञान की पुस्तकों में भी कई विषय हटाए गए थे। कई वैज्ञानिकों, विज्ञान शिक्षकों और अन्य शिक्षकों ने सीबीएसई के दसवीं कक्षा के बदलाव किये गये पाठ्यक्रम पर नाराजगी जताई थी।
दरअसल एनसीईआरटी पैनल की सिफारिश इन अटकलों को खारिज करती है कि क्या देश का नाम बदलकर भारत रखा जाएगा? इस बारे में चर्चा तब शुरू हुई जब केंद्र ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण को “भारत के राष्ट्रपति” के नाम पर भेज दिया जिसपर राजनीतिक विवाद हुआ।
इसके बाद सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘भारत’ नेमप्लेट को मेज पर प्रदर्शित किया गया था। दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में जी-20 लीडर्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री मोदी के मेज पर भारत लिखा देखा गया था।