मथुरा (श्याम बिहारी भार्गव )। विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शरद पूर्णिमा को श्रद्धालुओं का दबाव सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा था। भीड़ के दबाव से निपटने के लिए प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था की थी। मंदिर सेवायतों की मनमानी से एकबारगी मंदिर के बाहर भीड़ का दबाव बहुत ज्यादा बन गया। भीड से निपटने के लिए सुरक्षाकर्मियों को कडी मशक्कत करनी पडी। दरअसल शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सेवायत ने मनमानी कर दी। मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन ने जगमोहन में आराध्य को विराजित करने के आदेश दिए थे, लेकिन सुबह 7ः45 पर मंदिर के पट खुलने के साथ ही श्रृंगार सेवा अधिकारी ने गर्भ गृह में ही आरती कर दी। उधर मंदिर प्रबंधन ने जगनमोहन में सिंहासन रखवा दिया था। ऐसे में भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन नहीं हो सके। वहीं जब करीब आठ बजे के बाद सेवा बदली, तब जाकर ठाकुर बांके बिहारी लाल को जगमोहन में विराजित कराया गया। इससे मंदिर के अंदर की व्यवस्था बिगड़ गई। वही भारी संख्या में पुलिस बल मंदिर पहुंच गया। शरद पूर्णिमा पर हर वर्ष ठाकुर बांके बिहारी लाल को जगमोहन पर विराजमान कराया जाता है, लेकिन श्रृंगार सेवा अधिकारी रसिक बिहारी गोस्वामी ने मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर गर्भ ग्रह से आराध्या से बाहर न निकले जाने की मांग की थी। इस पर मंदिर प्रशासक ने जगमोहन में ही विराजित करने का आदेश दिया था। सुबह 7ः45 बजे मंदिर के पट खुल गए। इससे पहले ही मंदिर प्रबंधन ने गर्भ ग्रह के आराध्य के लिए सिंहासन रखवा दिया था, लेकिन सेवा अधिकारी ने उन्हें बाहर नहीं निकाला और गर्भ ग्रह में ही श्रृंगार आरती कर दी। इस दौरान मंदिर में हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। गर्भ गृह के बाहर विशाल सिंहासन रखा होने के कारण श्रद्धालुओं को अपने आराध्य के दर्शन नहीं हो सके। आराध्य को जगमोहन में विराजित न करने की खबर पर पुलिस और मंदिर प्रबंधक के लोग मंदिर पहुंचे। वहीं जब आठ बजे सेवा अधिकारियों की सेवा बदली, तब पर्दा डालकर ठाकुर जी को जगमोहन में विराजित कराया गया। इस दौरान 20 मिनट और लग गए। सुबह करीब 35 मिनट तक श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं हो सके। मंदिर के सेवायत गोपी गोस्वामी ने वर्ष में एक बार मिलने वाली ठाकुरजी के इस पल के विशेष दर्शन से भक्तजन वंचित रह जाएंगे।
डीएम, एसएसपी मंदिर पहुंचे
श्रद्धालुओं को सुबह 8ः20 पर गर्भगृह से बाहर जगमोहन में चांदी के सिंहासन पर विराजमान ठाकुर जी की दर्शन हुए। बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधक मुनीश कुमार शर्मा ने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट मंदिर प्रशासक मथुरा मुंसिफ कोर्ट को देंगे को देंगे। जब मंदिर प्रशासक ने शरद पूर्णिमा पर सुबह से ही गर्भ से बाहर जगमोहन में श्रद्धालुओं को दर्शन करने के आदेश दिए थे, लेकिन सुबह के समय गोस्वामी द्वारा गर्भगृह से बाहर जगमोहन में विराजमान नहीं किया गया। इससे श्रद्धालुओं को असुविधा हुई है। सूचना पर जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय अधीनस्थ अधिकारियों के साथ पहुंचे और सेवायत गोस्वामी समाज से वार्ता कर दर्शन सुलभ करवाए।