Sunday, November 24, 2024
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कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन पर तीसरे टनल बोरिंग मशीन ’आजाद’ के मेन ड्राइव की हुई शुरूआत

कानपुर नगर। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के पहले कॉरिडोर (आईआईटी-कानपुर से नौबस्ता) के अंतर्गत लगभग 4.24 किमी लंबे कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन पर कानपुर सेंट्रल से नयागंज स्ट्रेच के ‘अपलाइन‘ पर टनल निर्माण कर रहे टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ’आजाद’ ने आज एक महत्वपूर्ण पड़ाव पार करते हुए अपने मेन ड्राइव की शुरूआत की है। यूपीएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विधिवत् पूजा के बाद टीबीएम मशीन के मेन ड्राइव की शुरूआत कर दी गई। अब तक कानपुर सेंट्रल स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट से लॉन्च होने के बाद नया गंज की तरफ बढ़ते हुए इस टीबीएम मशीन ने लगभग 75 मीटर टनल का निर्माण पूरा कर लिया है।
कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन पर वर्तमान में कानपुर सेंट्रल से नयागंज तक लगभग 1250 मीटर लंबे टनल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके तहत ‘अपलाइन‘ पर ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन से टनलिंग की जा रही है वहीं ‘डाउनलाइन‘ पर जल्द ही एक और टीबीएम मशीन को लॉन्च करने की योजना है जिसे लॉन्चिंग शाफ़्ट के अंदर पहले ही लोअर किया जा चुका है। ‘अपलाइन‘ पर लॉन्च होने के बाद से ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन ने अपने इनिशियल या प्रारंभिक ड्राइव में लगभग 75 मीटर टनल का निर्माण पूरा किया था। आज से 17 दिन पहले 11 नवंबर को इस टीबीएम मशीन ने अपनी इनिशियल या प्रारंभिक ड्राइव पूरी की थी। इसके बाद इस टीबीएम मशीन को रोककर बैकअप सिस्टम यूनिट से जोड़ने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई थी। लगभग 95 मीटर लंबे बैकअप सिस्टम यूनिट को लगभग 18 मीटर गहरे शाफ्ट में उतारकर टीबीएम मशीन के शील्ड से जोड़ा गया। बैकअप सिस्टम यूनिट के जुड़ जाने से अब टीबीएम मशीन के मेन ड्राइव में टनल के उत्खनन की प्रक्रिया लोको पायलट के माध्यम से की जाएगी।
क्या होता है बैकअप सिस्टम यूनिट
बैकअप सिस्टम यूनिट को टीबीएम का कंट्रोल रूम भी कहा जा सकता है, जहां मशीन की सभी सहायक प्रणालियां मौजूद होती हैं। इनिशियल ड्राइव के दौरान मशीन का बैकअप सिस्टम यूनिट अब तक शाफ़्ट के बाहर से कार्य कर रहा था। मगर इनिशियल ड्राइव के पूर्ण हो जाने के बाद लगभग 95 मीटर लंबे इस यूनिट को लोअर कर (जमीन के नीचे उतारकर) मशीन के शील्ड से जोड़ दिया गया है। बैकअप सिस्टम यूनिट के माध्यम से टीबीएम मशीन 24 घंटे काम करती है और इंजीनियर्स अलग-अलग शिफ़्ट में इस सिस्टम को सँभालते हैं। यह रोलिंग संरचना टीबीएम से जुड़कर उसके साथ आगे बढ़ती है।
बैकअप सिस्टम यूनिट के जुड़ जाने के बाद कैसे होगी टनलिंग की प्रक्रिया
टनल में मशीन के आगे बढ़ने के साथ ही बैकअप सिस्टम तक रिग सेग्मेंट पहुंचाने के लिए रेल की पटरियां लगाई जाती हैं। इन पर मोटराइज्ड ट्रॉली के माध्यम से रिग सेग्मेंट्स को बैकअप सिस्टम यूनिट तक पहुंचाया जाता है, जहां क्रेन सेग्मेंट्स को एक के बाद एक उठाकर सेग्मेंट फीडर तक पहुंचाती हैं। टीबीएम खोदाई के साथ-साथ टनल रिंग सेग्मेंट्स को भी लगाती चलती है। मोटराइज्ड ट्रॉली का प्रयोग खनन के बाद मिट्टी के निकासी के लिए भी किया जाता है।
विदित हो कि दो टीबीएम मशीन ’नाना’ और ’तात्या’ पहले ही लगभग 4 किमी लंबे चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन पर टनल निर्माण का कार्य कर रहीं हैं। उक्त सेक्शन में निर्माणाधीन चुन्नीगंज से नयागंज स्टेशन तक टनल निर्माण पहले ही पूरा किया जा चुका है और अब मैकरॉबर्टगंज स्थित कट एण्ड कवर शाफ्ट से चुन्नीगंज स्टेशन तक टनल निर्माण के लिए टनल बोरिंग मशीन लॉन्च करने की तैयारी चल रही है।
23.78 किमी के कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत वर्तमान में, कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। चुन्नीगंज-नयागंज और कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन के अलावा लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता उपरिगामी सेक्शन में भी निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।