ऊंचाहार, रायबरेली। एनटीपीसी ऊर्जा विहार में संचालित विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर में प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती को गणित मेले का रूप देकर यादगार बनाया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रियदर्शनी महिला क्लब की अध्यक्षा श्रीमती तरुणा छाबड़ा रहीं, जिनका स्वागत विद्यालय के प्रधानाचार्य बालकृष्ण सिंह ने किया। प्रार्थना सभा में सम्मिलित होने के पश्चात श्रीमती छाबड़ा ने रामानुजन के चित्र पर पुष्पार्चन करके भव्य गणित मेले का उद्घाटन किया। वैदिक गणित के माध्यम से जटिल प्रश्नों का कम समय में समाधान देखकर मुख्य अतिथि एवं प्रियदर्शिनी महिला क्लब की पदाधिकारियों ने विद्यालय के भैया बहनों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि श्रीमती छावड़ा, महिला क्लब की पदाधिकारी रूमा सरकार व सरिता चौहान ने कहा कि छात्रों की सफलता के पीछे निश्चित ही गुरुजनों का कठिन प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा कि आज इन बच्चों को देखकर हमें भी अपने बचपन के दिनों की याद आ गई। विद्यालय के छात्र यश, श्रद्धा द्विवेदी तथा ऋचा ने रामानुजन के जीवन वृत्त, शिक्षा एवं 3000 से अधिक उनके गणितीय सूत्र एवं सिद्धांतो पर अपने विचार व्यक्त किए। विषय प्रवर्तन गणित के प्रवक्ता अनिल दुबे ने किया। इस अवसर पर रामानुजन के सिद्धान्तों पर आधारित 150 से भी अधिक चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई।
इसी कड़ी में विविध प्रकार की गणितीय रंगोली ने भी अतिथियों एवं छात्रों का मन मोह लिया। इसके पीछे अनिल दुबे, कृष्ण कुमार शुक्ल, राजेंद्र सिंह, मयंक त्रिपाठी, श्रीमती कंचन लता सिंह का विशेष प्रयास रहा। शारीरिक प्रमुख श्रीमती पूजा सिंह के माध्यम से ,शरीर में ऊर्जा लाने के लिए छात्रों द्वारा विविध प्रकार के योग का भी सुंदर प्रदर्शन कराया गया ।
इसके बाद प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि एवं उनकी सहयोगी, महिला क्लब की पदाधिकारियों को छात्र -छात्राओं द्वारा गणितीय आकृति में लगाए गए खाद्य पदार्थों के मेले का निरीक्षण कराया, जिसमें गोलगप्पा ,अनेक प्रकार की घरों की बनी मिठाइयां ,भेलपुरी ,बाटी चोखा, मोमोज, अनरसा, गन्ना आदि से संबंधित लगभग 50 दुकानें लगी हुई थी। मेले का रोमांच देखते ही बनता था, क्योंकि दुकानदार भी छात्र थे और ग्राहक भी छात्र थे। मेले का आकर्षण और छात्रों का उत्साह देखकर मुख्य अतिथि श्रीमती छाबड़ा ने एनटीपीसी द्वारा आयोजित मेले में विद्यालय के छात्रों द्वारा भी स्टाल लगाने के लिए प्रधानाचार्य से आग्रह किया।