कानपुर, जन सामना ब्यूरो। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का दावा है कि आधार कार्ड बनाने के बदले किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। जबकि आधार का पंजीकरण करने वाले बेखौप होकर चालीस से सत्तर रुपये तक खुलेआम वसूल रहे हैं। मामला शहर के नौबस्ता क्षेत्र का है। स्नातक एम.एल.सी का चुनाव लड़ चुके स्वतन्त्र पत्रकार डॉ. दीपकुमार शुक्ल ने बताया कि वह 13 अगस्त को नौबस्ता क्षेत्र में पाल चैराहे के निकट स्थित आधार पंजीकरण केन्द्र पर अपनी बेटी कु. दीपांजलि के आधार का पंजीकरण कराने गये थे। आधार पंजीकरण केन्द्र के संचालक पवन कुमार ने उनकी बेटी का पंजीकरण करने के बाद उनसे चालीस रुपये जमा करने को कहा। रुपये न देने की स्थिति में केन्द्र संचालक ने रिसीविंग देने से मना कर दिया। काफी कहा सुनी के बाद उसने पंजीकरण संख्या (2188/30203/00006) बता दी। आज जब दीप शुक्ल ने 1947 नम्बर डायल करके आधार कार्ड की स्थिति पता की तो मालूम हुआ कि उनकी बेटी का आधार पंजीकरण निरस्त हो चुका है। इस बावत जब उन्होंने उक्त केन्द्र संचालक से सम्पर्क किया तो उसने बताया कि आपको आधार का पंजीकरण दुबारा कराना पड़ेगा और इस बार चालीस की जगह सत्तर रूपये जमा करने होंगे। वह भी पंजीकरण से पहले। बाद में मालूम हुआ कि शहर के अन्य पंजीकरण केन्द्रों की भी कमोवेष यही स्थिति है। आधार की अनिवार्यता को देखते हुए सभी पंजीकरण केन्द्रों पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपना पंजीकरण कराने पहुँचते हैं। प्रशासन की सख्ती के बावजूद केन्द्र संचालक सभी से मनमाना पैसा वसूलते रहे हैं। जब से पैन के साथ आधार जोड़ना अनिवार्य हुआ है तब से इन केन्द्रों पर और अधिक भीड़ बढ़ गयी है। पूर्व में बने जिन आधार कार्डों में गलतियाँ हैं उनका पैन से लिंक नहीं हो रहा है। अतएव आधार में सुधार कराने वाले लोग भी इन्ही केन्द्रों की शरण में जा रहे हैं। केन्द्र संचालक ऐसे लोगों से भी जमकर वसूली करते हैं। कितना हास्याप्रद लगता है कि सबको विशिष्ट पहचान दिलाने की इस अति महत्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वयन इन प्राइवेट लोगों के भरोसे किया जा रहा है।