Sunday, November 24, 2024
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वायनाड में एनी राजा की उम्मीदवारी से राहुल गांधी मुश्किल में

नई दिल्ली: राजीव रंजन नाग। केरल में इंडिया गठबंधन की सहयोगी सीपीआई द्वारा एनी राजा को वायनाड से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राहुल गांधी के लिए धर्म संकट की स्थिति पैदा हो गई है। एनी सीपीआई सचिव डी. राजा की पत्नी हैं। इंडिया ब्लॉक का मुख्य सदस्य होने के बावजूद, सीपीआई की घोषणा कांग्रेस के लिए एक झटका सरीखा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसी सीट से सांसद हैं और वह फिर से वापसी की तैयारी कर रहे हैं। एनी की उम्मीदवारी क घोषणा के बाद कांग्रेस ने फिलहाल कोई टिप्पणी करने से परहेज किया है।
सीपीआई की उम्मीदवार कॉमरेड एनी राजा ‘महिला आंदोलन’ में अहम भूमिका निभाने के लिए जानी जाती हैं। अब वह पूरे एलडीएफ की ओर से उम्मीदवार होंगी।
साल पिछले (2019) का लोकसभा चुनाव कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यूपी की अमेठी और केरल की वायनाड सीट से लड़ा था। राहुल गांधी अमेठी से मौजूदा केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की नेता स्मृति ईरानी से हार गए थे, लेकिन वायनाड से सीपीआई उम्मीदवार पीपी सुनीर को 4 लाख के ज्यादा के वोट के अंतर से हराया था। इस बार का आम चुनाव पिछले चुनाव से इस कारण अलग है क्योंकि सीपीआई और कांग्रेस बीजेपी के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है। दोनों ही दलों में केरल में सीट शेयरिंग को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) द्वारा वायनाड के लिए पार्टी की महिला नेता एनी राजा को उम्मीदवार घोषित करने के बाद, सीपीआई (एम) नेता बृंदा करात ने कहा कि वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल गांधी और उनकी पार्टी को वायनाड सीट के बारे में सोचना चाहिए। बृंदा करात ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस को सोचने की जरूरत है।” वह कहती हैं-उनकी लड़ाई बीजेपी के खिलाफ है। कारात ने कहा, “केरल में, अगर आप वामपंथियों के खिलाफ लड़ते हैं,तो आप क्या संदेश दे रहे हैं? इसलिए उन्हें अपनी सीट के बारे में एकबार फिर से सोचने की जरूरत है।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने केरल की चार लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें पार्टी की नेता एनी राजा को वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामित किया है। वर्तमान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं।
एनी राजा ने कहा, ”एलडीएफ गठबंध के नेतृत्व में सीपीआई लंबे समय से चार सीटों वायनाड, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर और मवेलीक्कारा से चुनाव लड़रही है। इस समय भी पार्टी ने इन चार सीटों पर उम्मीदवारों को घोषणा की।” उनसे आगे सवाल किया गया कि कांग्रेस राहुल गांधी को वायनाड से फिर से टिकट देती है तो क्या होगा? इसको लेकर एनी राजा ने कहा, ”साल 2019 में भी हमने राहुल गांधी के खिलाफ उम्मीदवार उतारा था। वायनाड सीट से हम लंबे समय से चुनाव लड़ रहे हैं।” इससे पहले 2019 में सीपीआई ने राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हम काफी लंबे समय से वहां से चुनाव लड़ रहे हैं।” राज्यसभा सांसद और सीपीआई (एम) सचिव बिनॉय विश्वम ने राहुल गांधी के केरल से चुनाव लड़ने के राजनीतिक तर्क पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा -“उत्तर भारत को भारत का गढ़ माना जाता है, जहां से सबसे अधिक संख्या में सांसद संसद में आते हैं। वहां भाजपा एक शक्तिशाली ताकत है। उस वास्तविकता को भूलकर, राहुल को दक्षिण भारत में आने का राजनीतिक तर्क क्या है ? ये तो सबको पता है कि केरल से बीजेपी का कोई नहीं जीत पाएगा। विश्वम ने कहा कि राहुल गांधी बीजेपी से डरते थे इसलिए वह केरल भाग गए। इस असर यह हुआ कि पूरे उत्तर भारत में कांग्रेस की हार हुई..।”
सीपीआई ने पन्नियन रवींद्रन को तिरुवनंतपुरम से, वीएस सुनील कुमार को त्रिशूर से और अरुण कुमार को मवेलिकारा से चुनाव में उतारा है। सीपीआई इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए अस्तित्व में आया है।
सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने सवाल उठाया कि वायनाड में इस तरह मुकाबला ऐसे समय में होगा जब सभी विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी अभियान पर काम कर रहे हैं। यह कांग्रेस को तय करना है। आपने जो सीट चुनी है, वहां से सीपीआई उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस को यह तय करने की ज़रूरत है कि ऐसा करके वे क्या संदेश देना चाहते हैं।
उधर, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गेंद को वामपंथियों की ओर उछालते हुए पूछा कि मेरे अपने निर्वाचन क्षेत्र में, भाजपा पिछले दो चुनावों में दूसरे स्थान पर रही थी। फिर भी भाजपा विरोधी वोटों का एक बड़ा हिस्सा तीसरे स्थान पर रहने वाले कम्युनिस्ट उम्मीदवार द्वारा ले लिया जाता है। अगर तिरुवनंतपुरम में मेरा विरोध करना उनके लिए ठीक है, तो राहुल गांधी वायनाड में उनका विरोध क्यों नहीं कर सकते? ”उन्होंने यह भी दोहराया कि इंडिया ब्लॉक के लिए सीट-बंटवारे का सौदा हमेशा प्रत्येक राज्य की विशिष्टताओं पर निर्भर था। थरूर ने कहा “केरल में वामपंथियों को हमारे साथ सहयोग करने की कोई इच्छा नहीं है, जबकि तमिलनाडु में सीपीआई (एम), सीपीआई, मुस्लिम लीग, कांग्रेस और डीएमके सभी सौहार्दपूर्ण ढंग से एक साथ हैं। वास्तविकता अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है। ”एनी ने कहा, ”यह कांग्रेस को तय करना है कि वह किसेकहां से मैदान में उतारना चाहती है। एक स्वतंत्र पार्टी के तौर पर हमने भी निर्णयलिया। यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी का सामना सीपीआई उम्मीदवार से होगा, उन्होंने 2019 में भी ऐसा किया था। क्या इससे भाजपा के खिलाफ इंडिया ब्लॉक के अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, एनी ने कहा इसका जवाब कांग्रेस को देना है, हमें नहीं।”
इस बीच, कर्नाटक और तेलंगाना दोनों राज्यों के कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक रूप से श्री गांधी को अपने-अपने राज्यों से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया है। श्री गांधी के कार्यालय ने खुले तौर पर इस प्रस्ताव को अस्वीकार नहीं किया है।