राजीव रंजन नाग: नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि ‘सलाहकारों की टिप्पणियों’ के लिए किसी तरह की प्रतिक्रिया की कोई जरूरत नहीं है।
प्रशांत किशोर ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के साथ इंटरव्यू में कांग्रेस और उसके वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के लिए एक चेकलिस्ट दी थी, जिसमें ये सलाह भी शामिल थी कि अगर पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो वो अलग हो जाएं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘मैं सलाहकारों की टिप्पणियों पर जवाब नहीं देती। राजनीतिक लोगों के बारे में बात करें, सलाहकारों पर जवाब देने के लिए क्या है?’ न्यूज़ एजेंसी के साथ बातचीत में, प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘राहुल एक दशक से पार्टी चला रहे हैं, लेकिन परिणाम देने या पार्टी से अलग रहने में भी असमर्थ रहे हैं।’
कांग्रेस के कड़े आलोचक माने जाने वाले चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि श्राहुल गांधी का शो चलाने का तरीका अलोकतांत्रिक भी है। प्रशांत किशोर ने 2017 में पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की जीत को लेकर रणनीति बनाई थी. वो कुछ साल पहले कांग्रेस के रिवाइव के लिए एक प्रजेंटेशन भी लेकर कांग्रेस आलाकमान के पास गए थे, लेकिन इसको पूरा करने को लेकर पार्टी नेताओं की असहमति के बाद वो इससे दूर हो गए थे।
रविवार (7 अप्रैल) को प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को लेकर कहा था था कि उनको एक ऐसे शख्स की जरूरत है जो वह काम करे जोकि उनके हिसाब से सही हो। ऐसे में मेरी सलाह है कि अब उन्हें ब्रेक ले लेना चाहिए। जब 10 साल से एक ही काम कर रहे हैं और सफल नहीं हो रहे हैं तो ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी अपने कोर एजेंडे के लिए पार्टी चला रहे हैं।
श्री किशोर ने कहा था, ‘जब आप पिछले 10 वर्षों से बिना किसी सफलता के एक ही काम कर रहे हैं, तो ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है।’ उन्होंने उस समय की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘आपको किसी और को पांच साल तक यह काम करने देना चाहिए। आपकी मां ने ऐसा किया था।’
चुनाव रणनीतिकार, जिन्हें अक्सर कांग्रेस के कड़े आलोचक के रूप में देखा जाता है, ने कहा कि श्री गांधी की शो चलाने की प्रथा ‘लोकतांत्रिक भी विरोधी’ है। यूपीए शासन के एक दशक के बाद कांग्रेस संकट में है। पार्टी की सीटें, राष्ट्रीय वोटशेयर और राज्यों में उपस्थिति और ताकत तेजी से घट रही है।
प्रशांत किशोर ने सोनिया गांधी के 1991 के उस फैसले का भी जिक्र किया जो उन्होंने राजीव गांधी की हत्या के बाद लिया था। उस समय उन्होंने खुद (सोनिया गांधी) को राजनीति से दूर रहने और साल 1991 में पीवी नरसिंह राव को देश का प्रधानमंत्री बनाने का फैसला लिया था।
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लगता है कि वो सब कुछ जानते हैं। यदि उनको ऐसा लगता है तो आपको मदद की जरूरत नहीं है। इस स्थिति में आपकी कोई भी मदद नहीं कर सकता है।
पिछले साल कर्नाटक में अपनी जीत के बाद श्री किशोर ने कांग्रेस को सलाह दी थी कि ‘विधानसभा चुनाव के नतीजों को यह समझने की भूल न करें कि लोकसभा चुनाव में क्या होने वाला है।’ श्री किशोर ने 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद चुनावी रणनीतिकार के रूप में अपना करियर औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया, जिसमें उनकी ग्राहक ममता बनर्जी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हासिल किया।