♦ राशन की दुकानों के माध्यम से कई वस्तुओं को बेंचने का बनाया जा रहा है दबाव
♦ राशन कार्ड धारक लगा रहे हैं कोटेदारों पर अनर्गल आरोप
कानपुरः जन सामना संवाददाता। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत संचालित उचित दर की दुकानों के दुकानदारों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से अतिरिक्त जनोपयोगी वस्तुएं जैसे-दूध, बिस्किट, ब्रेड, डिटर्जेन्ट पावडर, टूथब्रुश, टूथ पेस्ट सहित 35 वस्तुओं को बेंचने की योजना अब राशन कोटेदारों के लिये फजीहत का कारण बनती दिख रही है।
सूत्रों की मानें तो कोटेदारों पर अनेक वस्तुओं को अधिकारियों के अघोषित आदेश की आड़ में बेंचने का दबाव बनाया जा रहा है किन्तु राशन कार्ड धारक उपभोक्ता, कोटेदारों के यहां से इन वस्तुओं को खरीदना नहीं चाहते हैं।
ऐसे में राशन कोटेदारों के सामने दो धारी तलवार लटक रही है। अगर वो आदेश के मुताबिक नियत की गई वस्तुओं को नहीं बेंच पाते हैं तो अधिकारियों के सामने उन्हें ‘जलील’ होना पड़ता है और अगर कार्ड धारकों से इन वस्तुओं को खरीदने की बात कहते हैं तो उन्हें राशन कार्ड धारकों के गुस्से व तरह-तरह के अनर्गल आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसा ही एक मामला आज जे ब्लॉक, विश्व बैंक बर्रा स्थित कोटेदार गंगा प्रसाद की राशन की दुकान का प्रकाश में आया है। यहां से सम्बद्ध कई कार्ड धारकों ने आरोप लगाया कि राशन के साथ – साथ उन्हें डिटर्जेन्ट सहित अन्य वस्तुओं को खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है।
इस बारे में जब आपूर्ति निरीक्षक विजयन्त कुमार से जानकारी की तो उन्होंने बताया कि सरकारी राशन की दुकानों पर दूध, बिस्किट, ब्रेड, डिटर्जेन्ट पावडर, टूथब्रुश सहित 35 जनोपयोगी वस्तुओं को बेंचने का आदेश शासन से आया था। इन वस्तुओं को किसी भी राशन कार्ड धारक को जबरिया खरीदने पर मजबूर नहीं किया जायेगा। अगर ऐसा किया जा रहा है तो यह गलत है।
अपुष्ट सूत्रों की मानें तो जिन ठेकेदारों को इन वस्तुओं को राशन की दुकानों के माध्यम से बेंचने की ठेकेदारी मिली है, वो उच्चाधिकारियों से मिली भगत करके राशन की सरकारी दुकानों के दुकानदारों पर कई वस्तुओं को बेंचने का दबाव बनवाते हैं और ना बेंचने पर उनका ‘कोटा’ खत्म करवाने की धमकी देते हैं। ऐसे में कोई संदेह नहीं कि कोटेदारों के सामने दो-धारी तलवार लटक रही है।
बताते चलें कि राशन की सरकारी दुकानों के माध्यम से दूध, बिस्किट, ब्रेड, डिटर्जेन्ट पावडर, टूथब्रुश, टूथ पेस्ट सहित जनोपयोगी 35 वस्तुओं को बेंचने की योजना सम्बन्धी आदेश 24 मई 2023 को जारी किया गया था जो अब कोटेदारों की फजीहत का कारण बनता दिख रहा है।