नई दिल्लीः राजीव रंजन नाग। लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ‘हिंदू हिंसा की बात करते हैं’ और ‘अभय मुद्रा’ वाले बयान पर भारी हंगामा हो गया। राहुल ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान भगवान शंकर की तस्वीर दिखाई और कहा कि यह अभय रहने का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि शिव की तस्वीर में त्रिशूल बाएं हाथ में होता है, यह दरअसल अहिंसा का प्रतीक है। शिव की तस्वीर में कांग्रेस का चुनाव चिह्न ‘अभय मुद्रा’ भी है, जो अभय रहने की बात करता है। यहां तक तो ठीक था लेकिन इसके बाद राहुल ने वह कह दिया जिस पर हंगामा बरप गया।
आखिर राहुल गांधी ने ऐसा कहा क्या ?
राहुल गांधी इसके बाद अपने साथ लाई गई गुरुनानक देव, भगवान महावीर और जीजस क्राइस्ट की तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि सभी में अभय मुद्रा है, जो न डरने की सीख देती हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम में भी दोनों हाथों से नमाज पढ़ना भी एक तरह से ‘अभय मुद्रा’ का ही रूप है। राहुल ने कहा कि एक तरफ शिव ‘डरो मत, डराओ मत’ और अहिंसा की बात करते हैं, वहीं जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं, वह हिंसा की बात करते हैं। राहुल के यह बोलते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया।
बीजेपी समेत तमाम सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई। सदन में मौजूद पीएम नरेंद्र मोदी खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर विषय है।
संविधान से किया भाषण शुरू और…
राहुल गांधी ने अपने भाषण के शुरुआत में बीजेपी और पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल ने जैसे ही बोलना शुरू किया, वैसे ही सदन में भारत माता की जय और मोदी-मोदी के नारे लगने शुरू हो गए। इसके बाद राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा- जय संविधान।
उन्होंने कहा कि हमने देश के लोगों के साथ मिलकर इसकी रक्षा की है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘पिछले कुछ समय से संविधान पर योजनाबद्ध तरीके से हमले हो रहे हैं। हम में से कई पर पर्सनली अटैक हुआ है। हम में से कई नेता जेल में हैं। मेरे ऊपर भी हमला हुआ है। 20 से ज्यादा केस, 2 साल की जेल, मुझे घर से बाहर कर दिया गया। फिर लगातार मुझ पर मीडिया के द्वारा भी हमने होते रहे। इसके बाद हुई 55 घंटों की ईडी की पूछताछ को मैंने काफी एंज्वॉय किया।’
फिर दिखाई भगवान शिव की तस्वीर
राहुल गांधी ने लोकसभा में अपनी स्पीच के दौरान भगवान शंकर की तस्वीर लहराई, इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उनको टोकते हुए नियम पुस्तिका निकाल ली। राहुल ने कहा, ‘क्या सदन में हम शिवजी की तस्वीर भी नहीं दिखा सकते…? मेरे पास और भी तस्वीरें थीं, जिन्हें दिखाना चाहता था। इसके बाद उन्होंने कई भगवानों की तस्वीरें दिखाईं।
राहुल गांधी ने कहा कि वह भगवान शिव से प्रेरणा लेते हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘भगवान शिव से मुझे विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की प्रेरणा मिली। शिव के गले में सांप है, जो विपत्तियों के सामने डटे रहने की प्रेरणा देता है। शिव के बाएं हाथ में त्रिशूल जो अहिंसा का प्रतीक है। अगर उनके दाएं हाथ में त्रिशूल होता, तो वह वार करने की स्थिति में होते, लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसे ही हम अहिंसा के साथ खड़े रहे हैं। हमने सच की रक्षा की है, हिंसा के बिना। अगर आप भगवान शिव की छवि देखेंगे, तो आपको पता चलेगा कि हिंदू कभी भी डर, नफरत नहीं फैला सकते।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘अभय मुद्रा कांग्रेस का प्रतीक है। अभयमुद्रा निर्भयता का संकेत है, आश्वासन और सुरक्षा का संकेत है, जो भय को दूर करता है और हिंदू, इस्लाम, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य भारतीय धर्मों में दैवीय सुरक्षा और आनंद प्रदान करता है। हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और भय ख़त्म करने की बात की है लेकिन, जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, नफरत, असत्य की बात करते हैं।’
राहुल गांधी ने यूपी के अयोध्या में बीजेपी को मिली हार पर तंज कसते हुए कहा, ‘भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या ने बीजेपी को एक संदेश दिया है। मैंने कल कॉफी पीते हुए इनसे (अवधेश पासी) पूछा कि हुआ क्या। आपको कब पता लगा कि आप अयोध्या में जीत रहे हो। इन्होंने कहा कि पहले दिन से पता था।
सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए अग्निवीर योजना पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘एक अग्निवीर ने बारूदी सुरंग विस्फोट में अपनी जान गंवा दी, लेकिन उसे ‘शहीद’ नहीं कहा जाता। ‘अग्निवीर’ इस्तेमाल करो और फेंक दो वाला मजदूर है। इस अग्निवीर को कुछ नहीं मिलता। हालांकि, इस पर आपत्ति जताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि अग्निवीर यदि युद्ध के दौरान मारे जाते हैं, तो उन्हें एक करोड़ रुपये दिये जाते हैं। राहुल गांधी को शायद इस बात की जानकारी नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार दोपहर संसद में राहुल गांधी के भाषण पर जोरदार पलटवार करते हुए कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नए नेता पर सभी हिंदुओं का अपमान करने का आरोप लगाया। यह तब हुआ जब श्री गांधी ने संविधान की एक प्रति और धार्मिक हस्तियों की तस्वीरों के साथ भाजपा और उसके वैचारिक संरक्षक, आरएसएस पर तीखा हमला किया और दावा किया कि दोनों में से कोई भी वास्तव में सभी हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
श्री मोदी ने कांग्रेस नेता की टिप्पणी का खंडन करने के लिए दो बार खड़े हुए। मोदी ने पहले कहा, ‘पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना एक गंभीर मुद्दा है’ उनके दूसरे हस्तक्षेप पर उनके प्रतिद्वंद्वियों ने उनका मजाक उड़ाया; प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि संविधान ने उन्हें विपक्ष के नेता के पद का सम्मान करना सिखाया है, जिस पर आज श्री गांधी काबिज हैं।
विपक्ष ने दावा किया है कि सरकार संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है – एक आरोप जिसे भाजपा ने खारिज कर दिया है। राहुल गांधी पिछले महीने अपने शपथ में ‘जय संविधान’ जोड़ने वाले सांसदों में से थे। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘अच्छा लग रहा है, भाजपा के लोग मेरे बाद ‘जय संविधान’ दोहरा रहे हैं।’ आज हंगामे की खास वजह श्री गांधी का भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला था, जिस पर उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, हमारे महापुरुषों ने अहिंसा की बात की (लेकिन) जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे केवल नफरत की बात करते हैं आप हिंदू हो ही नहीं।
श्री गांधी ने जोशीले भाषण की शुरुआत ‘भारत के विचार… संविधान… और संविधान पर हमले का विरोध करने वाले लोगों पर पूर्ण पैमाने पर और व्यवस्थित हमला’ का दावा करते हुए की। कई विपक्षी नेताओं पर ‘व्यक्तिगत हमला’ किया गया, कांग्रेस नेता ने गरजते हुए कहा कि ष्कुछ अभी भी जेल में हैं। 2 मंत्रियों और सांसदों ने राहुल गांधी के बड़े भाषण पर पलटवार किया। संदर्भ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर लग था, जिनकी पार्टी आप कांग्रेस के नेतृत्व वाले भारत के विपक्षी ब्लॉक का हिस्सा है। श्री केजरीवाल शराब नीति मामले में अपनी गिरफ्तारी के कारण दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं।
श्री गांधी ने कहा, यदि आप भगवान शिव की छवि को देखें तो आप पाएंगे कि हिंदू कभी भी भय और घृणा नहीं फैला सकते… लेकिन भाजपा चौबीसों घंटे भय और घृणा फैलाती है। उन्होंने गुरु नानक देव की छवि भी दिखाई, जिसके लिए उन्हें स्पीकर ओम बिरला ने फटकार लगाई …और उनकी सबसे लोकप्रिय मुद्राओं में एक समानता को चिह्नित किया – बाहर की ओर मुंह किए हुए दाहिना हाथ, जो कांग्रेस का प्रतीक भी है।
श्री गांधी ने ‘अभय मुद्रा’ का जिक्र करते हुए कहा, डराओ मत…डरो मत. जो किसी को भय दूर करने की शिक्षा देती है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों द्वारा समान पाठ सिखाए जाते हैं। राहुल ने कहा, ‘अभय मुद्रा’ कांग्रेस का प्रतीक है। यह सुरक्षा का संकेत है, जो भय को दूर करता है और हिंदू धर्म, इस्लाम, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य भारतीय धर्मों में दैवीय सुरक्षा प्रदान करता है। अमित शाह ने जवाब दिया, प्रधानमंत्री के संक्षिप्त जवाब के बाद, जिस पर श्री गांधी ने चिल्लाते हुए कहा कि मोदी जी, भाजपा और आरएसएस संपूर्ण हिंदू समुदाय नहीं है। श्री शाह ने कहा, ‘राहुल गांधी को सभी हिंदुओं को हिंसक बताने वाली अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।’ राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।
उधऱ, राज्यसभा में खुद के विवादास्पद क्षणों का सामना करने के बाद, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने एक्स पर कई पोस्ट के ज़रिए श्री गांधी पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता पर ‘सरासर झूठ बोलने’ का आरोप लगाया।