Sunday, November 24, 2024
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पर्पल पेन द्वारा ‘जश्न ए अल्फाज’ का आयोजन किया गया

2017.09.18.03. SSP. pupleनई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। साहित्यिक ग्रुप पर्पल पेन ने अपना द्वितीय वार्षिक उत्सव का शानदार आयोजन कल शाम विष्णु दिगम्बर मार्ग, हिंदी भवन में आयोजित किया गया। जिसमें पंजाब शिरोमणि विश्वविख्यात गजलकार राजेंद्र नाथ रहबर मुख्य अतिथि के रूप में एवं आकाशवाणी के पूर्व महानिदेशक एवं प्रख्यात साहित्यकार लक्ष्मीशंकर वाजपयी एवं मशहूर शायर मलिकजादा जावेद विशिष्ट अतिथि रहे। माँ शारदे के चित्र के सम्मुख अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित करने के उपरांत कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों को मोतियों की माला एवं अंगवस्त्र पहनाकर व पुष्प गुच्छ भेंट कर संस्था की संस्थापिका वसुधा कनुप्रिया ने सम्मानित किया । समूह में विशेष सक्रियता एवं साहित्यिक योगदान के लिए ष्साहित्य सेवी सम्मानष् से सम्मानित रचनाकारों में सुश्री नीलोफर नीलू, वंदना गोयल, इंदिरा शर्मा रहे तथा साहित्यिक एवं मीडिया क्षेत्र के माध्यम से प्रचार प्रसार के लिए साहित्य साधक सम्मान वरिष्ठ कवि अशोक कश्यप (संस्थापक -नवांकुर साहित्य सभा), ओम प्रकाश शुक्ल (संस्थापक-युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच), विजय कुमार दिवाकर (विजय न्यूज) सैफुद्दीन सैफी (संपादक -लोक जंग) को प्रदान किया गया। इस सुअवसर पर संस्था द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों में विशेष सहयोगिता के लिए दिनेश गोस्वामी जी को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के उपरांत काव्य की अविरल गंगा बही जिसमें दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश से आये हुए लगभग 55 कवियों ने काव्यपाठ किया। जिनमें साहित्यकार रामकिशोर उपाध्याय (युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच), त्रिभुवन कॉल, सरेश पाल वर्मा जसाला, जगदीश मीणा, काली शंकर सौम्य, असलम बेताब, मंजू वशिष्ठ, विवेक आस्तिक, पुष्प लता, लोकेन्द्र मुद्गल, रतन राठौड़, चन्द्र प्रकाश पारीख, विवेक चैहान, चंद्रकांता सिवाल, नीरजा मेहता, इब्राहीम अल्वी, ए एस खान, दिलदार देहलवी, शारदा मदरा, इंद्रा शर्मा, दिल्ली के छोटे उस्ताद शायर अभिषेक अम्बर और संजय कुमार गिरि आदि।
उस्तादे मोहतरम राजेन्द्र नाथ रहबर ने अपनी गजल कुछ इस अंदाज में कही —-जब भी हमें मिलो जरा हंस कर मिला करो
देंगे फकीर तुम को दुआएं नई नई
शायर मलिकजादा जावेद ने कुछ यूँ शेर कहा- ष्वतन से जो नहीं करते मुहब्बत, दिमागी तौर पर बीमार होगें।
गजलकार लक्ष्मी शंकर वाजपयी ने अपनी सुन्दर कविता में पढ़ा —-
कमरे में सजी
तुम्हारी बड़ी-
सी तस्वीर से
कहीं ज्यादा
परेशान करती हैं !
बाथरूम में चिपकी
तुम्हारी छोटी-
छोटी बिन्दिया।
अभिषेक अम्बर ने अपने शेश्र कहा —-अब और अपने बारे में अम्बर मैं क्या कहूँ
मैं भी कमाल मेरा दिवाना कमाल है।
वर्तमान हालात पर संजय गिरि ने अपने शेश्र माध्यम से कहा -खाना नहीं गरीब को भर पेट मिल रहा ,
कैसे कहूँ गरीब की हालत बदल गई !!
असलम बेताब ने एक शेश्र कुछ इस अंदाज में पढ़ा -हम यूँ ही बेताब नहीं हैं जलवे मेरे यार के देखो
साहित्यकार एवं कवि सुरेशपाल वर्मा जसाला (संस्थापक सुप्रभात मंच) ने कहा -चकाचैंध में पलने वालों, अंधेरों का भी सम्मान करो।
कवि जगदीश मीणा ने एक गीत पढ़ा – सुबह सवेरे रात दोपहर, हर पल तेरा ध्यान, सजनी तुझ बिन मैं बेहाल …
कार्यक्रम का संचालन कमल कांत शर्मा ने अपने लाजवाब अंदाज में किया। कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में हमेशा के तरह अतिथियों द्वारा पर्पल पेन के शानदार दो वर्ष पूर्ण होने पर केक काट कर सभी का मूंह मीठा किया गया। सभी कवियों को उनके शानदार काव्य पाठ के लिए सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। अंत में संस्थापिका वसुधा कनुप्रिया ने सभी अतिथियों एवं कवियों का आभार व्यक्त किया।