⇒कैबिनेट मन्त्री जी की उदासीनता पर उठने लगे सवाल
⇒केडीए ने भेजी ईडब्लूएस के वासिन्दों को लाखों रुपये भगतान करने की नोटिसें
कानपुर, जन सामना ब्यूरो। मोदी और योगी सरकार जहां एक ओर देश के हर गरीब को आशियाना मुहैया कराने के लिए प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर शहर में एक मामला ऐसा भी प्रकाश में आया है जिसमें एक आत्महत्या करने वाली महिला की मौत का जिम्मेदार केडीए को बताया जा रहा है। वहीं क्षेत्रीय लोगों की मानें तो विधायक सतीश महाना की अनदेखी नीतियों पर भी सवालिया निसान लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि जब श्री महाना जी की पार्टी विपक्ष में थी तो वो गरीबों को आशियाना दिलाने के लिए आयेदिन केडीए के अधिकारियों से बातचीत किया करते थे लेकिन जब से उनकी पार्टी सत्ता में आ गई और वो खुद कैबिनेट में बैठ गए तब से गरीबों की समस्याओं को पूरी तरह से नजरअन्दाज कर दिया है।
अभी बर्रा थाना क्षेत्र के जरौली फेस दो की रहने वाली रेनू की आत्महत्या ने ऐसे सवाल पैदा कर दिए जिससे लोग श्री महाना जी की कार्यशैली पर उंगली उठाने लगे। वहीं मृतका के पति आशीष की मानें तो केडीए से चार लाख रुपये अदा करने का फरमान आया था इससे उसकी पत्नी परेशान हो उठी और उसने आत्महत्या करने का कदम उठा लिया।
वहीं जरौली फेस एक व दो के वाशिन्दों की मानें वे ई डब्लू एस कालोनियों में रहकर गुजर बसर कर रहे हैं। उनके पास इतनी धनराशि भुगतान करने की सामथ्र्य नहीं है।
गौरतलब हो कि 103/2010 की केडीए बोर्ड बैठक में 5600 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर के आधार पर मूल आवंटी के आवंटन पत्र पर रहने वालों आवंटित करने का आदेश हो चुका है लेकिन उस आदेश को आज तक रद्दी के ढेर में डाला जा चुका है। वहीं यह भी विदित हो कि इसी योजना में उपरोक्त दर 156 भवन पूर्व में केडीए बेंच चुका है। लेकिन वर्तमान में वह पुराने आदेश को दरकिनार किए है और ईडब्लूएस के वाशिन्दों को नोटिसें भेजकर परेशानी में डाल रहा है। उपरोक्त समस्या का उचित समाधान करने के लिए समाजसेवी संस्थाओं ने पत्र लिखकर अवगत भी करा दिया है और इसी दौरान एक महिला की आत्महत्या ने केडीए अधिकारियों व कैबिनेट मन्त्री की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है।