हाथरस, नीरज चक्रपाणि। तहसील सदर पर आज चल रहे नामांकन प्रक्रिया के दौरान अपने-अपने बिस्तरों पर बैठे अधिवक्ताओं व अपर पुलिस अधीक्षक में तीखी नोंकझोक व भिडन्त हो गई तथा काफी हंगामा हो गया और मौके पर जहां अधिवक्ताओं की भीड लग गई वहीं तमाम पुलिस बल भी आ गया और बाद में जैसे तैसे मामला शांत कराया गया वहीं वकीलों ने एएसपी के व्यवहार की कडी निन्दा की है और कार्यवाही की मांग की है।
उक्त घटना को लेकर रेवेन्यू बार एसोसियेशन की एक आवश्यक बैठक ज्ञानेन्द्र सिंह एड. अध्यक्ष की अध्यक्षता में आहूत की गई। बैठक में रेवेन्यू बार के लगभग समस्त अधिवक्ता मौजूद थे। बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक के कार्य व्यवहार की घोर निन्दा की गई। एएसपी द्वारा रेवेन्यू बार एसो. के सचिव सुदर्शन शर्मा एड. को धमकी देना कि तुम्हें 151 में बंद करा दूंगा की घोर निन्दा की गई। सभी अधिवक्ताओं ने बार में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि उक्त एएसपी का अधिवक्ताओं के साथ व्यवहार ऐसा है तो आम जनता के साथ कैसा होगा और तहसील परिसर से अधिवक्ताओं को बाहर निकालनेका अधिकार उक्त एएसपी को किसने दिया।
बैठक में उक्त वकीलों ने आरोप लगाया कि राजनीति से लिप्त होकर कार्य कर रहे हैं। यदि उक्त एएसपी नगर निकाय के चुनाव में रहते हैं तो निष्पक्ष चुनाव किया जाना सम्भव नहीं है। उक्त एएसपी के दुव्र्यवहार की घोर निन्दा करते हैं और प्रस्ताव की प्रति तत्काल बार काउंसिल आॅफ उ.प्र. को भेजी जाये तथा एक प्रति पुलिस महानिदेशक उ.प्र. को भेजी जाये तथा एक प्रति निर्वाचन आयोग उ.प्र. व एक प्रति भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाये। उक्त एएसपी के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जाये अन्यथा रेवेन्यू बार अन्य वारों का सहयोग लेकर बडा आन्दोलन कर सकती है।
बैठक में भूपेन्द्र शर्मा, पवन शर्मा, राजकुमार, डी.के. पचैरी, नितिन यादव, अजय गौड, अशोक शर्मा, यादवेन्द्र सिंह बघेल, राजेन्द्र शर्मा, अनिल पाठक, के.के. शर्मा, रमाशंकर शर्मा, नरेश कुमार, किराना सिंह राघव, नीरेश कुलश्रेष्ठ, प्रशांत शर्मा, सुशील वाष्र्णेय, नीरजकांत शर्मा, जोधपाल सिंह, अवधेश शर्मा, उमेश शर्मा, जे.पी. जैसवाल, किशन लाल बघेल, अतुल शर्मा, विष्णु कुमार, रिषी उपाध्याय आदि मौजूद थे।