रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्काई क्लासेस कोचिंग में रानी लक्ष्मी बाई जयंती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत स्वामी विवेकानंद, मां सरस्वती एवं रानी लक्ष्मी बाई की फोटो पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। विभाग प्रमुख डा. तुषार बाजपेई ने कहा कि विद्यार्थी परिषद दुनिया का सबसे बडा छात्र संगठन है, जो सदैव छात्रहित के लिये कार्य करता है। आज इस जयंती पर हम सभी को यह संकल्प लेना होगा कि अपने अंदर राष्ट्रभक्ति पैदा कर देश की सेवा करना है।
जिला प्रमुख जुगुल किशोर गुप्ता ने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवम्बर 1835 को काशी में हुआ था। बचपन में इनका नाम मणिकर्णिका था लेकिन लोग इन्हें प्यार से मनु बुलाते थे 1850 में इनका विवाह राजा गंगाधर राव से हो गया । 1851 में इन्हें एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई जो चार माह बाद स्वर्गवासी हो गया। इस सदमे को राजा साहब सहन न कर पाये और 1853 में स्वर्गवासी हो गये। इस तरह इतने दुख में भी रानी ने अपने झाँसी और देश की रक्षा अँग्रेजो से की और अपने देश की सेवा करते हुवे वीरगति को प्राप्त हुई।
जिला संयोजक अंकुर गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थी परिषद की स्थापना 9 जुलाई 1949 को एक विराट संकल्प को लेकर हुई जो शिक्षा क्षेत्र के साथ साथ समाज और देशहित की भी लड़ाई लड़ता है।
आज इस संगोष्ठी के माध्यम से मै आप सभी के अंदर रानी लक्ष्मी बाई जैसे जज्बा, सौर्य, साहस ऐसे गुण आपके अंदर भी होने चाहिये तभी महिला शशक्तिकरण का सपना साकार होगा और भारत विश्वगुरू की ओर आगे बढेगा। आज हमारी शिक्षा संस्कार युक्त होनी चाहिये लेकिन अफसोस है की शिक्षा आज केवल व्यापार बनकर रह गया है। आप सभी के ऊपर भारत का भविष्य निर्भर है।
कोचिंग संचालक सुनील यादव ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी भारत के भविष्य हो और अपने इतिहास से सीख कर महापुरुषों से प्रेरणा लेकर आगे बढना है। कार्यक्रम का संचालन सुशील यादव ने किया। इस मौके पर संगठन मंत्री दीपक कुमार, मधु वर्मा, पूर्णिमा, शिवानी सिंह, पिन्सू सिंह, शिवम कसौधन, सुभम पाठक, रिंकू सिंह, कोमल सहित तमाम छात्र छात्राएं रहीं।