Monday, November 25, 2024
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प्रत्याशियों का भाग्य फैसला हुआ मतपेटियों में हुआ बंद

हाथरसः जन सामना ब्यूरो। नगर निकाय चुनावों के पहले चरण में आज जिले भर व शहर में हुये मतदान में जहां सभी प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला मतपेटियों में बंद हो गया है। वहीं किसी भी प्रत्याशी की दावेदारी स्पष्ट नजर नहीं आ रही है तथा पूरे जिले में हाथरस कोे छोड अन्य सभी नगर पालिका व नगर पंचायतों में वोटिंग का प्रतिशत अच्छा रहा है जबकि शहर के मतदाताओं में कुछ उदासीनता नजर आयी और दोपहर 4 बजे तक 61 प्रतिशत मतदान ही हो सका है। मतदान को लेकर पुलिस प्रशासन जहां अलर्ट रहा वहीं वोटर लिस्टों से मतदाताओं के नाम गायब होने से मतदाताओं में आक्रोश दिखा। पालिकाध्यक्ष पद के सभी प्रत्याशियों में से मुख्य मुकाबला बसपा, सत्ताधारी भाजपा, सपा, निर्दलीय प्रत्याशी रवि चैहान व कांग्रेस, रालोद के बीच में हैं।
नगर निकाय चुनावों के पहले चरण के तहत आज जिले भर की 7 नगर पंचायतों मुरसान, सासनी, मैण्डू, हसायन, पुरदिलनगर, सादाबाद, सहपऊ तथा नगर पालिका हाथरस व सिकन्द्राराऊ में सुबह से मतदान शुरू हुआ और मतदान जहां शांतिपूर्ण तरीके से हुआ वहीं कहीं-कहीं समर्थकों में आपसी बहस व नोंकझोंक होती देखी गई लेकिन कहीं कोई ऐसी अप्रिय बात नहीं रही। जिले भर में सभी पोलिंग बूथों पर जहां भारी संख्या में पुलिस, पीएसी व आरएएफ तैनात थी वहीं जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह, पुलिस कप्तान सुशील चन्द्रभान, एडीएम रेखा एस. चैहान, एएसपी डा. अरविन्द कुमार, सीओ सिटी सुमन कनौजिया पोलिंग बूथों पर जाकर स्थिति का जायजा ले रहे थे।
पोलिंग बूथों पर डीएम-एसपी के साथ अलीगढ मण्डल के कमिश्नर व डीआईजी ने भी जायजा लिया और संवेदनशील पोलिंग बूथों पर प्रशासन की विशेष नजर रही और ड्रोन कैमरों से निगरानी रखने के साथ ही वीडियोग्राफी भी करायी गई। पोलिंग बूथों के पास बिस्तर लगाकर बैठे प्रत्याशियों के कार्यकर्ताओं को पुलिस हटवाकर बिस्तर दूर लगवाये गये वहीं झण्डा, बैनर भी उतरवा लिये गये।
पूरे जिले का मतदान दोपहर 3 बजे तक जहां 50.18 प्रतिशत था वहीं हाथरस में 4 बजे तक 51 प्रतिशत तथा दोपहर 3 बजे तक मैण्डू 57 प्रतिशत, मुरसान 51.9 प्रतिशत, सासनी 65.9 प्रतिशत, सिकन्द्राराऊ 55.8 प्रतिशत, हसायन 74.9 प्रतिशत, सादाबाद 52 प्रतिशत, सहपऊ 59.9 प्रतिशत तथा पुरदिलनगर में 57.7 प्रतिशत मतदान हुआ था। हाथरस शहर में मतदान सुबह से शुरू होते ही शहर के बाहरी मतदान केन्द्रों, सरस्वती इण्टर कालेज, डीआरबी इण्टर कालेज, सुरेन्द्रनाथ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बागला डिग्री कालेज, सुरजोबाई इण्टर कालेज, आर.डी. डिग्री कालेज तथा रामबाग इण्टर कालेज में बने पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की जहां लम्बी-लम्बी लाइनें लग गई थीं वहीं शहर के अन्दर के पोलिंग बूथों कम भीड दिखी और दोपहर बाद मतदाताओं की कुछ रफ्तार बढी।
मतदान को लेकर ऐसे सैकडों मतदाता भारी नाराजगी जताते दिखे जिनके वोटर लिस्टों से नाम काट दिये गये। इन मतदाताओं का आरोप है कि इस बार की वोटर लिस्ट में गली की गली के मतदाताओं के नाम गायब हैं और इन मतदाताओं को जहां हताश होकर लौटना पडा वहीं वह नाम गायब होने का ढीकरा बीएलओ पर फोडते दिखे। कुछ मतदाता अपने कार्यकर्ताओं की कमी व अपने खुद को दोषी बताते दिखे। वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की समस्या लगभग शहर के सभी बूथों पर दिखी।
शहर के बुर्ज वाला कुंआ स्थित बौहरे दीनानाथ गैस्ट हाउस में बने पोलिंग बूथ पर निर्वाचन कर्मचारियों द्वारा गेट मतदान के समय से 10 मिनट पहले बंद किये जाने पर सभासद प्रत्याशियों व ऐजेन्टों ने विरोध किया जिसको लेकर वहां हायतोबा व हंगामा हो गया और लोगों की भीड़ लग गई तथा सूचना पाकर आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये और पुलिस ने हंगामा करने वालों को आवश्यक बल प्रयोग कर वहां से खदेड़ दिया और बताया जाता है कि पुलिस भाजपा के सभासद प्रत्याशी मनीष अग्रवाल व निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप शर्मा को अपने साथ पकड़कर कोतवाली ले गयी।
नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिये सभी प्रत्याशियों में भारी घमासान नजर आया और किसी भी प्रत्याशी की दावेदारी को स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है और चुनाव परिणाम चैंकाने वाले हो सकते हैं? लेकिन चुनाव मैदान एक से बढकर एक प्रत्याशी हैं और मुख्य मुकाबले में जहां बसपा, भाजपा व सपा हैं वहीं निर्दलीय प्रत्याशी रवि चैहान, रालोद व कांग्रेस भी खेल में अहम भूमिका निभा रहे हैं और किसी भी प्रत्याशी की हसरतों पर पानी फेर सकते हैं और अब जहां चर्चाओं का दौर लोगों में शुरू हो गया है वहीं देखना होगा कि आगामी 1 दिसम्बर को किसके सिर पर ताज सजता है और यह तो अब भविष्य के गर्त में है लेकिन यह तय कि चुनाव परिणाम जहां चैकाने वाला हो सकता है वहीं हाथरस की राजनीति की दिशा तय होगी।
पूरे शहर के सभासद प्रत्याशियों की बात की जाये तो सभी वार्डो में आलम ऐसा दिखा कि कहीं पार्टी प्रत्याशी भारी है तो कहीं पर पार्टी प्रत्याशी पर निर्दलीय हावी हैं और कुछ प्रत्याशी तो ऐसे भी दिखे कि वह जीत को लेकर आश्वस्त हैं लेकिन उन्हें भी 1 दिसम्बर को पता चलेगा कि जनता का मूड किसके साथ है?