Saturday, November 23, 2024
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नोट पर चोट-राजेश गोयल

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राजेश गोयल नई बस्ती, औरंगाबाद (बुलन्दशहर)

रूपये लेने के लिये
बैंक पर अपार भीड़ लगी थी।
एक पंक्ति पुरूषों  की,
दूसरी महिलाओं की खड़ी थी।
महिलाओं की पंक्ति में महाभारत की
‘कुन्ति’ और ‘गन्धारी‘ सुबह छः बजे से लगी थीं .
जनता का धमाल देख महाभारत का दृष्य
आंखों के समाने आ गया।
कुन्ति-से गन्धारी कहने लगी-
मैंने बैंक में अपने सौ पुत्रों
को पैसे लेने भेजा-
वहां से वह दो हजार के हिसाब से
सभी मिलकर दो लाख रूपये ले आये।
कुन्ती भी कहां चुप रहने वाली थी।
अरे! मुई, देख मेरे पांचों पाण्डव
द्रोपती से शादी का कार्ड दिखाकर-
ढाई लाख रूपये के हिसाब से
साढे बारह लाख रूपये लाये।
पुरूषों  की पंक्ति में लगे राजा सगर
दोनों की बात सुनकर
मुंह में उंगली दबाकर
आश्चार्यचकित होकर कहने लगे-
तभी तो मेरे साठ हजार पुत्र
पैसे लेने की चाह में पचास दिन से खड़े हैं।
जो भिखमंगे, फटेहाल,
गरीब बनकर रह गये हैं।
इनका तीन माह तो क्या
छः माह में भी नम्बर नहीं आयेगा।
इस तरह कोई भी जीवनभर
बैंक से पैसे नहीं ले पायेगा।
और सभी को सरकार द्वारा
काले धन रखने के आरोप में
गिरफ्तार कर
जेल भेजा जायेगा।