घाटमपुर/कानपुर, शिराजी। राष्ट्रीय सवर्ण एकता संघ की राष्ट्रीय व् प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आर्टिकल 15 मूवी का किस तरीके से विरोध किया जा सके उसके लिए बैठक में चर्चा की गई बैठक में सत्यम तिवारी ने बताया की आर्टिकल 15 मूवी में ब्राम्हण समाज को एक अत्याचारी समाज के रूप में प्रदर्शित किया गया है। उस मूवी में ब्राम्हणो द्वारा दलितों पर अत्याचार किये गए इस तरीके के शूट उस मूवी में दिखाए गए। जबकि इस मूवी के निर्माता बनारस के ब्राम्हण सिन्हा जी है और मूवी में मुख्य किरदार आयुष्मान खुराना ने किया है तीन ब्राम्हण किस तरीके से दलित लड़कियो का तीन रुपये वेतन न बढ़ाये जाने पर उनका गैंगरेप करने के उपरान्त उन्हें मार दिया जाता है। उसके बाद सम्पूर्ण ब्राम्हण समाज उनका समर्थन करने लगता है। क्या यह मुमकिन है, की एक व्यक्ति गलत करे और सम्पूर्ण समाज उसका समर्थन करने लगे। इससे यह सिद्ध होता है की ब्राम्हण समाज को अत्याचारी बताने की कोशिश की जा रही है ऐसी जातिवाद पर आधारित मूवी को सेंसरबोर्ड पास कैसे कर देता है और सिन्हा जैसे ये निर्माता पैसो के लिए समाज क्या देश को भी बदनाम कर दे। इसके लिए संगठन द्वारा आज पूर्ण रणनीति तैयार कर ली गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष व् संस्थापक पंडित सत्यम तिवारी ने बताया की उप्र के सभी सिनेमाघरों में संगठन द्वारा मूबी न चलाने के सम्बन्ध में पत्रक भेजे जा रहे है। और जिस भी सिनेमाघर में यह मूवी लगाई जायेगी उस क्षेत्र का ब्राम्हण समाज चुप नही बैठेगा। वह कोई न कोई ठोश कदम जरूर उठाएगा। उसके बाद 9 तारीख को बड़ा चौराहा कानपुर में आयुष्मान खुराना का पुतला दहन करने का भी आयोजन संगठन द्वारा किया जा रहा है। किसी भी तरह से संगठन चाहता है की यह मूवी रिलीज न हो सके गौर करने की बात यह है की यह सम्पूर्ण कहानी कानपुर देहात की तीन लड़कियो के मर्डर केस पर आधारित है। संगठन की बैठक में राष्ट्रीय महासचिव धनराज बाजपेई, अभिषेक द्विवेदी, अभिषेक पाण्डेय, पंकज मिश्रा, शुशील बाजपेई, शिव अवस्थी, राहुल बाजपेई, जगत तिवारी अभिषेक शुक्ला,सहित अन्य कई लोग मौजूद थे।