कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। गत वर्षो की भांति माह 1 जुलाई से 31 अगस्त तक की मछलियों विशेषकर प्रजननशील मछलियों (कतला, रोहू, नैन, महासिर एवं करौंच आदि) का शिकार, ट्रान्सपोर्टेशन एवं विक्रय आदि हेतु प्रतिबन्धित किया गया है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण डा0 रणजीत सिंह ने बताया कि जो भी व्यक्ति उपरोक्त कार्य में संलिप्त पाया जायेगा उसके विरूद्ध उत्तर प्रदेश मत्स्य अधिनियम 1948 की धारा-3 के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त जनपद के सक्रिय मत्स्य पालकों से अपील की है कि मत्स्य विभाग की हैचरी से उन्नतशील प्रजातियों के रोग रोधी मत्स्य फ्राई/मत्स्य अंगुलिकाएं प्राप्त करने हेतु कार्यालय मत्स्य पालक विकास अभिकरण कानपुर देहात में यथाशीघ्र धनराशि जमा कराये ताकि समयानुसार मत्स्य फ्राई(जीरा) की आपूर्ति की जा सके। उक्त के सम्बन्ध में कोई भी जानकारी किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय से प्राप्त कर सकते है। यदि इसके अतिरिक्त कोई मत्स्य विके्रता/मत्स्य पालक प्रतिबंधित मछली यथा थाई लैण्डमांगुर बिगहेड व पयासी आदि बेचता हुआ पाया जायेगा तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड सहिता धारा 270 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि यूपी फिशरीज एक्ट 1948 की धारा 6 के अन्तर्गत प्राधिकृत मत्स्य विभाग के अधिकारी तथा पुलिस उप निरीक्षक को बिना वारंट के उक्त कृत्य करने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के अधिकार प्रदत्त है।