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कैसे न हो सड़क दुर्घटना

2017.03.21 12 ravijansaamnaहाथरस/सासनी जन सामना संवाददाता। शासन से लेकर प्रशासन तक भले ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कितने ही उपाय क्यों न कर लें मगर अधिकारियों और डग्गेमार वाहनों के संचालकों की मनमानी के चलते सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाना संभव नही हैं सासनी से हाथरस तक जाने वाले डग्गेमार वाहनों में सवारियों को भूसे की तरह ठूंसकर भर लिया जाता है। उसके बाद ही सफर की शुरूआत की जाती है। यहां तक कि पुलिस थाने के सामने से भी वाहन चालक सीना चैड़ाकर वाहनों को दौड़ाते हुए ले जाते हैं। पुलिस कर्मचारी और अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते। जिससे सड़क दुघटनाओं में काफी बढोत्तरी हो रही है। बता दें कि सवारियां भी जल्दी जाने के प्रयास में इन वाहनों में सवार होकर चलती हैं और डग्गेमार वाहन चालक सवारियों को भूसे की तरह भरने के बाद वाहनों की छतपर भी क्षमता से अधिक सामान लाद लेते हैं उसके बाद सवारियों को वाहनों के पीछे पैरदान पर लटका लेते हैं। चूंकि सवारियेां को जल्दी जाना होता हैं इसलिए वह मजबूरी में इन वाहनों में लटककर सफर करने को मजबूर होते हैं। हाथरस से लेकर सासनी तक चलने वाले वाहन चालकों को रास्ते में कई जगहों पर पुलिस वाहन चैकिंग करते हुए मिलती हैं। तो वाहन चैक कर रहे पुलिसकर्मी इन वाहनों को आते ही अपना मुंह फेर लेते हैं और यह वाहन फर्राटे भरते हुए पुलिस के सामने से अपने गंतव्य को चले जाते हैं। कभी-कभी परिवहन विभाग के अधिकारी भी मिल जाते हैं तो अधिकारी भी इन वाहनों की ओर नहीं देखते। इससे वाहन स्वामियों और अधिकारियों की सांठ गांठ का होना प्रतीत होता है। यदि अधिकारी दुरूस्त हो जाएं वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियों के भरने पर रोक लगाते हुए वाहन चालकों को यातायात के नियम शिविर लगाकर समझाएं तो हो सकता है कि सडक दुर्घटनाएं न हों। सडक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार मुक्त होकर वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें यातायात के नियम समझाने की आवश्यकता है।