सरस्वती शिशु मंदिर में चल रही श्रीराम कथा में बह रही भक्ति की धारा
टूंडला, जन सामना संवाददाता। नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में चल रहे श्रीराम जन्मोत्सव कार्यक्रम में शुक्रवार को धर्म और अधर्म के बारे में बताया गया। इस दौरान श्रीराम और लक्ष्मण के किशोरावस्था की कथा का भी बखान किया गया। कथा वाचक रामप्रिया शरण ने कहा कि धरती पर जब-जब अधर्म का साम्राज्य बढता है। तब-तब धर्म की रक्षा के लिए भगवान अवतरित होते हैं। अधर्म का मार्ग विनाश की ओर ले जाता है जबकि धर्म का मार्ग पुण्य की ओर। राक्षस राम और कृष्ण के समय में ही नहीं थे बल्कि आज भी राक्षस हमारे और आपके बीच में रहते हैं। राक्षस शरीर से नहीं बल्कि गलत आदतों से बनते हैं। इसलिए हम सभी को अपनी गलत आदतों को बदलकर राम राज्य स्थापित करना होगा। रावण बृद्धिमान था लेकिन गलत मार्ग पर चला, इसलिए उसका पतन हुआ। कथा व्यास ने कहा कि संतों के हवन में राक्षसों ने विघ्न पैदा करना शुरू कर दिया। संतों की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण जी ने पहुंचकर असुरों का संहार किया। राम बनवास की कथा सुनाते हुए कथा व्यास ने कहा कि मोह और माया क्षण भंगुर होती हैं। इसलिए यदि प्रीत लगानी है तो उस परमात्मा से लगाओ जिसने यह जीवन दिया है। कथा में काफी संख्या में महिला और पुरूष श्रद्धालु मौजूद रहे।