Wednesday, November 27, 2024
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मंडलायुक्त ने जे के कैंसर की चिकित्सा व्यवस्था का लिया जायजा

कानपुरः प्रभात गुप्ता। नगर का जेके कैंसर संस्थान सरकार द्वारा संचालित एक विशेष चिकित्सा संस्थान है और कैंसर के चिकित्सा उपचार की आवश्यकता को पूरा करता है।
बताते चलें कि इस भवन का निर्माण जेके समूह द्वारा वर्ष 1955 से 61 बीच किया गया था और वर्ष 1964 में यूपी सरकार को संचालन हेतु सौंप दिया गया था। पिछले 58 वर्षों से, इस संस्थान ने आसपास के 10 से 12 जिलों में लाखों लोगों के कैंसर के निदान और इलाज के लिए काम किया है।

मंडलायुक्त ने जेके कैंसर संस्थान के आईसीयू व वार्ड का औचक दौरा किया और निदेशक, डॉक्टरों, नर्सों, रोगियों और उनके परिचारकों के साथ बातचीत की।
बताया गया कि अब तक प्रतिदिन लगभग 200 लोग ओपीडी में अपनी कैंसर की जांच करवाने के लिए आते हैं। इन 200 में से, लगभग 50 से 60 कैंसर के लिए पॉज़िटिव पाए जाते हैं और उन्हें आगे के निदान और उपचार के लिए भर्ती कराया जाता है। संस्थान की कुल बिस्तर क्षमता 106 है। बिस्तर अधिभोग अनुपात लगभग 80 प्रतिशत है। अस्पताल में सभी नियमित जाँच और उपचार निःशुल्क हैं।
निरीक्षण के दौरान रोगियों और परिचारकों ने बताया कि उन्हें अच्छा इलाज, दवाएं और डॉक्टरों की सलाह मिल रही है। इस संस्थान की मुख्य समस्या नर्सिंग स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की बहुत कम संख्या है। संस्थान को लगभग 50 नर्सों की आवश्यकता है, लेकिन स्वीकृत संख्या केवल 20 है और 20 में से केवल 11 कार्यरत हैं (बाकी सेवानिवृत्त हैं)। निदेशक डॉ एसएन प्रसाद ने आयुक्त को बताया कि उन्होंने रिक्त पदों पर नर्सों की नियुक्ति की अनुमति के लिए अनुरोध पत्र भेजा है, लेकिन उन्हें अभी तक अनुमति नहीं मिली है।
आयुक्त ने उन्हें इस प्रकरण को निदेशक चिकित्सा शिक्षा और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के संज्ञान में लाने और शीघ्र अनुमति हेतु प्रयास करने का आश्वासन दिया। वही निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि “बायोप्सी मशीन” काम नहीं कर रही है। ऐसे में संस्थान में सक्रिय बायोप्सी मशीन की बहुत आवश्यकता है।
पहले रोजाना 10 से 12 बायोप्सी की जा रही थी, जो पिछले कुछ महीनों से नहीं की जा रही है।
यह देख आयुक्त ने निदेशक को मशीन की मरम्मत कराकर अगले एक सप्ताह में इसे चालू करने को कहा।
आयुक्त ने जब “बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी” (बच्चों के लिए कैंसर उपचार सुविधा) की सुविधा के बारे में पूछा, तो निदेशक ने बताया कि अभी तक इसकी सुविधा नहीं है, परन्तु उनके द्वारा यह भी बताया गया कि अगर सरकार द्वारा इसकी अनुमति दी जाती है और कुछ संकाय और कर्मचारियों को दिया जाता है, तो जेके कैंसर संस्थान बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी अनुभाग शुरू कर सकता है।
आयुक्त ने निदेशक को अगले 15 दिनों में बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी स्थापित करने के लिए एक प्रस्ताव सरकार को भेजने के लिए कहा। इस सम्बन्ध में आयुक्त भी सरकार को पत्र लिखेंगे, जिस पर शासन स्तर पर उचित निर्णय लिया जाएगा। निदेशक ने आयुक्त को बताया कि संस्थान में कैन्सर की जाँच की सभी सुविधाएं हैं और उनके पास पर्याप्त बजट भी है। आयुक्त ने देखा कि कई स्टाफ और नर्सों ने अपनी वर्दी, नाम का बैज नहीं पहना था और उनके पास पहचान पत्र नहीं थे।
इसे गंभीरता से लेते हुए, आयुक्त ने निदेशक से इसकी जांच कराने और सभी के पास वर्दी, नाम का बैज व आईडी कार्ड की अगले एक सप्ताह में उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया।