Wednesday, November 27, 2024
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राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ग्राम समाज की भूमि पर हो गये अवैध कब्जे

⇒अवैध कब्जेधारकों ने ग्राम समाज की भूमि पर कर लिये पक्के निर्माण
⇒उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में अवैध कब्जों की जाँच करवाने की माग हुई।
⇒अधिकारियों की खुशामद करने वाले शातिर व्यक्ति ने करवा लिये ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जे।
⇒ग्राम समाज की अधिकतर सम्पत्ति का उपभोग करते हैं राजेन्द्र सिंह के सगे रिश्तेदार।
कानपुर देहात : अखिलेश सिंह। ग्राम समाज की सार्वजनिक भूमि पर क्षेत्र पंचायत सदस्य के पति ने अधिकारियों से साँठगाँठ करके अपने परिवार के सदस्यों व सगे रिश्तेदारों के पक्के निर्माण करवा लिये। जबकि ग्राम समाज की भूमि पर जब जब अवैध निर्माण करवाये गये तब तब स्थानीय स्तर पर राजस्व से सम्बन्धित अधिकारियों को सूचना दी गई लेकिन क्षेत्र में तैनात रहे लेखपालों ने अवैध कब्जे करने वालों का साथ दिया। परिणामतः अवैध कब्जा करने वाले शातिर ने अधिकारियों से मिली भगत करके अब ग्राम समाज की जमीन को झूठ का सहारा लेकर विनियमतीकरण करवाने का काम शुरू कर दिया है। ग्राम समाज की भूमि पर होने वाले अवैध कब्जों अथवा निर्माणों को ग्राम प्रधानों ने भी अनेदखा किया और अवैध कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज किये गये मुकदमों की पैरवी नहीं की, नतीजा यह हुआ कि ग्राम समाज के दो गाटों में एक ही परिवार व उसके सगे रिश्तेदारों का कब्जा हो गया।
मामला कानपुर देहात जिले की तहसील डेरापुर की ग्राम पंचायत मझगवाँ का है। ग्राम पंचायत के अन्तर्गत ग्राम मिर्जापुर खुर्द की ग्राम समाज की भूमि गाटा संख्या 32 व 33 में क्षेत्र पंचायत सदस्य रही शकुन्तला के पति राजेन्द्र सिंह पुत्र इन्द्रपाल सिंह ने अपना, अपने भाई-भतीजों व भान्जों के साथ योजनावद्ध तरीके से बिगत कई वर्षों से सुनियोजित अवैध कब्जा करना शुरू किया और एक-एक करके पूरी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया एवं ग्राम समाज की भूमि पर पक्के निर्माण करवा लिये। समय-समय पर किये गये अवैध कब्जों के बारे गाँव के लोगों ने राजस्व से सम्बन्धित अधिकारियों से शिकायत की। लेकिन शिकायतें होने पर तैनात रहे लेखपालों ने अपनी जेबें भरने का काम किया और जाँचों में खेलकरते हुए राजेन्द्र सिंह का साथ दिया। राजस्व से सम्बन्धित अधिकारियों का साथ व सहयोग मिलने के कारण राजेन्द्र सिंह ने गाटा संख्या 32 में बने अवैध मकान को साक्ष्यों के साथ खेल करते हुए, कम शिक्षित बंजारा समुदाय के दो लोगों से मामले को छुपाते हुए झूठी गवाही का सहारा लेकर व उच्चाधिकारियों को गुमराह करते हुए अपने पक्ष में विनियमतीकरण करवाने का आदेश पारित करवा लिया जबकि इसी मकान को पूर्व में तत्कालीन उप जिला अधिकारी अमित कुमार ने जाँच के दौरान अवैध पाया था और बेदखली की कार्यवाही की थी।
तत्कालीन उप जिला अधिकारी द्वारा की गई बेदखली की कार्यवाही को ले दे कर निष्प्रभावी करवा कर राजेन्द्र्र सिंह ने उप जिला अधिकारी  दीपाली भार्गव से अपने पक्ष में कूट रचित तथ्यों के सहारे फैसला करवा लिया। अपने पक्ष में फैसला करवाने हेतु राजेन्द्र सिंह ने अपने मकान के बारे में झूठ का सहारा लिया और इस कृत्य में तत्कालीन लेखपाल ने साथ दिया। ग्राम प्रधान ने भी अपनी आँखें बन्द रखीं और परिणाम यह हुआ कि ग्राम समाज की भूमि हथिया ली गई। गाँव वाले बुराई बढ़ने के चलते व राजेन्द्र सिंह की पहुंच के चलते चुप्पी साधे रहने में ही भलाई समझते हैं क्योंकि राजेन्द्र सिंह राजस्व से सम्बन्धित स्थानीय अधिकारियों व पुलिस का खुशामदगीर है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर ऐसे ही तथ्यों को छुपाकर शातिर लोग अपने पक्ष में फैसला करवाते रहें तो वह दूर नहीं जब ग्राम समाज की सभी सम्पत्त्यिों पर राजेन्द्र सिंह व उसके सगे-सम्बन्धियों का पूर्ण अधिपत्य हो जायेगा।
वहीं यह भी प्रकाश में आया है कि ग्राम मिर्जापुर खुर्द की ग्राम समाज की भूमि जैसे-खाद के गड्ढे, मरघट (श्मशान), परती आदि पर राजेन्द्र सिंह के संरक्षण में अवैध कब्जे अप्रत्यक्ष रूप से हैं और उनका उपभोग राजेन्द्र सिंह व उनके रिश्तेदार ही करते हैं लेकिन खुलकर कोई बुराई नहीं लेना चाहता है जिसका फायदा भी राजेन्द्र को मिल रहा है।
इस में शासन से शिकायतें कर उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में जाँच करवाकर अवैध कब्जेदारों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की गई है। अब देखना यह है कि क्या शातिर दिमागी राजेन्द्र सिंह के चंगुल से ग्राम समाज की भूमि कब्जामुक्त हो पायेगी ?