हाथरस। ग्राम्य विकास विभाग एवं उ.प्र. जल निगम (ग्रामीण) द्वारा संचालित योजनाओं यथा मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन योजना आदि की समीक्षा बैठक करते हुए जिलाधिकारी रमेश रंजन ने संचालित योजनाओं में अपेक्षित सुधार लाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के अंतर्गत मानव दिवस सृजन की खराब प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मानव दिवसों में सुधार लाने के निर्देश परियोजना निदेशक को दिए। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन की प्रगति संतोष जनक नहीं है तथा ग्राम पंचायतों में तैनात पंचायत सेवकों द्वारा मनरेगा कार्यों में रूचि नहीं ली जा रही है उनके विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मनरेगा में लक्ष्य के सापेक्ष कार्य नहीं हो रहा है। जिसके अंतर्गत उन्होंने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को गांवों में जाकर समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए। मनरेगा कार्यों में महिलाओं की भागीदारी मानक के अनुरूप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में महिलाओं के जॉब कार्ड अभी तक नहीं बने हैं उन ग्राम पंचायतों में कैम्प लगाकर जॉब कार्ड बनाते हुए मनरेगा के तहत कार्य दिये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बनाए जाने वाले समूहों तथा उनको दिए जाने वाले प्रशिक्षण की प्रगति संतोषजनक न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिक से अधिक संख्या में समूहों का गठन करते हुए प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए।
परियोजना निदेशक अश्वनी कुमार मिश्र ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मनरेगा के अंतर्गत 13.15 लाख मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके सापेक्ष अब तक कुल 4.80 लाख मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है। आवास निर्माण हेतु 151 का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिसके सापेक्ष 144 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष 7 आवासों में निर्माण कार्य चल रहा है। जिस पर जिलाधिकारी ने अवशेष निर्माण कार्य को तत्काल गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण कराते हुए लाभार्थियों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
डीसी मनरेगा ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं की आय में वृद्धि कर उन्हें स्वावलम्बी बनाकर आत्म विश्वासी व आत्म निर्भर बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 292 बीसी सखी गॉवों में बैंकिंग सुविधाओं को जन सुलभ, सरल बनाने के उददेश्य से प्रत्येक ग्रामों में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों में से एक-एक बैंकिंग कोरेसपॉडेंट (बीसी सखी) की नियुक्ति की जा रही है। जिससे जन सामान्य को बैंकिंग सुविधा के साथ-साथ समूह की महिला सदस्य की आय में भी वृद्धि हो रही है। 433 स्वयं सहायता समूहों द्वारा ऑगनवाडी केन्द्रों पर ड्राई राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है। जिससे लाभार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध होने के साथ-साथ समूह के सदस्यों की आय में भी वृद्धि हो रही है। 82 स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा विद्युत बिल कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है। जिससे विद्युत उपभोक्ताओं को गॉव में ही बिल जमा करने के साथ-साथ महिलाओं की आय में वृद्धि हो रही है। 12 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से मनरेगा सीआईबी बोर्ड बनाने का कार्य किया जा रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 19 राशन की दुकानों का संचालन कार्य किया जा रहा है। 425 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सामुदायिक शौचालय का संचालन एवं रख-रखाव कार्य किया जा रहा है। जनपद के सभी विकास खण्डों एवं विकास भवन में स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रेरणा केन्टीन का संचालन किया जा रहा है। आरसेटी के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को उनकी रूचि के अनुसार सिलाई का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है जिससे कि वह अपने उद्योग कार्यों को अच्छी तरह से कर सकें। खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा 42 समूह की महिलाओं को अचार, मुरब्बा और वेजीटेबल सॉस का विकास खण्ड सादाबाद में 10 मई से 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा मसाले बनाने का कार्य किया जा रहा है। विकास खण्ड सासनी में 33 समूह की महिलाओं को अगरबत्ती एवं धूपवत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
सहायक अभियन्ता जल निगम ने बताया कि 51 डी.पी.आर. के सापेक्ष 28 डी.पी.आर. स्वीकृत हो चुकी हैं एवं 13 डी.पी.आर. फर्म द्वारा प्रस्तुत की जा चुकी हैं, जिन पर स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष परियोजनाओं की डी.पी.आर. तैयार की जा रही हैं। सभी डी.पी.आर. की भूमि उपलब्ध हो चुकी है। गत माह तक की डी.पी.आर. की प्रगति 80 प्रतिशत है। 18 बोरिंग कराये गये, जिसमें 13 बोरिंग सफल रहे और 5 बोरिंग असफल रहे। 64 किमी पाईप लाइन बिछायी जा चुकी है। जनपद में नामित फर्म मै. ऑयन एक्सचेंज इण्डिया लि. द्वारा 7 विकास खण्डों के 132 ग्राम कवर करते हुए भू-जल आधारित पेयजल योजनाओं के निर्माण हेतु 51 स्थानों पर भूमि की उपलब्धता के सापेक्ष 41 स्थानों हेतु डीपीआर प्रेषित की गयी हैं। स्वीकृत 28 डीपीआर में 46023 एफएचटीसी का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जनपद में हर घर नल योजना से 100 दिवस (30 जून) का लक्ष्य 5062 एफएचटीसी का है।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र, डीसी मनरेगा, खण्ड विकास अधिकारी आदि उपस्थित थे।