Tuesday, November 26, 2024
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न्याय पाने के लिये अधिकारियों की चौखट के चक्कर लगा रही है पीड़िता

-स्पा संचालिका व उसके गुर्गों ने 6 वर्षीय मासूम बच्ची को देहव्यापार में ढकेलनी की दी थी धमकी
-पीड़िता के मोबाइल पर मासूम के लिये किये गये बेहद अश्लील कमेंट
-पीड़िता ने अपनी व अपने बच्चों के लिये बताया जानमाल का खतरा
कानपुरः अवनीश सिंह। न्याय पाने के लिए पुलिस अधिकारियों की चौखट में धक्के खा रही पीड़िता, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही? मामला बिधनू थाना क्षेत्र के अन्तर्गत न्यू आजाद नगर चौकी का है। जहां विगत 9 मई को स्पा सेंटर संचालिका एवम् उसके दबंग साथियों द्वारा पीड़िता की बेटी को जबरन देह व्यापार में धकेलने की धमकी दी गई थी। 9 मई को संबंधित चौकी, थाने में प्रार्थना पत्र देने के बाद कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके बाद पीड़िता दो बार एसपी आउटर के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंची एसपी आउटर द्वारा बिधनू थाना प्रभारी को आदेश देने पर भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। उसके बाद 21 मई को पीड़िता आईजी जोन के पास आईजी जोन कानपुर के पास मामला पहुंचाया गया। इसके बाद उन्होंने तत्काल बिधनू थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। तब जाकर बिधनू थाना प्रभारी ने मुकदमा दर्ज कर दिया। 21 मई को एफआईआर दर्ज कराने के ठीक 3 दिन बाद 24 मई की रात स्पा सेंटर संचालिका और उसके साथी पीड़िता के घर पहुंचे और पीड़िता की 6 वर्षीय नाबालिग बेटी जो कि घर के बाहर खेल रही थी उसको उठाकर ले जाने लगी। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर घर वाले व मोहल्ले वाले इकट्ठा हो गए और बच्ची को छुड़ाया। जिसके साक्ष्य पीड़िता के पास वीडियो में मौजूद हैं। तभी पीड़िता ने 112 एवम् 1076 पर डायल कर सहायता मांगी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपी स्पा सेंटर संचालिका व उसके साथी पीड़िता और उसकी बेटी को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए भाग गये।
इस घटना की जानकारी बिधनू थाना प्रभारी और न्यू आजाद नगर चौकी प्रभारी को घटना की जानकारी होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। पीड़िता द्वारा पुलिस पर स्पा सेंटर संचालिका के साथ मिले होने के आरोप पीड़िता पहले भी लगा चुकी है। थाना स्तर से जब पुलिस के रवैए से जब पीड़िता हताश हो गई तो उसके बाद 26 मई यानीकि आज एसपी आउटर कानपुर के यहां फरियाद लेकर पहुंची लेकिन पीड़िता द्वारा दिए गए बयान से पुलिस अधिकारियों की मर्जी के आगे लाचार दिखी, पीड़िता द्वारा दिए गए बयान में न्याय नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री के पास अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए जाने की बात कही है।
सवाल यह उठता है कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश में नारी सशक्तिकरण को अपने एजेंडे में प्रथम स्थान पर रखा है, जबकि धरातल की तस्वीर इससे बिल्कुल अलग है क्योंकि बिधनू थाना प्रभारी जैसे अधिकारी योगी जी के अभियान को धडल्ले से पलीता लगा रहे हैं। इसी का ताजा उदाहरण देखने को मिला कि एक पीड़िता को अपनी नाबालिग बेटी को न्याय दिलाने के लिए उच्चाधिकारियों की चौखट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीं अधिकारी वर्ग भी योगी जी के आदेश को ठेंगा बताते हुए मनमर्जी से कार्य कर रहे हैं। अधिकारियों द्वारा आरोपियों पर सख्त कार्यवाही न करना एवम् पीड़िता को न्याय न दिलाना कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की उपस्थिति को दर्ज कराती है।