हाथरस। 9 उ.प्र. वाहिनी, एनसीसी द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस-2022 का आयोजन किया गया। यह हर साल 26 जून को दुनियाभर में एक साथ मनाया जाता है।कमान अधिकारी कर्नल नवजोत कंग ने कैडिटों को बताया कि आधुनिक समय में नशा का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। जानकारों की मानें तो पूर्व में भी नशा किया जाता था। आजकल बच्चे-बड़े सभी नशे करते हैं। बच्चे तो कई प्रकार के नशा करने लगे हैं, जिनमें शराब, ड्रग्स और हेरोइन शामिल हैं। बच्चों का नशे में रहना गंभीर चिंता का विषय है। बच्चों के हाथ में देश का भविष्य होता है। इससे आने वाली पीढ़ी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही खपत अधिक होने से अवैध तस्करी भी जमकर हो रही है। इस दुष्प्रभाव से बच्चों को बचाने हेतु संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की। इस दिवस का मुख्य मकसद लोगों को नशा से दूर रखना और नशा तस्करी पर लगाम कसना है। इससे बच्चे और बड़ों का भविष्य उज्ज्वल और स्वर्णिम बने। इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोगों को नशा के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाता है। नशा करने से न केवल अर्थ यानी धन की क्षति होती है, बल्कि कई बीमारियों घर कर जाती हैं। इससे मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। भारत में भी इसके खिलाफ सख्त कानून बने हैं। हालांकि, सामाजिक सशक्तिकरण और समाज को नशा मुक्त करने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान और एनसीसी गीत के बाद हुआ। प्रशासनिक अधिकारी कर्नल आर के सिंह, सूबेदार मेजर विक्रम सिंह, सूबेदार आर.बी. आले, सूबेदार आर.वी. वर्मा, सूबेदार दिनेश सिह, नायब सूबेदार एल.सी. कौम, हवलदार किशोरीलाल आदि मौजूद थे।