वाराणसी। सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से हिंदी दुनिया की अग्रणी भाषाओं में से एक है। हिन्दी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि हम सबकी पहचान है, यह हर हिंदुस्तानी का हृदय है। भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखने में हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल एवं चर्चित साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव ने केन्द्रीय विद्यालय 39 गो.प्र.के. वाराणसी कैंट में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। प्राचार्य श्री बैरिस्टर पांडेय ने हिन्दी दिवस पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान का संदेश पढ़ कर विद्यार्थियों को हिंदी के प्रति प्रेरित किया। विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना एवं लोक विधा पर आधारित कजरी का भी प्रस्तुतिकरण किया गया तो छात्रा पल्लवी ने हिन्दी के महत्त्व एवं उपयोगिता पर अपना विचार प्रस्तुत किया।
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए हिंदी को मातृ भाषा के रूप में जननी की तरह सम्मान देने और राष्ट्र निर्माण व आपसी भाईचारे के बढ़ाने में हिंदी की महत्ता पर जोर दिया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी की अहम् भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि हिन्दी सिर्फ साहित्य ही नहीं बल्कि विज्ञान से लेकर संचार-क्रांति, सूचना प्रौद्योगिकी और नवाचार की भाषा भी है। संविधान में वर्णित सभी प्रांतीय भाषाओं का पूर्ण आदर करते हुए इस विशाल बहुभाषी राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने में भी हिन्दी की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में हिन्दी भाषा के प्रयोग पर हमें गर्व महसूस करना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन हरेन्द्रनाथ त्रिपाठी और धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी विभाग के वरिष्ठ शिक्षक श्री सुरेन्द्र कुमार पाठक द्वारा किया गया। इस अवसर पर एस.के सिंह, पंकज शर्मा, राजबली सिंह, अरविन्द कुमार खरवार, के.एन. तिवारी सहित तमाम शिक्षक भी मौजूद रहे।