जन सामना संवाददाताः कानपुर। विश्वविद्यालय बचाओ विनय पाठक हटाओ मोर्चा के तत्वावधान में गांधी प्रतिमा फूलबाग में आयोजित धरने में वक्ताओं ने कहा कि विनय पाठक भ्रष्टाचार उप कुलपति कानपुर विश्वविद्यालय के इस बड़े खेल में अकेला नहीं है। उसके साथ रसूखदार सत्तारुण राजनीतिक नेताओं का संरक्षण है। उसके सहयोगियों का अच्छा खासा काकस है। अब तक विनय पाठक जिन विश्वविद्यालयों में रहें हैं सभी में भ्रष्टाचार के आरोपों के दायरे में है। ऐसे में सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच / उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश की अध्यस्था में आयोग गठित कर विस्तृत जाँच कराई जाये। धरने में नेताओं ने निम्न प्रमुख बिन्दुओं पर अपनी मांग उठाते हुये कहा कि यदि शीघ्र सरकार ने कार्यवाही न की तो लोकतान्त्रिक गाँधीवादी ढंग से आन्दोलन को सड़क पर ले जायेंगे। उप्र की राज्यपाल महोदया के कानपुर आगमन पर विरोध दर्ज करा कर ज्ञापन देंगे।
विनय पाठक को तत्काल पद मुक्त किया जाये। विनय पाठक द्वारा किये गये आर्थिक और शैक्षिक भ्रष्टाचार में रसूखदार सत्तारुण नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। इसलिये इसके सभी विश्वविद्यालयों में कार्यकाल के दौरान किये गये अनैतिक कार्यों की जाँच उच्च / उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित कर पूर्ण जाँच कराई जाये। विनय पाठक सहित प्रोफेसर ढाणे पूर्व निदेशक आईआईटी कानपुर के निर्देशन में किये गये सभी शोध प्रबन्धों की जाँच कराई जाये। विनय पाठक को तत्काल गिरफ्तार किया जाये तथा उनकी सारी सम्पत्ति जब्त कर गैंग्स्टर एक्ट के तहत कार्यवाही की जाये तथा अन्य माफियाओं की तरह उसकी सम्पत्ति पर बुल्डोजर चलाया जाये। धरने में एक प्रस्ताव पारित कर के दलाल, शिक्षक, नेताओं और उनके काकस के लोगों के द्वारा की गई ब्यानबाजी की तीव्र निन्दा करते हुये कहा गया कि जो लोग विनय पाठक के भ्रष्टाचार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे कि भ्रष्टाचार की वकालत कर रहे हैं और इस कलंकित अध्याय को भी जातिवाद का मोड़ देने कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों को जनता अगर आक्रोषित हो गई तो शहर में मुँह में कालिक पोतने का काम करेगी। ऐसे लोगों की प्रतिक्रिया सिर्फ भ्रष्टाचारियों के पक्ष में भ्रष्टाचारियों की ध्रुवीकरण मात्र है, किन्तु अब शहर के भ्रष्टाचार से लड़ने वाले भी एकजुट हो रहे हैं।
धरने की अध्यक्षता सन्तोष द्विवेदी व संचालन सुरेश गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में राजीव लोचन पाण्डेय, अतहर नईम, सुरेश यादव, श्याम देव सिंह, कुल्दीप सक्सेना, सोमेन्द्र शर्मा, कृपेश त्रिपाठी, प्रदीप यादव, मुकेश श्रीवास्तव, अमन यादव, शुभम यादव, अभय प्रताप, हरगोविन्द यादव, सतीश गुप्ता, मो० नाज़िर, प्रताप साहिनी, चन्द्र प्रकाश चन्दल, नसीम रजा, के एम भाई, दीनानाथ द्विवेदी, जितेन्द्र सिंह आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे।