जन सामना संवाददाताः बिनौली/बागपत। बिनौली गांव के शिव मंदिर में चल रही भागवत कथा के सातवें दिन रविवार को कथवाचक आचार्य राधारमन ने श्रीकृष्ण-सुदामा का प्रसंग सुनाया। इस दौरान श्रद्धालुओं की ओर से जयकारे लगाते हुए पुष्प वर्षा भी की गई।
कथा वाचक आचार्य राधारमन महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता आज कहां है?
द्वारपाल के मुख से पूछत दीनदयाल के धाम, बतावत आपन नाम सुदामा सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी करने राजमहल के द्वार पर पहुंच गए। यह सब देख वहां लोग यह समझ ही नहीं पाए कि आखिर सुदामा में ऐसा क्या है जो भगवान दौड़े दौड़े चले आए। बचपन के मित्र को गले लगाकर भगवान श्रीकृष्ण उन्हें राजमहल के अंदर ले गए और अपने सिंहासन पर बैठाकर स्वयं अपने हाथों से उनके पांव पखारे।
कथावाचक ने सुदामा चरित्र का भावपूर्ण सरल शब्दों में वर्णन किया कि उपस्थित लोग भाव विभोर हो गए। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इस अवसर पर उपेन्द्र प्रधान,बिटू शर्मा, अजीत धामा, अरविंद शास्त्री, मनोज पचीसिया, विनीत धामा, महक धामा, कुलवीर धामा, डॉ निखिल धामा, पियूष जैन, लीलू चौहान, राजेश देवी, सुमन शर्मा, ग्राम प्रधान रेनू धामा, सुमन, सीमा देवी ,सुधांसु जैन, देवेंद्र चौहान, प्रताप धामा, शोराज धामा, सत्यप्रकाश वर्मा, कपिल धामा आदि मौजूद रहे।