Tuesday, November 26, 2024
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न्यायालय ने दिया शाही ईदगाह के अमीन सर्वे का आदेश

⇒अदालत में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी
मथुराः श्याम बिहारी भार्गव। सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय की अदालत ने हिन्दू सेना के दावे पर सुनवाई करते हुए शाही ईदगाह मस्जिद का अमीन सर्वे कराने का आदेश दिया है। वहीं इस की रिपोर्ट न्यायालय में बीस जनवरी तक पेश करनी होगी। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में हिंदू सेना के दावे पर सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की अदालत ने ईदगाह का अमीन सर्वे करने का आदेश किया है। यह उसी तर्ज पर है जिस तरह से वाराणसी में ज्ञानवापी के मामले में कोर्ट ने आदेश दिया था। बृहस्पतिवार को इस पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी होने थे, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है। सर्वे दो जनवरी से होगा। हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह में स्वास्तिक का चिन्ह, मंदिर होने के प्रतीक के साथ मस्जिद के नीचे भगवान का गर्भगृह है। पक्षकार मनीष यादव और वकील महेंद्र प्रताप ने कहा कि शाही ईदगाह में हिंदू स्थापत्य कला के सबूत मौजूद हैं। ये वैज्ञानिक सर्वे के बाद सामने आ जाएंगे। अर्जी मथुरा के जिला अदालत में एक साल पहले दाखिल की गई थी। वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे के मुताबिक आठ दिसंबर को अदालत के समक्ष पूरा मामला रखा। अदालत ने उसी दिन केस को दर्ज कर लिया था और अमीन रिपोर्ट के आदेश कर दिए हैं। इस संबंध में 22 दिसंबर को अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी। अब 20 जनवरी तक अमीन को ईदगाह की रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी। विगत आठ दिसंबर को दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की न्यायाधीश सोनिका वर्मा की अदालत में दावा किया था। इसमें कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर तोड़कर औरंगजेब द्वारा ईदगाह तैयार कराई गई थी। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास अदालत के समक्ष पेश किया। उन्होंने वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही मस्जिद ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी चुनौती दी है।