हाथरस। साल 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना है तो सभी का सहयोग जरूरी है। निजी चिकित्सालय भी टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन पर ध्यान दें, तब ही टीबी उन्मूलन की राह और आसान हो पाएगी। यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल सागर वशिष्ठ का।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा है कि जिले में वास्तविक टीबी मरीजों की जानकारी होना बहुत आवश्यक है, जिससे सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाएं उन तक पहुंच सकें। टीबी मरीजों को उपचार चलने तक निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपये दिये जाते हैं। यह रकम सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। इसके अलावा टीबी मरीजों को गोद लेने का कार्यक्रम भी चल रहा है। जिसमें विभाग निजी संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से टीबी मरीजों को पोषण की मदद मुहैया करायी जाती है।
डीटीओ ने कहा कि निजी अस्पताल भी टीबी मरीजों का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि समय पर टीबी मरीज की जानकारी मिलना और उसका उपचार होना बहुत जरूरी है। क्षय रोग विभाग टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों और परिवार वालों की स्क्रीनिंग कराता है, साथ ही उन्हें प्रीवेंटिव दवा उपलब्ध कराता है। स्क्रीनिंग के दौरान यदि टीबी के लक्षण नजर आते हैं उनकी आगे की जांच की जाती है। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उन्हें भी टीबी का पूरा कोर्स कराया जाता है। उन्होंने निजी चिकित्सकों, चिकित्सालयों के संचालक-प्रबंधकों से अपील की है कि वह वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग करें। साथ ही टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन को गंभीरता से लें और स्वास्थ्य विभाग को समय पर सूचना उपलब्ध कराते रहें।