– अब तक 12 पुरुषों ने ही कराई नसबंदी
फिरोजाबाद। पुरुष नसबंदी को लेकर चलाए गए विशेष जागरूकता अभियान के तहत 12 पुरुषों ने परिवार नियोजन का स्थायी साधन यानि नसबंदी अपनायी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. दिनेश प्रेमी ने बताया कि परिवार नियोजन के स्थायी साधनों में पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी की अपेक्षा सबसे आसान विधि होती है। इसके बावजूद भी पुरुषों की भागीदारी बहुत कम है। नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. नरेंद्र बताया कि नसबंदी का नाम आते ही पुरुषों को मर्दाना कमजोरी का डर सताने लगता है। ऐसी भ्रांतियां पुरुषों ने पाल रखी हैं कि नसबंदी से मर्दाना कमजोरी आती है, लिहाजा वह इसे नहीं अपनाते, जबकि पुरुपुष नसबंदी महिलाओं की अपेक्षा बगैर किसी चीरा या टांके के आसानी से हो जाती है। साथ ही इसके लिए अस्पताल में भर्ती भी नहीं होना पड़ता। जबकि महिला नसबंदी थोड़ी जटिल होती है और इसमें महिला को एक सप्ताह तक आराम भी करना होता है। पुरुष अगर नसबंदी जैसे स्थाई साधन का चुनाव करने लगें तो परिवार नियोजन कार्यक्रम और भी ज्यादा सफल हो। जिला लॉजिस्टिक मैनेजर अरविंद चौधरी बताते हैं कि गत वर्ष अप्रैल 2022 से अब तक पुरुष नसबंदी को लेकर व्यापक अभियान चलाया गया। जिसमें शासन द्वारा जनपद में पुरुष नसबंदी के लिए 77 ऑपरेशन कराने का लक्ष्य रखा गया था जिसके सापेक्ष अब तक मात्र 12 पुरुष नसबंदी के लिए आगे आये हैं।
नसबंदी से नहीं आई कोई कमजोरी-
लाभार्थी मुरारी (बदला हुआ नाम) रसीदपुर कनेटा निवासी ने बताया कि लोग क्या कहेंगे इस बात को सोचकर परिवार नियोजन के लिए राजी नहीं हुए लेकिन आशा कार्यकर्ता के समझाने पर तथा पत्नी के सहयोग से 22 नवंबर को नसबंदी कराकर सभी भय और भ्रांतियों को विराम लगा दिया, जबकि यह काम कई वर्ष पूर्व कर लेना चाहिए था। नसबंदी कराने के बाद मुझे कोई भी कमजोरी नही महसूस हो रही है।