नवी मुंबई। ग्रामीण आदि रिसर्च एंड वेदिक इन्नोवेशन ट्रस्ट यानी गर्वित भारत के तत्वावधान में प्रोजेक्ट वुड्स आरंभ किया गया है जिसके अंतर्गत पुरानी अनुपयोगी लकड़ियों से नई टेबल और चेयर बनाकर जरूरतमंद गरीब बच्चों को पढ़ने हेतु प्रदान की जाएंगी। समाज के सभी वर्गों को इस तरह की योजनाएं चलानी चाहिए क्योंकि इसके द्वारा हम पर्यावरण प्रदूषण कम कर सकते हैं लकड़ी पेड़ से प्राप्त होती है यह सोचने की बात है। इसके अतिरिक्त समाज में कोई सुतार रोजगार प्राप्त कर लेता है और गरीब जरूरतमंद छात्रों का भविष्य निर्मित होने में सहयोग भी हो जाता है। गर्वित के संस्थापक अध्यक्ष विपुल लखनवी के अनुसार टेबल चेयर के बिना पढ़ाई बेहद कठिन हो जाती है जमीन पर बैठकर या बिस्तर पर बैठ कर पढ़ाई नहीं होती है क्योंकि जब रीढ़ की हड्डी सीधी होती है तो मनुष्य के मस्तिष्क में न्यूरान्स बनने की गति बढ़ जाती है और उनकी आंतरिक शक्ति ऊपर उठने की कोशिश करती है जिस कारण शरीर के ऊर्जा केंद्र भी एक्टिव हो सकते है। शरीर के ऊर्जा केंद्र ऊर्जा छोड़ते है जिस कारण छात्र को अध्ययन में अधिक लाभ मिल जाता है। इस परियोजना के अंतर्गत जरूरतमंद छात्र किसी भी प्रमाण के साथ टेबल अथवा चेयर प्राप्त कर सकते हैं। 10वीं एवं 12वीं के छात्रों को वरीयता दी जाएगी। ज्ञात तो गर्वित भारत के तत्वाधान में विपुल लखनवी द्वारा मस्तिष्क संवर्धन तकनीक का निर्माण प्राचीन सनातन मूल्यों का सहयोग लेकर किया गया है। जिसके ऊपर श्री लखनवी विभिन्न बच्चों को व्यक्तिगत रूप से सहायता कर रहे हैं। इस विधि के द्वारा छात्रों के मस्तिष्क में न्यूरॉन्स बनने की गति बढ़ जाती है और उनकी ग्रहण क्षमता समझने की क्षमता कई गुना तीव्र हो जाती है। विपुल लखनवी जी ने अधिक से अधिक लोगों से जुड़ने की अपील की है।