राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र पीएम मोदी के भाषण से ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “प्रधानमंत्री जी, आप लोकतंत्र की आवाज़ को मिटा नहीं सकते। भारत के लोग आपसे सीधे सवाल कर रहे हैं, जवाब दीजिए ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष को जम कर निशाना बनाया। मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी, आशा और भरोसा है। ये खुशी की बात है कि आज भारत को जी-20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है। ये देश और 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है। लेकिन मुझे लगता है कि शायद इससे कुछ लोगों को दुख है। वे आत्मनिरीक्षण करें कि वे कौन लोग हैं।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तरफ इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यहां जम्मू कश्मीर की भी चर्चा हुई. जो अभी अभी जम्मू कश्मीर घुमकर आए हैं। उन्होंने देखा होगा कि कितनी शान से आप वहां आ जा सकते हैं। मैं भी जम्मू-कश्मीर में यात्रा लेकर गया था और लाल चौक में तिरंगा फहराने का संकल्प लेकर गया था। लेकिन तब आतंकियों ने पोस्टर लगाए थे कि देखते हैं किसने अपनी मां का दूध पीया है जो लाल चौक पर झंडा फहराता है। उस दिन 24 जनवरी था। मैंने तब भरी सभा में कहा था कि आतंकी कान खोलकर सुन लें 26 जनवरी को ठीक 11 बजे मैं लाल चौक पहुंचुंगा। बिना सुरक्षा के आऊंगा। बुलेट प्रूफ जैकेट के बिना आऊंगा और फैसला लाल चौक पर होगा। किसने अपनी मां का दूध पीया है….वो समय था।
पीएम मोदी ने कहा कि सदन में हंसी-मजाक टीका टिप्पणी होता रहता है लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि आज गौरवपूर्ण क्षण में हम जी रहे हैं। महामारी… युद्ध की स्थिति, बंटा हुआ विश्व…इस स्थिति में भी देश को जिस तरह से संभाला गया है। इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को यहां हार्वड स्टडी का बड़ा क्रेज है। कल फिर से संसद में, हार्वर्ड पर एक चर्चा हुई, पीएम मोदी ने फिर जोड़ा, अपने लक्ष्य के बारे में संदेह के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी। कांग्रेस ने कहा कि भारत का विनाश हार्वर्ड में एक केस स्टडी होगा। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, हार्वर्ड ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया। विषय था भारत की कांग्रेस पार्टी का उदय और पतन। भविष्य में, कांग्रेस का विनाश होगा, न केवल हार्वर्ड बल्कि दुनिया भर के कई अन्य संस्थानों में भी अध्ययन किया जाए।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, राष्ट्रपति जी का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए। एक बड़े नेता महामहिम राष्ट्रपति जी का अपमान भी कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखाई दी है और हमारे जनजातीय समाज के प्रति उनकी सोच क्या है लेकिन जब इस प्रकार की बातें टीवी के सामने कही गईं तो भीतर पीड़ा हुई।
पीएम मोदी ने कहा, जब राष्ट्रपति जी के भाषण पर चर्चा मैं सुन रहा था, तो मुझे लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा-सदन में हंसी-मजाक, टीका-टिप्पणी, नोंक-झोंक होती रहती है, लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि आज राष्ट्र के रूप में गौरवपूर्ण अवसर हमारे सामने खड़े हैं। गौरव के क्षण हम जी रहे हैं। 100 साल में आई हुई ये भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति, बंटा हुआ विश्व, इस स्थिति में भी संकट के माहौल में देश जिस प्रकार से संभला है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास और गौरव से भर रहा है। दुनिया के तमाम देशों व हमारे पड़ोस में जिस तरह के हालात हैं, ऐसे समय में कौन हिंदुस्तानी गौरव नहीं करेगा कि उनका देश दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। आज पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता है। G-20 समिट के दौरान जब मैं बाली में था, वहां सभी लोग डिजिटल इंडिया की तारीफ कर रहे थे। 140 करोड़ देशवासियों को गर्व हो रहा है लेकिन मुझे लगता है कि शायद इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है. वे लोग आत्म निरीक्षण करें।
आज दुनिया की हर विश्वसनीय संस्था, हर एक्सपर्ट, जो भविष्य का अच्छे से अनुमान भी लगा सकते हैं, उन सभी को आज भारत को लेकर बहुत आशा और काफी हद तक उमंग भी है। इसका कारण है कि भारत में अस्थिरता नहीं है। भारत में नई संभावनाएं हैं। भारत आज मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। निराशा में डूबे हुए कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे हैं, महामारी के दौर में हमने 150 से ज्यादा देशों को संकट के समय दवाई और वैक्सीन पहुंचाई। यही कारण है कि आज कई देश वैश्विक मंचों पर खुले मन से भारत को धन्यवाद देते हैं। पिछले 9 साल में भारत में 90 हजार स्टार्टअप्स आए हैं। हम इस मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। आज मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दूसरा बड़ा देश बन गया है। डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक में आज हम विश्व में तीसरे नंबर पर हैं। आज भारत एनर्जी कंजम्पशन में दुनिया में तीसरे नंबर पर है। रीन्यूवल इनर्जी में हम चौथे नंबर पर पहुंचे हैं। खेलों में हमारी कभी कोई पूछ नहीं थी, आज हर स्तर पर भारत के खिलाड़ी अपना सामर्थ्य दिखा रहे हैं।10 सालों में भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी। तत्कालीन कांग्रेस नीत गठबंधन की सरकार की पहचान यह थी कि इन्होंने हर मौके को मुसीबत में पलट दिया। तकनीक के समय ये 2G घोटाले में फंसे रहे और सिविल न्यूक्लियर डील के समय ये कैश फॉर वोट में फंसे रहे। राष्ट्रमंडल खेल के समय भी ये घोटालों में फंसे रहे। इन्होंने मौके को मुसीबत में पलट दिया।
श्श्इनके पास आतंकवाद पर सीना तान कर हमला करने का सामर्थ नहीं था और 10 साल तक मेरे देश के लोगों का खून बहता रहा। 2014 से पहले के दशक को अंतिम दशक के नाम से जाना जाएगा। 2030 का दशक अबइंडिया डिकेड के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कवि काका हथरसी की पंक्तियां पेश की –
आगा-पीछा देख कर, क्यों होते गमगीन
जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे सीन…
इन जैसे लोगों के लिए कवि दुष्यंत कुमार ने बहुत अच्छी बात कही है-
तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं,
कमाल यह है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं…
मोदी ने कहा, बिना सिर-पैर की बातें करने के आदि होने के कारण इनको यह भी याद नहीं रहता कि पहले क्या कहा था। जो अहंकार में डूबे रहते हैं, उनको लगता है कि मोदी को गाली देकर ही हमारा रास्ता निकलेगा। मोदी पर देश का ये भरोसा अखबार की सुर्खियों और टीवी पर चमकते चेहरों से नहीं हुआ है। जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए खपा दिया है। देशवासियों का जो मोदी पर भरोसा है वो इनकी समझ से बाहर है और इनकी समझ से ऊपर की बात है। इनकी गालियां और इनके आरोपों को उन कोटि-कोटि भारतीयों से होकर के गुजरना पड़ेगा, जिनको दशकों तक मुसीबत में जिंदगी जीने के लिए इन्होंने मजबूर किया था। कुछ लोग अपने लिए और अपने परिवार के लिए जी रहे हैं, लेकिन मोदी देश के एक-एक परिवार के लिए जी रहा है। 140 करोड़ देशवासियों के विश्वास का सुरक्षा कवच मेरे पास है और ये अपने झूठ से इस कवच को भेद नहीं सकते हैं। आज हाइवे पर रिकॉर्ड निवेश हो रहा है, देश में वैश्विक स्तर के एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं। एक समय था, अंग्रेज जिस स्थिति में रेलवे को छोड़कर गए थे.. उसकी स्थिति जस की तस बनी हुी थी। लेकिन अब वंदे भारत पहचान है। रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों का कायाकल्प हो रहा है। इसलिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बल दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा समय सिद्ध कर रहा है कि जो कभी सत्ता पक्ष में बैठते थे वो विपक्ष में बैठने के बाद भी फेल हुए हैं, लेकिन देश पास होता जा रहा है।
जब पीएम मोदी कांग्रेस पर जमकर हमला बोल रहे थे तब कांग्रेस ने संसद से वॉकआउट कर दिया था। लेकिन संसद में सबसे पहले शशि थरूर वापस आए। बाकी सांसद बाद में लौटे। मोदी के भाषण के दौरान कई मौके आए जब संसद में गरमा-गरमी का माहौल भी देखा गया। और कुछ मौकों पर सदन ठहाकों से भी गूंज उठा। 2004 से 2014 भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई. महंगाई डबल डिजिट रही…इसलिए कुछ अच्छा होता है तो निराशा और ऊपर आती है। 2004 से 2014 आजादी के इतिहास में घोटालों का दशक है। यूपीए के यही 10 साल कश्मीर से कन्याकुमारी भारत के हर कोने में भारत में आतंकवादी हमले होते रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये वो सरकार है, एक पूर्ण बहुमत से चुनी हुई सरकार है. जो राष्ट्र के लिए फैसले ले सकती है। रिफॉर्म आउट ऑफ कंविक्शन हो रहे हैं। हम इस मार्ग से हटने वाले नहीं है। यूपीए के 10 साल के शासन में भारत वैश्विक मंच पर इतना कमजोर था, कोई भारत की बात सुनने तक को तैयार नहीं था। 2004 से 2014 के बीच यूपीए ने हर अवसर को संकट में बदल दिया। सत्ता पक्ष की कर्कश जयकारों के बीच।
राहुल गांधी ने प्रधान मंत्री पर अरबपति गौतम अडानी के साथ संबंध होने का आरोप लगाया था, जिनकी कंपनियां यूएस-आधारित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा समूह द्वारा कथित स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी की एक हानिकारक रिपोर्ट के बाद सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के बाद लोकसभा में अपने पहले भाषण में कहा था, हार्वर्ड विश्वविद्यालय को राजनीति और व्यापार के बीच संबंधों का अध्ययन करना चाहिए। भारत एक केस स्टडी है और इसके लिए प्रधानमंत्री को स्वर्ण पदक दिया जाना चाहिए।
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