Tuesday, November 26, 2024
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फाग गायन का ब्रज में बरस रहा रस, भक्त हो रहे सराबोर

मथुरा। रंगों के पर्व होली के आगमन की दस्तक अब शहर में दिखाई देने लगी है। एक ओर जहां रंग, गुलाल, पिचकारियों से बाजार गुलजार हो चुके हैं। वहीं दूसरी जगह जगह फागोत्सव के आयोजन शुरू हो गए हैं। सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की ओर से मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर फाग उत्सव के आयोजन किए जा रहे हैं। इसी के तहत अनेक मंदिर देवालयों में फाग उत्सव, समाज गायन के आयोजन से धार्मिक छठा बिखरती नजर आ रही है। राधाकुण्ड के राधारानी परिक्रमा मार्ग स्थित संगम कुंड पर विराजमान श्री गिरिराज मुकुट मुखरबिंद मंदिर पर सेवाधिकारी डॉ विष्णु रावत के नेतत्व में फाग उत्सव मनाया गया। जिसमें समाज गायन, ब्रज में होली रे रसिया फाग गीत गाए, नृत्य किया और गुलाल और फूलों से होली खेली। समाज गायन में यह पद सुनकर भक्त आल्हादित हो रहे थे। रामेश्वर देसला, विष्णु शुक्ला, पप्पू पुरोहित उमाशास्त्री, मुन्ना गौड़, भोला दुबे आदि के समाज गायन में एक के बाद एक पद गाए। यह रितु आई री वसंत फूल्यौ पिय प्यारी मन भाई, अली मदन फूलीं चहूं ओरन गावत अतिहि सुहाई, खेलत हैं वसंत रस छाके राधा निर्त विहारी। मंदिर सेवा अधिकारी डॉ. विष्णु रावत ने बताया समाज गायन की प्राचीन परंपरा है। नगर के विभिन्न देवालयों में समाज गायन की यह परंपरा आज भी जीवंत है। फागुन के महीने में होली के पदों का गायन अनवरत रूप से मंदिर में हो रहा है। मंदिर में ठाकुरजी को होरी के पदों को सुनाकर सेवायत आराध्य को होली खेलने का आह्वान कर रहे हैं। मंदिरों में यूं तो होली की शुरुआत वसंत पंचमी के दिन से ही हो गई। तिन समाज गायन में होली के पदों का गायन सेवायत समाजी कर रहे हैं। लेकिन होली का अल्हड़पन रंगभरनी एकादशी पर मंदिर से निकले वाली शोभायात्रा के साथ शुरू होगा। राधाकुण्ड मुकुट मुखरबिंद मंदिर में होली का धमाल रंग भरनी एकादशी से शुरू होगा। इस दिन ठाकुरजी श्वेत धवल वस्त्रों में भक्तों को दर्शन देंगे। कमर पर फैंटा में गुलाल की पोटली और हाथ में छड़ी लेकर छलिया रूप में आराध्य के दर्शन मनमोहक होंगे। ठाकुरजी का प्रतिनिधित्व करते हुए से सेवाधिकारी पिचकारी से भक्तों पर जब रंग बरसाएंगे तो इस रंग में रंगने को हर कोई उतावला नजर आएगा।