Wednesday, May 8, 2024
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लेख/विचार

मज़बूत स्वस्थ्य और समृद्ध भारत मिशन

गतिहीन और तनावपूर्ण जीवनशैली के साथ अस्वस्थ्यकर भोजन की आदतें गैर संक्रमणकारी रोगों की संख्या में बढ़ोतरी कर रहे हैं

वर्तमान परिस्थितियों में शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता बनाए रखने के लिए योग, व्यायाम, पौष्टिक भोजन प्रथा अपनाना स्वस्थ जीवन की कुंजी – एड किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर वर्तमान परिपेक्ष में अभी तीसरा वर्ष शुरू है, परंतु कोरोना महामारी पूरी तरह से काबू में नहीं आ पाई है। बल्कि उनके अनेक वेरिएंट्स समय-समय पर आ रहे हैं और मनीषियों को नुकसान पहुंचाकर डर का माहौल पैदा करने में कामयाब हो रहे हैं,जिसमें स्वास्थ्य और आर्थिक दोनों स्तरपर हमें व्यक्तिगत और राष्ट्रीय स्तरपर नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए अब समय आ गया है कि हम वर्तमान परिस्थितियों में अपने शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता उच्च स्तरपर बनाए रखने के लिए योग, व्यायाम, पौष्टिक भोजन प्रथा को गंभीरता से अपनाना शुरू करें जो स्वस्थ्य जीवन की अनमोल कुंजी है। साथियों क्योंकि वर्तमान समय में हमारी गतिहीन और तनावपूर्ण जीवन शैली के साथ अस्वस्थ्यकर भोजन भी हमारी आदतें गैर संक्रमणकारी रोगों और उपयुक्त कोविड व्यवहार को नजरंदाज करने की हमारी आदत से संक्रमण फैलने में भी बढ़ोतरी हो रही है जो अभी हाल ही के कुछ दिनों से हम टीवी चैनलों प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देख रहे हैं कि कुछ राज्यों में अभी मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है जिसे अभी तथाकथित चौथी लहर का नाम दिया जा रहा है।

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बच्चों को कच्ची उम्र में दीक्षा देना कितना उचित

सदियों से चला आ रहा सनातन सत्य है की धर्मं और भगवान के नाम पर डरा कर इंसान से आप कुछ भी करवा सकते हो, इसमें कोई दो राय नहीं। पर धर्मं के मार्ग पर चलना, अध्यात्म को समझना और मोक्ष पाने के लिए सदाचार से जीना क्या संसार मे रहकर संभव नहीं? बिलकुल संभव है आप तन, मन धन से किसीका बुरा न चाहो, किसीके साथ गलत न करों और छल कपट से दूर रहो तो एक सन्यासी धर्म का पालन ही कहलाएगा, इसके लिए संसार त्याग कर कष्टदायक राह पर चल निकलना जरूरी तो नहीं। खासकर कुछ संप्रदायों में बच्चों को उस राह पर चलने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिनके बारे में बच्चों को कोई ज्ञान ही नहीं।

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राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस जमीनी स्तर से राजनीतिक शक्ति के विकेंद्रीकरण के इतिहास की गाथा है:किशन भावनानी

भारत के किसी हिस्से में पहली बार कार्बन न्यूट्रल पंचायत होगी, सारे रिकॉर्ड डिजिटल होंगे! पीएम द्वारा एक क्लिक के जरिये देश की अच्छी पंचायतों को अवॉर्ड मनी भी वितरित की जाएगी

गोंदिया – भारत विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र और 135 करोड़ जनसंख्यकीय शक्ति का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा देश है। बड़े बुजुर्गों की कहावत है कि एक और एक ग्यारह बस!! इन चार शब्दों में, एक छोटे से कस्बे से लेकर वैश्विक स्तर पर किसी भी क्षेत्र में काम करने की सफ़लता की कुंजी समाई हुई है, जिसने समझकर इसे क्रियान्वित किया समझो आधुनिक प्रौद्योगिकी युग में सफलता के झंडे गाड़े!! जिसे आज के युग में विकेंद्रीकरण की संज्ञा दी गई है। यूं तो हर स्तरपर हर क्षेत्र में यह हो सकता है परंतु चूंकि 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस है इसलिए हम आज राजनीतिक शक्ति के विकेंद्रीकरण की बात करेंगे।साथियों बात अगर हम इस उत्सव को मनाने की करें तो, हर साल 24 अप्रैल को पूरे देश में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था। इस दिन को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थी। पूरे देश को चलाने में सिर्फ केंद्र सरकार या सिर्फ राज्य सरकार सक्षम नहीं हो सकती है। ऐसे में स्थानीय स्तरपर भी प्रशासनिक व्यवस्था ज़रूरी है।

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वास्तु अनुसार भवन में पेड़ पौधों की संयोजना

हरियाली को देखकर सबका मन प्रसन्न होता है यह सबके मन को भाती है, सकारात्मक ऊर्जा देती है और शुद्ध ऑक्सीजन देकर पर्यावरण को भी शुद्ध और संतुलित रखती है। इतना ही नहीं वास्तुदोष निवारण, बीमारियों को ठीक करने में एवं उत्तम स्वास्थ्य संरक्षण में वृक्ष-वनस्पतियों का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है। बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए वृक्षारोपण हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, इन्हें लगाना हमारे लिए हर हाल में लाभकारी है।वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पेड़-पौधे लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं, वास्तु शास्त्र में विभिन्न पेड़-पौधों का अपना एक अलग ही महत्व माना जाता है। वास्तु के मुताबिक पेड़-पौधे अगर सही दिशा में लगाए जाएं तो घर के वास्तु दोष दूर होते हैं। वहीं, गलत दिशा में लगे पेड़-पौधे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जो शारीरिक, आर्थिक एवं मानसिक समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं। जिसका गृहवासियों की सुख-समृद्धि पर बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही साथ धन की हानि भी होती है।
मनीप्लांट, बांस एवं क्रिसमस ट्री वास्तु की दृष्टि में समृद्धि देने वाले माने जाते हैं। अशोक एवं बांस के पेड़ लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसे लगाने से आपकी तरक्की होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर नीम का वृक्ष दूषित वायुमंडल को शुद्ध कर स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करता है। बीमारियों को दूर रखने वाले नीम के पेड़ को वायव्य कोण में लगाना सुखद परिणाम देगा।

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भाजपा के 42 साल

भारतीय जनता पार्टी ने बीते 6 अप्रैल को अपना 42वां स्थापना दिवस मनाया| 11 करोड़ सदस्य संख्या के आधार पर विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त कर चुकी भाजपा ने अपनी आयु के 42 वर्ष पूरे कर लिए हैं| न केवल सदस्य संख्या बल्कि राजनीति के अन्य कई प्रतिमानों के आधार पर भी भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी होने का गौरव प्राप्त है| देश की विभिन्न विधानसभाओं, लोकसभा तथा राज्यसभा में भी सदस्य संख्या के आधार पर बीजेपी अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल हुई है| राज्यसभा में 101 सदस्य संख्या हासिल करके भाजपा 1988 के बाद पहली बड़ी पार्टी बन गयी है| वहीँ लोकसभा में इसके 303 सांसद हैं| जो कि पार्टी गठन के बाद अब तक की सबसे बड़ी संख्या है| उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है| जबकि बिहार सहित चार राज्यों की सरकार भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से चल रही है|

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कहानी प्यार की

सीमा और विमल के प्यार के चर्चे उनके पूरे ग्रुप में खूब थे।दो दिल एक जान थे दोनों,कभी भी कुछ भी असहमति वाली बात उन लोगों के बीच होती ही नहीं थी। उनकी जोड़ी एक आदर्श जोड़ी थी।ऊंचा लंबा गोरा चीट्टा विमल कमदेव का रूप था तो गोरी चंपा वर्णी,हिरनी सी आंखो वाली,गुलाब की पंखुड़ी से होंठ और खुश मिजाज सीमा कोई भी अभिनेत्री से कम नहीं थी।सीमा का कुछ सूचन आया वही विमल को मंजूर था और विमल की कही कोई भी बात सीमा के लिए ब्रह्म वाक्य थी इतना प्यार कि शायद सच्चा नहीं लगे।दफ्तर में भी विमल जैसे काम से फुरसत पाता तो उसके खयाल में सीमा आके बैठ जाती।उसकी सुंदर आंखों में खो जाना विमल को बहुत पसंद था।दोनों जब बातें करते थे तो एक दूसरे में खो से जाते थे।दुनियां जहान को भूल जाते थे,रह जाते थे तो वे दोनों कामदेव और रती सी जोड़ी थी उनकी।इतने प्यार की कल्पना कोई भी कर नहीं सकता था उनके मित्रमंडल में।

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अब क्या कानून व्यवस्था बुलडोज़र के दम पर चलेगी

देश के अहम मुद्दों से भटक रही सरकार धर्म और जात-पात के मसलों में अटकी पड़ी है। माना कि देश की शांति हनन करने वालों को सबक सीखाना चाहिए, जो कानूनी तौर पर सीखाया जा सकता है। बुलडोज़र चलाना किसी मसले का हल नहीं, सरकार की इस नीति से विद्रोही उत्पन्न हो रहे है, जो पत्थरबाज़ी और आगजनी से और दंगे फैला रहे है।बुलडोजर नाम सुनते अब बस एक ही बात जेहन में आती है, कहां चला? किस एरिया में चला, किसके घर पर चला? ऐसा इसलिए क्योंकि देश के कुछेक राज्यों में वहां की सरकार के आदेश पर आए दिन लोगों के घर बुलडोजर से तोड़ दिए जा रहे हैं, खासकर उत्तर प्रदेश में। वहां तो आलम ये है कि बुलडोजर को राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की कानून व्यवस्था का प्रतीक बना दिया गया है. सीएम योगी को ‘बुलडोजर बाबा’ कहा जाने लगा है।

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“उर्फ़ी जावेद का अतरंगी अंग प्रदर्शन”

आजकल सोशल मीडिया पर बिग बॉस ओटीटी के ज़रिये प्रसिद्धि हो चुकी टीवी ऐक्ट्रेस उर्फ़ी जावेद सुर्खियों का विषय बनी रहती हैं। वह अपने अजीबो गरीब पहनावे को लेकर दर्शको के बीच एक उत्सुकता का विषय बनी रहती है। ऐसी लड़कियों ने आजकल लगता है शर्म बेच खाई है। अधनंगी बीच बाज़ार या सड़कों पर फ़ोटो खिंचवाते प्रदर्शन करती रहती है। कभी बैकलैस कपड़े तो कभी सिर्फ़ ब्रा जैसे छोटे कपड़े लपेट कर खड़ी हो जाती है।
हर तरफ़ से हर अंगों का प्रदर्शन करके क्या साबित करना चाहती है? ऐसी लड़कियां दरिंदों के दिमाग में वासना का ज़हर भरती है। पुलिस को इसके ख़िलाफ़ कारवाई करके बैन कर देनी चाहिए। उनके माँ-बाप को नोटिस भेजकर अपनी बेटी को एक हद में रखने की हिदायत देनी चाहिए।
हिजाब और नकाब का समर्थन करने वाले इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखने वाली लड़की बीच बाज़ार फटेहाल कपड़ों में अंगों का प्रदर्शन करते अपने धर्म को लज्जित कर रही है। क्यूँ उसकी ऐसी हरकतें किसीकी नज़र में नहीं आती।
उर्फ़ी ने अभी कुछ दिन पहले पेंट के साथ एक क्रॉप टॉप पहनी थी। मजे की बात यह थी की उन्होंने जो पेंट पहनी थी उसके बटन खुले हुए थे। उनके इस पहनावे के अंदाज को लेकर लोग उनको ट्रोल भी करते रहते है। लड़के निम्न कक्षा की कमेन्ट देकर नीचा दिखाते है।
इससे पहले उर्फ़ी ने कैमरे के सामने बोल्डनेस की सारी हदें पार कर दी थीं। उसने अपनी एक तस्वीर शेयर की जिसमें वह टॉपलेस नजर आईं। फोटो में देखा जा सकता है कि उर्फ़ी ने सिर्फ जींस पहनी हैं और वह बेड पर लेटी हुई दिख रही हैं। उर्फ़ी का ये बोल्ड लुक सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।

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“धर्मांधता का अजगर देश को निगल रहा है”

सबको धर्म के प्रति खुद के विचार श्रेष्ठ लगते है। चाहे हिन्दु पंडित, बाबा या स्वामी हो, मदरेसा का मौलवी हो या नेता यह सब धर्म के ठेकेदार पाखंड को धर्म के रंग में रंगकर अनपढ़ गंवार लोगों को कट्टरवाद का चोला पहना देते है और कहते है लड़ो, देखो तुम्हारे धर्म पर ऊँगली उठा रहे है और इस वाक्य को ब्रह्म वाक्य समझकर हाथ में धर्म की लाठी लेकर देश को जलाने अक्कल के अंधे लोग निकल पड़ते है। धर्म हर इंसान का निजी मामला है जो आज सरेआम भटक रहा है। आस्था पर टीका धर्म आज हरा-केसरिया दो रंगों में बंटकर बदबूदार और खून से लथपथ होता जा रहा है। तिरंगे में सजे यह दो रंग एकता का प्रतिक है जिसे हमने धर्म की शूली पर चढ़ा रखा है। इस दो रंगों पर सियासत चल रही है।

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झाड़ू गुजरात में कितना कामयाब

दिल्ली में दो टर्म्स जितने वाले अरविंद केजरीवाल मुफ्त मुफ्त की राजनीति से प्रसिद्ध हो गए हैं।जहां उनकी सत्ता में पुलिस नहीं हैं तो अब पंजाब में पुलिस वाली सत्ता पा कर बहुत खुश हैं।वहीं पंजाब में भी बंदर बांट की राजनीति कामयाब रही और जीत का सेहरा पहन लिया हैं।पंजाब में अकालीदल बीजेपी के समर्थन के बगैर और नशाखोरी के इल्जामों के कारण असफल रहा तो कांग्रेस के अंदर फूट और विघटन के चलते कैप्टन अमरिंदरसिंघ की अनदेखी करने वाली कांग्रेस खुद ही धराशाई हो गई, उन्हे बाहर से किसी को विघटित करने की जरूरत ही नहीं पड़ी।कांग्रेस अब सभी जगह जर्जरित अवस्था की और प्रयाण कर रहीं हैं और उसी का फायदा आप पार्टी ले रही हैं।दिल्ली जैसे छोटे राज्य से पंजाब का तख्ता पाना आप के लिए एक नया कदम हैं जो दिल्ली के बाहर रखा उसने रखा हैं।

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