Saturday, September 21, 2024
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अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा जिला जेल का किया गया निरीक्षण

मथुरा। उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा आशीष गर्ग के निर्देशानुसार आज जिला कारागार, मथुरा का निरीक्षण नीरू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला कारागार मथुरा के जेल अधीक्षक श्री बृजेश कुमार, डिप्टी जेलर सुश्री करुणेश कुमारी, श्रीमती शिवानी यादव व श्री अनूप कुमार, जेल चिकित्सा अधिकारी श्री उत्पल सरकार व जेल बंदी पराविधिक स्वयसेवकगण आदि उपस्थित रहे।
जिला कारागार मथुरा में आज निरीक्षण दौरान कुल 1606 बंदी निरूद्ध होना पाया गया। जिला कारागार पाकशाला के निरीक्षण दौरान पाया गया कि पाकशाला में उचित परिधान में बंदियों द्वारा सांयकाल का भोजन तैयार किया जा रहा था, जिसमें रोटी, दाल लाल मसूर तथा आलू पत्ता गोभी की सब्जी का होना पाया गया
सचिव महोदया द्वारा जेल में निरुद्ध बंदियों को रिहा किए जाने हेतु ‘बैरक टू बैरक’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत सचिव द्वारा जेल परिसर में शिविर लगाकर बैरक संख्या 9 व 10 का निरीक्षण किया गया जिसमें निरुद्ध बंदियों से उनके प्रकरण एवं जमानत की स्थिति के संदर्भ में व्यक्तिगत वार्ता की गई। इसके अलावा उन्हें निशुल्क अधिवक्ता के बारे में भी बताया गया। ऐसे बंदियों की सूची भी तैयार की गई जिनकी जमानत तो हो गई है किंतु उनके पास जमानत ना होने के कारण वह जेल में निरुद्ध हैं या न्यायालय में पेशी नहीं आ रही है। इसके अतिरिक्त ऐसे बंदियों की सूची तैयार कराई गई जिनकी जमानत जिला अदालत से खारिज हो गई है और उच्च न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई।
निरीक्षण दौरान पाया गया कि वर्तमान में जेल में निरूद्ध बंदियों को एल०ई०डी० बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जेल में पोशाक बनाने का कार्य भी बंदियों द्वारा किया जाता है। ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए जेल प्रशासन द्वारा बैरकों में पंखे चलाना शुरू कर दिया है।
महिला बंदियों हेतु जिला कारागार की महिला बैरक में प्रथक से चिकित्सालय बनाया गया है, जिसमे महिला चिकित्सक व दो नर्सों द्वारा सप्ताह में एक दिन महिला बंदियों का स्वास्थ परीक्षण किया जाता है। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा महिला बैरक में निरुद्ध महिला बंदियों से वार्ता की गई तथा उनके प्रकरणों की जानकारी ली गई।
निरीक्षण दौरान उपस्थित बंदियों से निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता के सम्बंध में जानकारी ली गई, बदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत / सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। इसके अलावा सचिव महोदया द्वारा जेल लोक अदालत के संदर्भ में बताते हुए कहा कि छोटे मुकदमों को जेल लोक अदालत के माध्यम से जुर्म इकबाल करते हुए खत्म किया जा सकता है जिसका लाभ जेल में निरूद्ध बंदियों द्वारा उठाया भी जा रहा है एवं जेल लोक अदालत में पत्रावली लगवाए जाने हेतु बंदियों को प्रेरित भी किया गया। जिला कारागार में साफ-सफाई पाई गई।