Thursday, May 2, 2024
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फायर हाई रिस्क एरिया में कान्हा की नगरी, पर इंतजाम अधूरे

मथुरा, श्याम बिहारी भार्गव। कान्हा की नगरी को विकास के पंख लगे हैं। विकास को देखते हुए जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं। हाईराइज बिल्डिंग खड़ी हो रही हैं। हॉस्पिटल, होटल, मोटल, टावरों की श्रृंखला खडी हो गई है। इस पर लगातार काम जारी है। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में अग्निशमन के इंतजामात बेहद जरूरी हो जाते हैं। इसके अलावा मथुरा वृंदावन सांस्कृतिक धरोहरें हैं। यहां की गलियां कुंज हैं और पुरानी इमारतों में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं है। ऐसे में मथुरा वृंदावन फायर हाई रिस्क एरिया की कैटेगरी में आ जाते हैं। इस दिशा में पिछले कुछ वर्षों में काम शुरू हुआ है लेकिन काम की गति बहुत धीमी है। इस समय मथुरा और कोसी में फायर स्टेशन हैं। इस समय जनपद की सभी तहसीलों में फायर स्टेशन स्थापित करने की कवायद चल रही है। इसके तहत वृंदावन में जगह चिन्हित कर ली गई है और प्रस्ताव तैयार कर नगर आयुक्त को सौंपा जा चुका है। वहीं महावन में भी फायर स्टेशन के लिए जगह चिन्हित की जा चुकी है। प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा गोवर्धन, वृंदावन और महावन में फायर टेंडर यूनिट तैनात है। जिससे क्षेत्र में आगजनी की सूचना पर तत्काल कार्यवाही की जा सके। मथुरा वृंदावन में विकास जबर्दस्त हो रहा है, नये निर्माण हो रहे हैं, बहुमंजिला इमारतें बन नहीं है इससे फायर रिस्क बढ जाता है। पुराने शहर में कुंज गलियां हैं, गाड़ी जाने के रास्ते नहीं है फायर रिस्क बडा है। स्टाफ और फायर टेंडर की कमी है। इसके चलते परेशानी बढ़ती है।
जनपद में एक भी फोम टेंडर नहीं
जनपदभर में फायर बिग्रेड की कुल 10 गाड़ियां हैं। जिनमें आठ बडी और दो छोटी हैं। मुख्यालय से मांग की गई है कि दो फायर टेंडर, एक फोम टेंडर कम से कम मिल जाएं, कुछ छोटी गाड़ियां मिल जाएं, स्टाफ की भी कमी है।
‘‘जो कोई भी नये भवन का निर्माण हो वह अग्निशमन मानकों के अनुरूप हो, अग्निशमन की व्यवस्था की जाए जो भी पुराने व्यावसायिक भवन हैं उनमें फायर रिस्क है। ऐसे भवन स्वामी से अपील है कि अपने प्रतिष्ठान में निकास व्यवस्था के साथ साथ अपनी अग्निशमन व्यवस्था को दुरुस्त रखें। ऐसे भवन स्वामी जो अग्निशन मानकों को पूरा नहीं करेंगे उनके खिलाफ अभियान चला कर कार्यवाही की जाएगी।’’
-एनपी सिंह, चीफ फायर ऑफीसर