हाथरस। नेहरू युवा केन्द्र की ओर से आज गांव संगीला में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। संगीला की युवती मंडल ने वर्षा जल सरंक्षण पर नुक्कड़ नाटक के तहत ग्रामवासियों को जल संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई और बारिश के पानी का संरक्षण करने के लिए सभी मौजूद ग्रामवासियों को प्रेरित किया।
इस मौके पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऊषा देवी ने कहा कि हम बिना ज्यादा पैसे खर्च किए प्रभावी तरीके से अपने घरों या इमारतों में बारिश के पानी को बचा सकते हैं और इस पानी को धोने, नहाने और अन्य घरेलू कामों में प्रयोग कर सकते हैं। उन्होने यह भी बताया कि वैसे तो पृथ्वी पर 70 प्रतिशत भाग पर पानी है लेकिन उनमें से 1 प्रतिशत पानी हमारे लिए उपयोगी है। इसलिए जल का सही मात्रा में उपयोग करना बहुत आवश्यक है। जल संरक्षण करना भी एक कला है पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करना और पानी का बचाव करना ही जल संरक्षण है।इस मौके पर अध्यापिका गुंजन ने जलवायु परिवर्तन के दौर में जल संरक्षण की आवश्यकता और महत्व के बारे में भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई। उन्होंने कहा कि हमें अपनी युवा पीढ़ी को जल संरक्षण की विभिन्न रणनीतियों के बारे में प्रशिक्षित करना होगा। पानी का उपयोग एक सीमित मात्रा के अन्दर ही करें। यदि पानी का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा किया जायेगा तो उसकी वजह से पानी की बहुत ज्यादा कमी हो जायेगी।
युवा मंडल सदस्य सत्यनारायण यादव ने जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि जल संरक्षण की आवश्यकता इसलिए जरूरी है कि अगर इसी तेजी के साथ पानी नष्ट किया जाता रहा तो एक दिन पूरी पृथ्वी पर पानी की बहुत ज्यादा समस्या हो जायेगी। जब पृथ्वी पर पीने लायक पानी नहीं रहेगा तो ऐसे में सभी पानी का उपयोग एक सीमित मात्रा के अन्दर ही करें। यदि पानी का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा किया जायेगा तो उसकी वजह से पानी की बहुत ज्यादा कमी हो जायेगी।
नुक्कड नाटक की प्रस्तुति अश्वनी सिंह, मुस्कान, सानिया, नसरीन, अंजली, निशा, शालू, निशा, नीलम, निसारा ने दी। इन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया।
कार्यक्रम में अवधेश, भावना, पिलाल, छवि, देव, फरान, गोपेश, जतिन, काजल, कनिष्का, कशिश, लवी, मधु, मंयक, नंदनी, नवीन, प्रशान्त, गीता, आकाश, नजमा, प्रीति आदि उपस्थित थे।