Wednesday, May 15, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » अब आपका अंगूठा भी सुरक्षित नहीं, सोच समझ कर लगायें

अब आपका अंगूठा भी सुरक्षित नहीं, सोच समझ कर लगायें

♦ 200 फर्जी सिम साइबर ठग से पुलिस ने कीं बरामद
मथुरा, श्याम बिहारी भार्गव । सिम कार्ड, सरकारी राशन सब आपके अंगूठे के निशान से ही आपको मिल रहा है। लेकिन अब आपका अंगूठा निशान भी सुरक्षित नहीं है। शातिरों ने इसके सहारे भी ठगी करना शुरू कर दिया है। आपका अकाउंट, आप का एटीएम, आपके नाम से सिम और धोखाधडी। आपको पता ही न हो और आपके नाम से साइबर क्राइम हो रहा है, यह संभव है। पुलिस ने ऐसे ही एक शातर साइबर ठग को गिरफ्तार इस तरह की ठगी के नायाब तरीके का खुलासा किया है। उसके कब्जे से 200 फर्जी मोबाइल फोन सिम (जियो की 113 सिम, एयरटेल की 68 सिम, वीआई की 18 सिम, बीएसएनएल की एक सिम), आधा दर्जन आधार कार्ड, पांच एटीएम कार्ड बरामद किये हैं। अकरम पुत्र नबाब खां निवासी हजारीबास, नगला सहजाद थाना कामा जिला भरतपुर राजस्थान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद उसने जो जानकारी दी वह बेहद चौंकाने वाली है। थाना कोसीकलां पुलिस ने हरियाणा बॉर्डर से सीधे साधे व भोले भाले लोगों के आधार कार्ड की फोटो कॉपी कर व उनके फिंगर प्रिंट स्कैन करके फर्जी सिम कार्ड तैयार कर तथा इन सभी दस्तावेजों के माध्यम से फर्जी खाता खुलवाकर व खातों से एटीएम कार्ड बनवाकर लोगों से ऑनलाइन ठगी करने वाले अभियुक्त को उस समय गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई जब अभियुक्त लोगों को धोखा देकर निकाली गयी सिमो व एटीएम कार्ड को बेचने के लिए विशंभरा की तरफ जाने की फिराक में था। थाना प्रभारी थाना कोसीकलां अनुज कुमार के मुताबिक पुलिस टीम ने एनएच 19 हरियाणा बार्डर से अकरम ने पुलिस को बताया कि वह मध्यप्रदेश में मोबाइल और जन सेवा केन्द्र की दुकान चलाता है। जब कोई व्यक्ति मोबाइल सिम लेने आता है तो वह धोखे से उससे दो या तीन बार अंगूठा स्कैन करा लेता है और फोटो भी अपलोड कर देत है। उनके नाम से सिम निकाल लेता है और उनके आधार कार्डों की फोटोकॉपी करने के नाम पर कलर स्कैन फोटो कापी कर लेता है। जिसके बाद उन लोगों के आधार कार्ड पर किसी दूसरे व्यक्ति की फोटो लगाकर फर्जी आधार कार्ड तैयार करता है। दुकान पर सिम लेने आये लोगों को जानकारी भी नही होती कि धौका देकर उनके नाम से सिम निकाली गई है। उनके आधार कार्डों की कलर फोटो कर ली, इस तरह निकाली गयी फर्जी सिम को वह साइबर अपराध आनलाइन ठगी करने वाले लोगों को एक सिम चार से पाच हजार के हिसाब से बेच देता है। तैयार किये गये आधार कार्ड के माध्यम से अन्य जनपद के लोगों की मदद से बैंक से फर्जी खाता आदि खुलवाकर एटीएम कार्ड प्राप्त करता है। बैंक में खुलवाये गये खातांे एवं एटीएम कार्ड भी साइबर अपराध कारित करने वाले लोगों को बेच देता है। बरामद आधार कार्ड भी लोगों के आधार कार्ड को स्कैन कर एडिट कर तैयार किये गये हैं। वह तैयार की गई सिम को व एटीएम कार्ड को बेचने के लिए विशंभरा की तरफ जा रहा था विशंभरा में भी बहुत सारे लोग आनलाइन ठगी का काम करते है जो इस तरह दूसरों की आईडी की सिम एवं इस तरह के बैंक के खातों एव एटीएम कार्ड को खरीदते है।