Saturday, June 29, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » पिटुरा और फतुआपुर छुइया नाला पुल निर्माण होने पर ग्रामीणों मे खुशी की लहर

पिटुरा और फतुआपुर छुइया नाला पुल निर्माण होने पर ग्रामीणों मे खुशी की लहर

रसूलाबाद, कानपुर देहात। आजादी के 75 वर्ष बाद भी कई ऐसे गाँव हैं जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। भाजपा सरकार लगातार ऐसे गांवों तक पहुंच रही है जहां कभी विकास की किरण नहीं पहुंची। यह बात रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र की विधायक पूनम संखवार ने नवनिर्मित पुल का लोकार्पण करते हुए कही। बुधवार को रसूलाबाद क्षेत्र की विधायक पूनम संखवार ने पिटुरा और फतुआपुर गांव के बीच छुइया नाला पुल का विधि विधान से लोकार्पण किया। गत 21 जुलाई 2017 को विधानसभा पटल पर तत्कालीन विधायक निर्मला संखवार ने समायु गांव के निवासी समाजसेवी व पत्रकार रवि कुमार राठौर की शिकायत पर विधानसभा पटल पर पिटुरा और फतुआपुर छुइया नाला पुल बनाए जाने को लेकर मुद्दा उठाया था। जिसके बाद पुल बनने के लिए स्वीकृत हुआ। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दरमियान पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ और 2023 में छुइया नाला पुल बन गया। छुइया नाला पुल बनने से पहले ग्रामीणों के द्वारा स्वनिर्मित लकड़ी का पुल था। जिससे लोग बाइक व साइकिल से ही आवागमन कर पाते थे, लेकिन इस दौरान वह अपनी जान भी जोखिम में डालते थे। पुल बन जाने से ग्रामीणों में खुशी की लहर देखने को मिली। इस पुल के बन जाने से 27 गांव जिला मुख्यालय से सीधे जुड़ जाएंगे। पुल का लोकार्पण करने पहुंचीं विधायक पूनम संखवार का ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। विधायक पूनम संखवार ने विधि विधान से पूजन कर और नारियल तोड़कर पुल का शुभारंभ किया। इस दौरान विधायक पूनम संखवार ने संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार विकास कार्यों में तेजी से आगे बढ़ रही है। ऐसे गांव जहां आज तक लकड़ी के पुल से लोगों का आवागमन बना रहा, वहां पक्का पुल बनाने का कार्य कर रही है। यह पुल उन सरकारों पर तंज है जिन्होंने आसपास के ग्रामीणों को लकड़ी के पुल पर चलने के लिए बेबस किया।उन्होंने बताया इसके अलावा मिर्जापुर लकोठिया ग्राम पंचायत का मजरा बंदरहा में भी लकड़ी का पुल है, वहां भी पुल बनवाने का कार्य करूंगी। इस मौके पर प्रमुख रूप से मंडल अध्यक्ष राजेश सिंह, जिला मंत्री शिवपाल सिंह, विमल मिश्रा, तारिक अनवर, प्रधान समायु राजेश सिंह, प्रवीण सिंह गौर, चंदन सिंह गौर, गौरव सिंह योगेंद्र सिंह, हर्ष प्रताप सिंह, मयंक त्रिपाठी, अनिल पाल, जगदीश राजपूत, राघवेंद्र, अशोक, राम सिंह, अरविंद, दीपक, शशांक सहित कई ग्रामीण रहे।