उरई, जालौन। विलुप्तप्राय नून नदी को फिर से जीवन देने की दिशा में एक बड़ी और प्रभावशाली पहल करते हुए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने खुद फावड़ा उठाकर श्रमदान किया। उनके इस कदम ने अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय ग्रामीणों में उत्साह भर दिया। मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन ग्राम सतोह पहुंचे, जहां नून नदी का प्रवाह अवरुद्ध हो गया था। यहां उन्होंने खुदाई कार्य की शुरुआत की और अन्य अधिकारियों व प्रतिनिधियों को भी श्रमदान के लिए प्रेरित किया। उनके इस कार्य को देखकर सभी हतप्रभ रह गए और देखते ही देखते मौके पर उपस्थित सभी लोग खुदाई में जुट गए। इस मौके पर मंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि श्रमदान इसी प्रकार निरंतर चलता रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब नून नदी में एक बार फिर अविरल धारा बहती नजर आएगी। उन्होंने जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय को निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत इस कार्य को प्राथमिकता देते हुए पक्के व कच्चे कार्य मानकों के अनुसार कराए जाएं। मंत्री ने कहा कि नून नदी का पुनर्जीवन केवल जल संरक्षण का कार्य नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की खुशहाली से जुड़ा है। उन्होंने इस कार्य में सभी ग्रामीणों की सहभागिता की आवश्यकता पर बल दिया। इससे पहले पूर्व जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के कार्यकाल में भी नदी पुनर्जीवन हेतु कुकरगांव में व्यापक कार्य हुआ था, जिसमें पक्के व कच्चे दोनों प्रकार के कार्य शामिल थे। यह नदी लगभग आधा सैकड़ा गांवों को छूते हुए बहती थी और स्थानीय जलस्तर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती थी। विशेषज्ञों की मानें तो नून नदी एक मौसमी नदी है, जिसमें वर्षा के दौरान तेज धारा बहती है। नदी पर बने पुराने पुल इस बात के गवाह हैं कि इसका जलस्तर एक समय में काफी ऊंचा हुआ करता था। श्रमदान में जल शक्ति मंत्री के साथ-साथ जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार, विधायक माधौगढ़ मूलचंद निरंजन, विधायक सदर गौरीशंकर वर्मा, विधायक कालपी विनोद चतुर्वेदी, भाजपा नेता रामलखन महाराज, बीरेंद्र निरंजन, मंत्री प्रतिनिधि अरविंद चौहान, भाजपा जिला मंत्री दिलीप दुवे सहित कई विभागीय अधिकारी एवं स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे।
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