Saturday, July 6, 2024
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वाजपेयी नहीं, नरसिम्हा राव भाजपा के पहले पीएम थे: मणिशंकर अय्यर

नई दिल्ली: राजीव रंजन नाग। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने बुधवार को आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ‘‘साम्प्रदायिक’’ सोच वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं थे बल्कि ‘‘राव भाजपा के पहले प्रधानमंत्री’’ थे। अपनी किताब के विमोचन पर हो रही चर्चा में बोलते हुए अय्यर ने कहा, नरसिम्हा राव सांप्रदायिक और हिंदूत्व की ओर झुके हुए नेता थे। इस दौरान अय्यर ने नरसिम्हा राव के साथ अपनी बातचीत का भी जिक्र किया। भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के पूर्व अधिकारी रहे अय्यर की आत्मकथा ‘‘मेमोयर्स ऑफ अ मैवरिक – द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स (1941-1991)’’ सोमवार को बाजार में आयी थी। जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में अय्यर के दून स्कूल से लेकर सेंट स्टीफंस कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तक तथा एक शीर्ष राजनयिक से लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी तक के सफर को कलमबद्ध किया गया है। उन्होंने पाकिस्तान के साथ वार्ता बहाल करने की पैरवी करते हुए कहा कि जब पड़ोसी देश की बात आती है तो ‘‘हमारे पास उनके खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस होता है लेकिन हमारे पास उनके साथ बैठने तथा किसी पाकिस्तानी से बात करने की हिम्मत नहीं होती ह।’’जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में अय्यर के दून स्कूल से लेकर सेंट स्टीफंस कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तक तथा एक शीर्ष राजनयिक से लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी तक के सफर को कलमबद्ध किया गया है। किताब के औपचारिक विमोचन पर वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी के साथ बातचीत में अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से अपने रिश्ते से लेकर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 के बीच कराची में महावाणिज्यदूत के अपने कार्यकाल के बारे में चर्चा की। इस मौके पर कांग्रेस नेता और राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी भी मौजूद थी। प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान जब उनसे बाबरी मस्जिद मुद्दे को लेकर राजीव गांधी की उनकी आलोचना के बारे में सवाल किया गया तो अय्यर ने कहा, ‘….मुझे लगता है कि शिलान्यास गलत था।’
किताब के विमोचन के मौके पर की टिप्पणियों में अय्यर ने कहा कि उन्हें अहसास हो गया था कि पीवी नरसिंह राव ‘‘कितने साम्प्रदायिक और हिंदूवादी थे।’’
अय्यर ने अपनी ‘राम-रहीम’ यात्रा के संदर्भ में कहा, ‘‘नरसिंह राव ने मुझे बताया कि उन्हें मेरी यात्रा से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थ। मैंने कहा था कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है? उन्होंने कहा, मणि ऐसा लगता है कि आप नहीं समझते कि यह एक हिंदू राष्ट्र है। मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया और कहा कि भाजपा भी यही कहती है।’’
किताब के औपचारिक विमोचन पर वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी के साथ बातचीत में अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से अपने रिश्ते से लेकर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 के बीच कराची में महावाणिज्यदूत के अपने कार्यकाल के बारे में चर्चा की. इस मौके पर कांग्रेस नेता और राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी भी मौजूद थीं।