Monday, May 6, 2024
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दिव्यांग शौचालय का भुगतान पूरा और शौचालय अधूरा

संतकबीरनगर। शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों की सुविधा के लिए सभी विद्यालयों में दिव्यांग शौचालय के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत को भारी भरकम धनराशि उपलब्ध कराई गई लेकिन, जिम्मेदारों द्वारा ब्लॉक स्तरीय कर्मियों की मिली भगत से आधे अधूरे निर्माण कराकर भुगतान कर लिया गया और आज स्थिति यह है कि 1 वर्ष बाद भी अधिकतर दिव्यांग शौचालय अधूरे पड़े हुए हैं। इसी क्रम में बेलहर कला ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत औरहिया मंझरिया के राजस्व गांव अमराकोईल स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में ग्राम पंचायत निधि से 159000 रुपए की लागत से दिव्यांग शौचालय का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। जहां जिम्मेदारों ने दिव्यांग शौचालय की दीवार व छत का काम पूर्ण कर बाहर से प्लास्टर कर दिया गया और भुगतान कर लिया गया। आज स्थिति यह है कि दिव्यांग शौचालय बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि शौचालय अपूर्ण है, शौचालय की दीवार व छत तक का कार्य पूर्ण और गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है जिससे बच्चों को गिरने का डर हमेशा बना रहता है। दिव्यांग शौचालय का बाहर से प्लास्टर कर कर छोड़ दिया गया है, इसमें ना तो पानी की टंकी लगी है और ना ही टोटी, टाइल्स व सीट लगाई गई है। टैंक भी मानक के अनुरूप नहीं बनाया गया। उसे भी आधा अधूरा निर्माण करा कर छोड़ दिया गया है। जिसको लेकर कई बार ग्राम प्रधान व सचिव को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके कारण विद्यालय में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस संबंध में जब ग्राम पंचायत अधिकारी सौरभ चौधरी से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि अभी जल्द ही इस ग्राम पंचायत में हमारी तैनाती हुई। पूर्व सचिव से जानकारी मिल सकती है, ग्राम पंचायत में तैनात पूर्व सचिव राजेश कुशवाहा का कहना है कि इस परियोजना की कोई फाइल हमारे पास नहीं है। बड़ा सवाल यह है कि परियोजना के नाम पर भुगतान पूरा निकाल लिया गया, लेकिन परियोजना को अधूरा छोड़ दिया गया आखिर इस परियोजना के अभिलेख कहां गए ?