Sunday, May 5, 2024
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निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए निवेशकों की मदद करें जिलाधिकारीः मुख्य सचिव

लखनऊ । मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं एवं विकास कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने अच्छा कार्य करने वाले जनपदों को प्रोत्साहित किया और खराब प्रदर्शन वाले जनपदों को कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए।
डिजिटल क्राप सर्वे की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि क्रॉप सर्वे राजस्व कर्मियों का मूलतः कार्य है, कृषि विभाग द्वारा केवल सहयोग किया जा रहा है। सर्वे में सभी राजस्व कर्मियों की सहभागिता होनी चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर पंचायतीराज विभाग के कर्मियों का सहयोग लिया जा सकता है। जहां भी डिजिटल क्रॉप सर्वे हो रहा वहां मैनुअल खसरा भरने की जरूरत नहीं है। सर्वे कार्य की सही रिपोर्टिंग राजस्व कर्मियों के काम आसान और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर ई-सर्वे कराया जा रहा है। उन्होंने ई-पड़ताल का नाम ई-खसरा (ई-पड़ताल) रखने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि सर्वे में अच्छा कार्य करने वाले कर्मियों को प्रोत्साहित किया जाए। अच्छा कार्य करने वाले कर्मियों के अनुभवों को अन्य कर्मियों के साथ साझा किया जाये, ताकि अन्य कर्मी भी प्रेरित होकर कार्यों में तेजी लायें।उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में पूरी क्षमता के साथ युद्ध स्तर पर सर्वे कार्य होना चाहिए। सभी सर्वेयर कार्य करेंगे तभी ई-सर्वे का कार्य 25 सितंबर तक पूर्ण होगा। उन्होंने जनपद में अच्छा कार्य करने वाले कर्मियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया और अनुभव के बारे में जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने कहा कि ई-पड़ताल के तमाम फायदें है। प्राप्त आंकड़ों का उपयोग प्लानिंग टूल के रूप में किया जाएगा, इससे न केवल फसल के सटीक आंकड़ें प्राप्त होंगे और रियल टाइम होंगे, बल्कि किस फसल का उत्पादन कम है या अधिक होगा, इसकी जानकारी पहले से होने से कार्यवाही की जा सकेगी। सटीक रिपोर्टिंग से जनपद के कृषि सेक्टर की जीडीपी भी बढ़ेगी।
बैठक में बताया गया कि सभी 75 जनपदों (21 जनपदों में पूर्ण रूप से तथा 54 जनपदों के 10 राजस्व ग्राम) में खरीफ फसल के डिजिटल क्राप सर्वे का कार्य शुरू हो गया है। 594 राजस्व ग्रामों में सर्वे का कार्य चल रहा है। 75 राजस्व ग्रामों का सर्वे का कार्य पूर्ण भी हो चुका है। सर्वे में कहीं कोई बड़ी (मेजर) समस्या नहीं है, छोटी मोटी समस्याओं का हेल्प डेस्क द्वारा समाधान कराया जा रहा है। एप के माध्यम से बहुत आसानी से डाटा कलेक्शन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि लखपति महिला अभियान के तहत 14.66 लाख समूह महिलाओं को वर्ष 2025 तक लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सर्वे के मुताबिक प्रदेश में 1046604 एसएचजी सदस्यों की सालाना आय 1 लाख से अधिक है। 1878953 एसएचजी सदस्यों की आय 0.61 लाख से 1 लाख के मध्य है, इन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। एसएचजी महिलाओं की सालाना आय एक लाख के पार ले जाने के लिए रणनीति बनाएं, उन्हें आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण दिलाया जाए।
उन्होंने कहा कि एसएचजी के उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के सस्टेनेबल अरेंजमेंट किए जाएं। उनके उत्पादों की गुणवत्ता को नियंत्रित करते हुए बाजार के साथ जोड़ा जाए। उनके उत्पादों का उपयोग सरकारी कार्यालयों में भी किया जाए। इवेंट आयोजित करने के अलावा उत्पादों की ब्रांडिग के साथ उन्हें फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म पर अपलोड कराया जाए।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से प्रदेश में निवेश के प्रति सकारात्मक माहौल बना है, इसका फायदा जनपदों द्वारा उठाया जाए। उद्यमियों की प्रदेश से ढेर सारी उम्मीदें हैं। निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में निवेशकों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। निवेशकों की आउट ऑफ वे जाकर मदद करें। सरकारी व निजी, जहां भी भूमि उपलब्ध हो, निवेशकों को उपलब्ध कराने में मदद करें।
उन्होंने कहा कि जनपदों में जो भी निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उन्हें सभी जिलाधिकारी प्रोएक्टिव होकर कार्य कर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार करें। डिजिटली अथवा फिजिकली वार्ता कर उनकी समस्याओं का निदान कराया जाय। निवेश सारथी पोर्टल पर व जिला स्तरीय उद्योग बंधु की बैठक में भूमि के साथ निवेशकों की अन्य कोई भी समस्या हो तो उसका इनोवेटिव सॉल्यूशन निकालते हुए तत्परता से निस्तारित कराया जाए। जिन प्रकरणों का निस्तारण जनपद स्तर पर संभव नहीं है, उन्हें शासन के संज्ञान में लाया जाए।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जनपद में आगामी त्योहारों को आपसी संवाद से सौहार्दपूर्ण वातावरण में शांतिपूर्ण तरीके से सकुशल संपन्न कराने के निर्देश दिए। किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित न हो, इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहे।
इसी क्रम में मंडलायुक्त झांसी डॉ आदर्श सिंह ने ‘झांसी स्मार्ट सिटी’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत प्राप्त 930 करोड़ रुपये की निधि के सापेक्ष 845 करोड़ रुपये का व्यय जा चुका है। शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिये 51.23 करोड़ रुपये खर्च किया गया, जिसमें झांसी पुस्तकालय का जीर्णोंद्धार, 3 प्राइमरी विद्यालयों की अवस्थापना ढांचे को उन्नत, एक नये प्राइमरी स्कूल का निर्माण, राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज का जीर्णोंद्धार, कायाकल्प परियोजना से 79 स्कूलों का सुदृढ़ीकरण आदि कार्य शामिल है।
खेल और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिये 50.74 करोड़ रुपये का व्यय किया गया, जिससे मेजर ध्यान चन्द्र स्टेडियम में बेडमिंटन कोर्ट को उन्नत करने व हॉकी स्टेडियम में फ्लड लाइट लगाने, 42 नये ओपन जिम का निर्माण, 40 योगा सेण्टर्स का निर्माण, राजकीय इण्टर कॉलेज में खेल सुविधा को उन्नत करने, पब्लिक बाई-साइकिल शेयरिंग सिस्टम विकसित करने का कार्य शामिल हैं। कुल 67 परियोजनाओं में से 50 परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है, अवशेष पर कार्य द्रुत गति से चल रहा है।
उन्होंने बताया कि झांसी पुस्तकालय भारत की पहली नेट जीरो लाइब्रेरी है। लाइब्रेरी में 200 बच्चों के बैठने की व्यवस्था तथा छोटे बच्चों के बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसमें आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है। सोलर पैनल से आवश्यकता से अधिक विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। इसी प्रकार स्टेडियम के निर्माण में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जा रहा है।
इससे पूर्व, जिलाधिकारी जौनपुर श्री अनुज कुमार झा ने ‘आंगनबाड़ी आईओटीरू वेट एंड हाइट मेजरमेंट ऑटोमेशन’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के वजन और लंबाई को मापने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जा रहा है। इसके प्रयोग से मैनुअल डाटा फीड करने की जरूरत नहीं पड़ती है। बच्चों के ऊंचाई और वजन की सटीक गणना होती है, जिससे कुपोषित बच्चों की पहचान में मदद मिल रही है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, सचिव कृषि राजशेखर, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद, मिशन निदेशक यूपीएसआरएलएम सुश्री सी. इंदुमती सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।